पहले ये जान लें
- बात अगर सर्दियों की करें, तो यहां फ्लाइट का उड़ान भरने में देरी होना आम बात है। इसके पीछे घना कोहरा एक अहम कारण होता है। लगभग हर साल ही सर्दियों के मौसम में कई फ्लाइट्स देरी से उड़ान भरती हैं या फिर कई तो कैंसिल ही हो जाती हैं। मौजूदा समय में भी कई फ्लाइट्स देरी से चल रही हैं, जबकि कई रद्द हो चुकी हैं। लगभग 400 उड़ानें कोहरे से प्रभावित हुई है।
यहां जानें नियम:-
इन मामलों में नाश्ते की व्यवस्था करनी पड़ती है-
- डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन यानी डीजीसीए के मुताबिक अगर कोई फ्लाइट ढाई घंटे की अवधि की है, लेकिन वो दो घंटे डिले है
- अगर किसी फ्लाइट की अवधि ढाई से पांच घंटे के बीच है और वो तीन घंटे डिले है
- वहीं, अगर कोई फ्लाइट चार घंटे या उससे ज्यादा डिले है, तो यात्रियों को नाश्ता उपलब्ध कराना चाहिए।
अलर्ट करना चाहिए
- नियमों के मुताबिक, अगर कोई फ्लाइट छह घंटे से लेट होती है, तो डीजीसीए एयरलाइन को डिपार्चर टाइम से 24 घंटे पहले प्लेन में यात्रा करने वाले यात्रियों को सूचित करना होता है
- वहीं, ऐसी स्थिति में यात्री चाहें तो दूसरी किसी फ्लाइट में सीट मांग सकते हैं या फिर पूरा रिफंड ले सकते हैं।
रहने की व्यवस्था भी करनी होती है
- डीजीसीए के नियम के मुताबिक, अगर कोई फ्लाइट छह घंटे से ज्यादा या फिर 24 घंटे से अधिक लेट होती है और फ्लाइट के उड़ान भरने का समय रात आठ बजे से लेकर सुबह 3 बजे के बीच है, तो ऐसी स्थिति में एयरलाइन को यात्रियों को मुफ्त में ठहराने की व्यवस्था भी करनी होती ह
फ्लाइट कैंसिल होने पर क्या करें?
- अगर आप किसी फ्लाइट में यात्रा करने वाले हैं, लेकिन ये कैंसिल हो रही है तो एयरलाइन को अपने यात्रियों को दो सप्ताह से कम समय में, लेकिन निर्धारित डिपार्चर समय से कम से कम 24 घंटे पहले जानकारी देनी होती है। फिर बतौर यात्री आप एयरलाइन से पूरा रिफंड ले सकते हैं या दूसरी किसी फ्लाइट में सीट ले सकते हैं।