ग्वालियर शहर में मौत के स्पाट.. ?
शहर में मौत के स्पाट.. लोगों की जा रही जान, सुधार के इंतजाम नहीं
शहर के विभिन्न हिस्सों में चौराहे व हाइवे पर एक्सीडेंट के स्पाट बन गए हैं। इन पर स्पाटों अक्सर वाहन दुर्घटनाओं में लोगों की जान जा रही है। हादसों की वजह तकनीकी खामियां हैं। छोटे-छोटे सुधार की जरूरत है लेकिन फिर भी हालात बदतर हैं। इसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है।
झांसी रोड हाइवे स्थित आदित्य वर्ल्ड स्कूल के पास रमौआ चौराहा से निकलते वाहन, जहां पर आए दिन हादसे होते रहते हैं …
- मौत के स्पाटों पर रोजाना जा रही है लोगों की जान
- सिरोल हाइवे, सिकरोदा चौराहा व पुरानी छावनी पर हो रहे हादसे
- शहर में हो रहे हादसों की वजह खराब सड़क है
ग्वालियर। शहर में मौत के स्पाट- यहां हर रोज हादसे हो रहे हैं। लगातार लोगों की जान जा रही है। हादसों की वजह तकनीकी खामियां हैं। छोटे-छोटे सुधार की जरूरत है लेकिन फिर भी हालात बदतर हैं। इसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है। हर रोज यहां हादसे हो रहे हैं और निर्दोष लोगों की मौत हो रही है। शहर में सबसे ज्यादा मौत की वजह सड़क हादसे ही हैं।
आंकड़े..
- वर्ष- कुल हादसे- मौत
- 2022- 1255- 187
- 2023- 1099- 164
- 2024- 1242- 181
- नोट: यह आंकड़े प्रतिवर्ष में जनवरी माह से जुलाई माह के बीच के हैं।
2024-
माह- हादसे- मौत
जनवरी- 158- 21
फरवरी- 179- 22
मार्च- 196- 24
अप्रैल- 194- 29
मई- 183- 28
जून- 182- 37
जुलाई- 160- 20
यह हैं स्पाट..जहां लगातार हादसे:
- सिरोल हाइवे: सिरोल हाइवे पर तीन ऐसे स्पाट हैं, जहां लगातार हादसे हो रहे हैं। शहर के आउटर प्वाइंट पर सबसे बड़ा हादसे का क्षेत्र यही है। जहां आए दिन हादसे होते हैं। यहां न्यू कलेक्ट्रेट की ओर से सिरोल हाइवे को जोड़ने वाली सड़क सबसे ज्यादा खतरनाक है। यहां लेवलिंग समान न होने की वजह से न्यू कलेक्ट्रेट की ओर से जाने वाले वाहन हाइवे से आने वाले वाहन चालकों को नजर ही नहीं आते।
- सिकरोदा चौराहा: यह हादसे का दूसरा बड़ा प्वाइंट है। जहां चार तरफ से आने वाले वाहन एक ही जंक्शन पर मिलते हैं। यहां वाहनों को व्यवस्थित करने के लिए ट्रैफिक सिग्नल है, लेकिन कभी चालू रहता है कभी बंद। यहां भी ट्रैफिक इंजीनियरिंग की खामी की वजह से हादसे हो रहे हैं।
- पुरानी छावनी: निरावली तिराहे पर सबसे ज्यादा हादसे होते हैं। यहां सड़क किनारे शोल्डर हादसों की बड़ी वजह हैं। यह इलाका शहर से सटा हुआ है, फिर भी यहां वाहनों की गति पर कोई नियंत्रण नहीं है।