वन नेशन, वन इलेक्शन विधेयक को मिली मंजूरी !
वन नेशन, वन इलेक्शन विधेयक को मिली मंजूरी, जानें भारत में आखिरी बार कब हुए थे एक साथ चुनाव?
Simultaneous Polls: ‘एक देश, एक चुनाव’ विधेयक संसद के चालू शीतकालीन सत्र में पेश किये जाने की संभावना है.
One Nation, One Election Bill: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुरुवार (12 दिसबर) को ‘एक देश, एक चुनाव’ विधेयक को मंजूरी दे दी. इस विधेयक को संसद के इसी शीतकालीन सत्र में पेश किए जाने की संभावना है. विधेयक को विस्तृत चर्चा के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को भेजे जाने की संभावना है.
चुनावों को एक साथ करने का प्रस्ताव भारतीय जनता पार्टी के 2024 के चुनावी घोषणापत्र का हिस्सा था और इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थन मिला है, लेकिन कई राजनीतिक दलों और कार्यकर्ताओं ने इसका कड़ा विरोध किया है, जिनका आरोप है कि इससे लोकतांत्रिक जवाबदेही को नुकसान पहुंचेगा.
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में बनी समिति
सितंबर में, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली एक उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों को मंजूरी दी थी, जिसमें पूरे भारत में एक साथ चुनाव कराने की बात कही गई थी. 18,000 पेजों वाली कोविंद रिपोर्ट में चुनावों को एक साथ कराने के लिए चरणबद्ध दृष्टिकोण की रूपरेखा तैयार की गई थी, जिसकी शुरुआत सबसे पहले लोकसभा और राज्य विधानसभाओं से की जानी थी, उसके बाद 100 दिनों के भीतर स्थानीय निकाय चुनाव कराए जाने थे.
भारत में आखिरी बार कब हुए थे एक साथ चुनाव
1950 में गणतंत्र बनने के बाद, 1951 से 1967 तक हर पांच साल में लोकसभा और सभी राज्य विधानसभाओं के लिए एक साथ चुनाव आयोजित किये गये. देश में मतदाताओं ने 1952, 1957, 1962 और 1967 में केंद्र और राज्य दोनों के लिए एक साथ वोट डाला था. हालांकि, कुछ पुराने राज्यों के पुनर्गठन और नए राज्यों के उदय के साथ यह प्रक्रिया 1968-69 में पूरी तरह से बंद हो गई.
1983 में चुनाव आयोग ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में एक साथ चुनाव फिर से शुरू करने का सुझाव दिया. 1999 में विधि आयोग की रिपोर्ट में भी इस अभ्यास का उल्लेख किया गया था. एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, दक्षिण अफ्रीका, स्वीडन, बेल्जियम, जर्मनी, जापान, इंडोनेशिया और फिलीपींस जैसे कई देशों में एक साथ चुनाव होते हैं.