अपने समय की कद्र करें ?
अपने समय की कद्र करें
दृश्य की शुरुआत अस्पताल के आपातकालीन विभाग में बेहोश पड़े एक बूढ़े व्यक्ति से होती है, जो सांसें लेने के लिए संघर्ष कर रहा है। दो डॉक्टर उसे होश में लाने की कोशिश कर रहे हैं। एक डॉक्टर उस व्यक्ति की महंगी कलाई घड़ी देखता है और उसे चुराने की कोशिश करता है। दूसरा कहता है, तुम क्या कर रहे हो?
लालची डॉक्टर लापरवाही से जवाब देता है, यह उसकी जान बचाने की कीमत है। पहला डॉक्टर उसे रोकता है, लेकिन वह सुनता नहीं। जैसे ही वह घड़ी का पट्टा खोलता है, बेहोश आदमी कुछ पल के लिए अचानक जाग जाता है और उसे धन्यवाद कहकर फिर बेहोश हो जाता है।
लालची डॉक्टर कहता है, देखो, बूढ़े ने घड़ी लेने के लिए किस तरह से मुझे धन्यवाद दिया है। फिर वह घड़ी को एप्रन की जेब में रखता है और अपने कक्ष में चला जाता है। वह कलाई पर घड़ी बांधता है तो पाता है कि उसकी सुइयां तेज गति से चल रही हैं और एक मिनट में एक दिन का समय पूरा कर रही हैं।
लालची डॉक्टर यह सोचकर कि घड़ी खराब है, उसे रोकने की कोशिश करता है। लेकिन जब वह घड़ी की सुइयों को हिलाने के लिए कलाई से घड़ी निकालने की कोशिश करता है तो पाता है कि वह पट्टे को खोल नहीं पा रहा है। दूसरा डॉक्टर मरीज की देखभाल करने के बाद उसके कक्ष में आता है तो अपने सहयोगी को बूढ़ा होते देख आश्चर्यचकित हो जाता है।
वो कहता है, आईने में अपने को देखो। और तब जाकर दोनों को अहसास होता है कि वह एक अभिशप्त घड़ी है। लालची डॉक्टर मरीज के बिस्तर के पास जाता है, तो पाता है कि वहां कोई नहीं है और एक युवक मरीज के पुराने कपड़ों को इकट्ठा कर रहा है। डॉक्टर उससे पूछता है कि यहां जो बूढ़ा आदमी लेटा था, वो कहां गया?
युवक कहता है, वह मैं हूं। मैंने कल यह घड़ी लूटी थी और आज मैं यहां पहुंच गया।लालची डॉक्टर उससे घड़ी वापस लेने की विनती करता है, लेकिन युवक उसकी अनसुनी कर चला जाता है। वह अस्पताल में सभी से अपनी कलाई घड़ी मुफ्त में लेने के लिए मदद मांगता है, लेकिन उसकी कोई नहीं सुनता।
वह इस उम्मीद से बाहर चला जाता है कि कोई उसे लूट लेगा, लेकिन ऐसा भी कोई नहीं करता। तब तक वह बहुत बूढ़ा हो चुका होता और अस्पताल लौट आता है। दूसरा डॉक्टर उसे फिर से वहां देखता है तो कहता है कि लोगों से अपनी यह अभिशप्त घड़ी लेने की गुहार करने के बजाय तुम्हें किसी की मदद करनी चाहिए, शायद मानवता दिखाने से तुम्हारी इस समस्या का समाधान हो जाए।
लालची डॉक्टर उस पर चिल्लाते हुए कहता है कि तुम क्यों नहीं मानवता दिखाते हुए मेरे हाथ से यह घड़ी निकालकर मुझे बचाते? लेकिन वह मना कर देता है और अपने केबिन में वापस चला जाता है। तभी एक महिला हार्ट अटैक के एक मरीज को लेकर वहां आती है।
लालची डॉक्टर जल्दी से महिला से कहता है कि वह मरीज को संभाल लेगा, उसे दौड़कर केबिन से डॉक्टर को बुला लाना चाहिए। जब वह चली जाती है, तो वह बूढ़े आदमी से अपनी कलाई घड़ी की धातु की क्लिप खुलवाता है। बुजुर्ग को आश्चर्य होता है।
लालची डॉक्टर मरीज के हाथ पर दबाव डालता है और अगले ही पल मरीज मर जाता है, और उसका हाथ नीचे गिर जाता है। डॉक्टर तुरंत उसकी छाती दबाता है और उसे पुनर्जीवित करता है ताकि वह डॉक्टर के आने से पहले उसकी घड़ी निकाल सके।
फिल्म का अंतिम दृश्य यह है कि मरीज होश में आ जाता है, डॉक्टर यह देखकर हैरान रह जाता है कि लालची डॉक्टर को उसका जवान शरीर वापस मिल गया है और कलाई घड़ी जमीन पर पड़ी हुई है। घड़ी के पीछे लिखा होता है- समय का महत्व समझो। और यही इस 8.32 मिनट की फिल्म का शीर्षक भी है। डॉक्टर चुपचाप उस घड़ी को कूड़ेदान में फेंक देता है और फिल्म समाप्त हो जाती है।
….अगर आपको लोगों की मदद करने का अवसर मिलता है तो कृपया उनकी मदद करें और अगर आप उनसे कुछ चुराने की कोशिश करते हैं तो याद रखें कि आप उनकी सम्पत्ति के साथ ही उनके अभिशाप भी चुरा रहे हैं!