मध्य प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव 22 फरवरी को, 17 साल बाद विंध्य के खाते में जा सकता है पद

विंध्य से श्रीनिवास तिवारी 24 दिसंबर 1993 से 11 दिसंबर 2003 तक मध्य प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष रहे हैं. उनके बाद से विंध्य का कोई नेता इस पद पर नहीं रहा.

भोपाल: मध्य प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव 22 फरवरी को होगा. विधानसभा सचिवालय ने चुनाव कार्यक्रम जारी कर दिया है. इसके मुताबिक बजट सत्र के पहले ही दिन सदन के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव होगा. बीजेपी पर विंध्य क्षेत्र के नेताओं को एडजस्ट करने का दबाव है. ऐसे में यह माना जा रहा है कि विधानसभा अध्यक्ष का पद 17 साल बाद विंध्य के खाते में जा सकता है. विंध्य से आने वाले विधायकों केदारनाथ शुक्ल और गिरीश गौतम में कोई एक अध्यक्ष पद का प्रबल दावेदार माना जा रहा है. गिरीश गौतम रीवा के देवतालाब सीट से और केदारनाथ शुक्ल सीधी सीट से भाजपा विधायक हैं.

सीताशरण शर्मा के नाम की भी चर्चा चल रही
मध्य प्रदेश विधानसभा के पूर्व स्पीकर सीताशरण शर्मा के नाम की भी चर्चा चल रही है. भाजपा अपने असंतुष्ट विधायकों को संतुष्ट करने के लिए विधानसभा उपाध्यक्ष का पद भी अपने पास रख सकती है. अध्यक्ष, उपाध्यक्ष समेत अन्य नेताओं के एडजस्टमेंट पर बीजेपी में मंथन शुरू हो गया है. पार्टी के दर्जनभर नेताओं को शिवराज सरकार में एडजस्टमेंट का इंतजार. उन्हें शिवराज कैबिनेट और निगम मंडलों में जगह मिल सकती है.

विंध्य से श्रीनिवास तिवारी रह चुके हैं स्पीकर
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और संगठन महामंत्री सुहास भगत की इस मसले पर प्रारंभिक चर्चा हुई है. फरवरी के पहले सप्ताह में नाम पर अंतिम मुहर लगाने के लिए भाजपा प्रदेश नेतृत्व की दोबारा बैठक होगी. विंध्य से श्रीनिवास तिवारी 24 दिसंबर 1993 से 11 दिसंबर 2003 तक मध्य प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष रहे हैं. उनके बाद से विंध्य का कोई नेता इस पद पर नहीं रहा.

मंत्रिमंडल की बची सीटाें पर भी हाेगा मंथन
सूत्रों की मानें तो नए स्पीकर के बारे में राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश और प्रदेश प्रभारी पी मुरलीधर राव से भी बात होगी. इस संभावना पर भी विचार हो रहा है कि विधानसभा अध्यक्ष-उपाध्यक्ष का नाम तय करते समय मंत्रिमंडल की बची हुई सीटों को भी भरने के लिए नाम तय हों. अभी शिवराज कैबिनेट में 4 मंत्रियों को फिट किया जा सकता है. मुख्यमंत्री समेत वर्तमान में कैबिनेट सदस्यों की संख्या 31 है. कुल 35 मंत्री बनाए जा सकते हैं.

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