नई दिल्ली : क्षमता से अधिक कोचिंग सेंटरों में पढ़ते हैं छात्र !
Delhi News: क्षमता से अधिक कोचिंग सेंटरों में पढ़ते हैं छात्र
संचालक ताक पर रखकर चला रहे संस्थान, नहीं हैं सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम
राजेंद्र नगर, मुखर्जी नगर, करोल बाग, लक्ष्मी नगर समेत कई बड़े कोचिंग हब हैं, जहां कोचिंग संचालक नियमों की अनदेखी कर रहे हैं। बहुमंजिला इमारतों में घुसने के लिए संकरी सीढ़ियां, प्रवेश व निकासी के छोटे रास्ते, छोटे कमरों में ठसाठस भरे छात्र ये हालात इन कोचिंग संस्थानों में आम देखने को मिलते हैं। मुखर्जी नगर में यूपी के दादरी से सिविल परीक्षा की तैयारी करने आए आदित्य ने दावा करते हुए बताया कि एक कक्षा में 100-200 छात्रों के बैठने की क्षमता है, लेकिन कोचिंग संचालक 1000 हजार तक छात्र-छात्राओं को बैठा देते हैंं।
प्रवेश व निकास के लिए केवल एक ही दरवाजा उपलब्ध
सत्यम ने बताया कि हर बैच में लगभग 2000 छात्रों को एक साथ पढ़ाया जाता है। ऐसी स्थिति में कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। कई कोचिंग सेंटरों में तो अग्निशमन यंत्र भी नहीं लगे हुए हैं। ऐसे में आग लगती है तो बड़ा हादसा हो सकता है। शॉर्ट सर्किट को तो छोड़िए, अगर भूकंप आ गया तो हालात खराब हो सकते हैं।
मोटी फीस वसूलने के बावजूद सुरक्षा इंतजाम नहीं
बत्रा कैंपस स्थित जैना हाउस, अंसल बिल्डिंग, मनुश्री बिल्डिंग में प्रवेश द्वार पर ही एक साथ सैकड़ों तारें उलझी रहती हैं। इसी तरह बेसमेंट का भी यही हाल है, जहां हल्की सी बारिश होने पर जलभराव हो जाता है। ऐसे में बच्चों को करंट लगने की आशंका बनी रहती है।
जर्जर स्थिति में है बचाव वाले उपकरण
ज्यादातर कोचिंग सेंटर में आग से बचाव वाले उपकरण तो हैं, लेकिन स्थिति जर्जर है। संचालक का ध्यान सिर्फ बच्चों की संख्या पर रहता है। हादसे से सरकार व स्थानीय निकाय को सबक लेना चाहिए।
कोचिंग सेंटरों की खिड़कियां प्रचार बोर्ड से छिपी रहती हैं। एमसीडी से मिलीभगत की वजह से प्रचार बोर्ड बेतरतीब लगा दिए जाते हैं। सबसे बड़ी चुनौती कोचिंग संस्थान के प्रचार के लिए लगे बोर्ड को हटाना है।