महाराजपुरा क्षेत्र में बढ़ रही अवैध बसाहट, लोगों को ठग रहे कालोनाइजर
महाराजपुरा से लेकर भिंड रोड के आसपास व एमिटी यूनिवर्सिटी के पास के क्षेत्र में सबसे ज्यादा अवैध कालोनियां पैर जमा रही हैं।ग्वालियर शहर का बढ़ता क्षेत्र न्यू सिटी सेंटर, सिरोल, हुरावली व पुरानी छावनी क्षेत्र है, यहां हाइवे से लेकर हाइवे से सटकर कालोनियां व हाइराइज इमारतें बन रहीं हैं। शहर के बड़े बिल्डर्स भी इसी क्षेत्रों में कालोनियां बसा रहे हैं।

- महाराजपुरा, भिंड रोड व एमिटी यूनिवर्सिटी के आसपास सबसे ज्यादा अवैध प्लाटिंग
- टीएंडसीपी से ले-आउट के नाम पर परमिशन भी नहीं होती
- अवैध कालोनाइजर नियमों को दरकिनार कर काम कर रहे हैं
ग्वालियर। स्मार्ट सिटी ग्वालियर भले ही हो लेकिन अवैध कालोनियों के नाम पर लोगों के साथ ठगी हो रही है। महाराजपुरा से लेकर भिंड रोड के आसपास व एमिटी यूनिवर्सिटी के पास के क्षेत्र में सबसे ज्यादा अवैध कालोनियां पैर जमा रही हैं।
यहां बड़े-बड़े सपने दिखाकर लोगों से बुकिंग की जा रही है और टीएंडसीपी से ले-आउट के नाम पर परमिशन भी नहीं होती। सबसे पहले एडवांस ले लिया जाता है और फिर ग्राहक को फंस जाता है। इसको लेकर लगातार सीएम हेल्पलाइन से लेकर नगर निगम व प्रशासन पर शिकायत पहुंच रही हैं। अब इसकी जांच के लिए अधिकारी तैयारी भी कर रहे हैं।
कालोनाइजर बीघाओं में कृषि भूमि पर मुरम की सड़क से लेकर कुछ खंबे लगा देते हैं जिन कालोनियों को फार्म फोर बताया जाता है। वहीं इसी क्षेत्र में महाराजपुरा एयरबेस भी है और यहां निर्धारित दायरे में हाइराइज बिल्डिंग से लेकर कई चीजों पर प्रतिबंध भी है। अवैध कालोनाइजर नियमों को दरकिनार कर काम कर रहे हैं।
झूठे आफर देकर लोगों को फंसा रहे
महाराजपुरा क्षेत्र में कालोनाइजर व बिल्डर्स अवैध कालोनी बसाने के साथ लोगों को झूठे आफर भी देते हैं। अब त्योहारी सीजन आ रहा है और सबसे ज्यादा इंटरनेट मीडिया का प्रयोग किया जाता है। लुभावने आफर देकर बुकिंग करा ली जाती है और फंसा लिया जाता है।
महाराजपुरा क्षेत्र: यहां 1000 रुपये वर्गफीट औसत रेट
महाराजपुरा व भिंड रोड के आसपास के पूरे बेल्ट में बिल्डर-कालोनाइजर अनाप-शनाप कीमतों पर प्लाट बेचने में लगे हैं। यहां तीन हजार से चार हजार रुपये तक जमीन की कीमत बताई जाती है लेकिन हकीकत में हजार से 1200 रुपये तक में यहां प्लाट खरीदा जा सकता है। कालोनाइजर मात्र शब्द का उपयोग कर तीन से चार हजार रूपए रेट अपने विज्ञापन में खोलते हैं इससे लोग भ्रमित होते हैं। कलेक्टर गाइडलाइन की गलत जानकारी लोगों को दी जा सकती है इसलिए यहां प्लाट आदि लेने से पहले लोग पंजीयन विभाग व राजस्व से पूरी जानकारी लेकर ही प्लाट खरीदें।
बंदिशें भी बढ़ने की संभावना, यहां रक्षा क्षेत्र की इकाईयां
महाराजपुरा क्षेत्र में एयरफोर्स का स्टेशन है, रक्षा विभाग की डीआरडीई की बड़ी लैब एमिटी यूनिवर्सिटी के पास है, इसके अलावा रीजनल कान्क्लेव होने के बाद यहां औद्योगिक क्षेत्र को बढ़ावा दिया जाएगा जिसमें प्रदूषण का स्तर भी न बढ़े, इसको लेकर प्रयास होंगे। बसाहट को लेकर गाइडलाइन के तहत ही काम होगा।