इंदौर : फर्जी मार्कशीट का मामला ..?
फर्जी मार्कशीट का मामला:अब तक 1 हजार से ज्यादा मार्कशीट बनाकर देने का हुआ खुलासा; 2 शिक्षकों के बाद इंस्टिट्यूट संचालक सहित 2 और पकड़ाए
फर्जी मार्कशीट तैयार कर ऊंची कीमत में बेचने वाले अंतरराज्यीय गिरोह से जुड़े दो और बदमाशों को विजय नगर पुलिस ने मंगलवार को गिरफ्तार किया है।
फर्जी मार्कशीट तैयार कर ऊंची कीमत में बेचने वाले अंतरराज्यीय गिरोह से जुड़े दो और बदमाशों को विजय नगर पुलिस ने मंगलवार को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए दोनों बदमाश पूर्व में गिरफ्तार दोनों शिक्षकों से जुड़े हुए हैं। इनमें से एक मेरठ के शैक्षणिक संस्थान से फ्रेंचाइजी लेकर खुद का निजी इंस्टीट्यूट चलाता है, वहीं दूसरा फर्जी मार्कशीट बनवाने के लिए इस गिरोह से जुड़ा था। इसने एक मार्कशीट बनवाई थी, फिर वह इसी गिरोह का सदस्य बन गया।
विजय नगर टीआई रवींद्र गुर्जर ने बताया कि गत दिनों दिनेश तिरोले नामक आरोपी को फर्जी मार्कशीट तैयार करने के मामले में गिरफ्तार किया था। उसकी निशानदेही पर मनीष राठौर निवासी उज्जैन पकड़ा था। मंगलवार को इन दोनों की निशानदेही पर इस गिरोह से जुड़े दो अन्य आरोपी मुकेश तिवारी और नीतेश शर्मा को भी गिरफ्तार किया है। मुकेश की आरोपी दिनेश तिरोले से लिंक जुड़ी है। ये इंदौर में केएस मेमोरियल इंस्टीट्यूट संचालित करता है, जो मेरठ के बड़े शैक्षणिक संस्थान से जुड़ा होना बताता है।
नीतेश शर्मा कुछ दिन पहले ही एक मार्कशीट बनवाकर दिनेश से जुड़ा
इन दोनों आरोपियों ने भी बीएचएमएस, बीएएमएस सहित 10वीं, 12वीं की मार्कशीट बनाकर कई छात्रों को बेची है। वहीं दूसरा आरोपी नीतेश शर्मा कुछ दिन पहले ही दिनेश से जुड़ा था। इसने दिनेश से एक फर्जी मार्कशीट बनवाई थी जो दिल्ली के इंस्टीट्यूट की है। दिनेश ने मार्कशीट को कोरियर के जरिये इसे इसके लिंबोदी स्थित घर पर भिजवाया था। इससे वह काफी खुश हुआ और इनके रैकेट से जुड़कर काम करने की बात तय कर चुका था। इसके पास आई फर्जी मार्कशीट बरामदगी के लिए टीम दिल्ली भेजी है। इनके अन्य राज्यों के बदमाशों से जुड़ी लिंक भी खंगाली जा रही है।
यह है पूरा मामला
पिछले दिनों आरोपी दिनेश ने छात्र आशीष को 45 हजार रुपए में तीन साल के ग्रेजुएशन की मार्कशीट बनाकर देने की बात कही थी। उससे 10 हजार रुपए ऐंठ भी लिए थे। आशीष ने फर्जी मार्कशीट मिलने पर विजय नगर थाने में शिकायत की थी। इसके बाद पुलिस ने दिनेश को आरोपी बना लिया था। दिनेश की निशानदेही पर गिरोह में शामिल उज्जैन के आरोपी मनीष राठौर को भी गिरफ्तार किया था। इन दोनों ने 5 साल से रैकेट चलाने की बात कबूली और करीब 1 हजार से ज्यादा फर्जी मार्कशीट बना कर लाखों रुपए छात्रों से वसूलना बताया है। इसके बाद मामले की परतें खुलने लगी हैं।