देश के सबसे गरीब 20% लोगों के बीच वाहनों का स्वामित्व 11 साल में 566% बढ़ा, ऐसे हैं राज्यवार आंकड़े
खुलासा: देश के सबसे गरीब 20% लोगों के बीच वाहनों का स्वामित्व 11 साल में 566% बढ़ा, ऐसे हैं राज्यवार आंकड़े
आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी-पीएम) की सदस्य शमिका रवि ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट करते हुए बताया कि वित्त वर्ष 2012 में भारत की सबसे गरीब 20% आबादी में से 6% के पास खुद का वाहन था। वित्त वर्ष 2023 तक यह बढ़कर 40% हो गया।
प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी-पीएम) की सदस्य शमिका रवि के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2011-12 (वित्त वर्ष 12) से वित्तीय वर्ष 2022-23 (वित्त वर्ष 23) तक 11 साल की अवधि में वाहन रखने वाले सबसे गरीब भारतीय परिवारों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई।
रवि ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट करते हुए बताया कि वित्त वर्ष 2012 में भारत की सबसे गरीब 20% आबादी में से 6% के पास खुद का वाहन था। वित्त वर्ष 2023 तक यह बढ़कर 40% हो गया। शमिका ने अपनी ट्वीट के साथ राज्यवार आंकड़े भी साझा किए हैं। इस तरह वाहनों के स्वामित्व के मामले में 11 वर्षों के दौरान तकरीबन 566% का इजाफा दर्ज किया गया।
शमिका रवि की ओर से साझा किए गए आंकड़ों से पता चलता है कि भारत के सबसे निचले 20% परिवारों में वाहन का स्वामित्व रखने के मामले में सबसे अधिक वृद्धि पंजाब में हुई। राज्य के सबसे गरीब ग्रामीण परिवारों में यह संख्या 15.5% से बढ़कर 62.5% हो गई है। पंजाब के सबसे गरीब शहरी परिवारों में यह संख्या 14% से बढ़कर 65.7% पर पहुंच गई।

हालांकि, कर्नाटक इस मामले में काफी पीछे रहा। कर्नाटक में उक्त 11 वर्ष की अवधि में ग्रामीण क्षेत्रों में वाहन स्वामित्व 3.3% से बढ़कर महज 56.6% हो पाया, जबकि राज्य के शहरी गरीब परिवारों में वाहनों का 11.1% से बढ़कर 61.3% हो गया।
इस मामले में वाहन का मतलब कार, जीप, मोटरसाइकिल और स्कूटर से है। महाराष्ट्र की बात करें तो यहां के ग्रामीण क्षेत्र में भी उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है, जहां सबसे गरीब परिवारों के बीच वाहन स्वामित्व वित्त वर्ष 2012 में 4.1% था जो बढ़कर वित्त वर्ष 2023 में 45.1% पर पहुंच गया।
देश के का पूर्वी राज्य असम उन राज्यों में शामिल है जहां वाहन स्वामित्व में वृद्धि अपेक्षाकृत कम रही। असम में यह 1% से बढ़कर महज 9.6% हो गया। शहरी क्षेत्रों वाहन स्वामित्व में इजाफा 1% से बढ़कर 15.2% हो गया।
बिहार में उक्त अवधि के दौरान, ग्रामीण क्षेत्रों में वाहन स्वामित्व 1.8% से बढ़कर 19.1% हो गया, और शहरी क्षेत्रों में 6.1% से बढ़कर 16.8% हो गया। पश्चिम बंगाल में, वित्त वर्ष 2012 में सबसे गरीब ग्रामीण परिवारों में से 1% से भी कम के पास वाहन थे, और वित्त वर्ष 2023 में यह बढ़कर 11.3% हो गया। इसी अवधि में शहरी क्षेत्रों में यह आंकड़ा 1% से बढ़कर 15.2% हो गया। ये आंकड़े सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के आंकड़ों पर आधारित हैं।