ग्वालियर : पंजीयन कार्यालय के सामने राजकमल बिल्डर की इमारत …. सभी सर्वे नंबर होंगे चेक !
सर्वे क्रमांक 200 पर बनी इस इमारत की जमीन को 2019 में शासकीय घोषित किया गया था, इसके बाद मामला कोर्ट में पहुंचा। यह पूरा इलाका प्रीमियम जमीन का है, जहां जमीनों के दाम आसमान पर हैं। बता दें कि गुरुवार को कलेक्टर रुचिका चौहान ने पंजीयन कार्यालय का निरीक्षण किया था, जहां उनके पहुंचते ही कई सर्विस प्रोवाइडर दुकानों में ताला डालकर भाग गए थे।

- सर्विस प्रोवाइडर वाली जमीन की कलेक्टर ने दिए हैं जांच के निर्देश
- अलग-अलग सर्वे नंबरों पर इमारत व अवैध निर्माण कर लिए गए हैं
- कलेक्टर को संदेह हुआ और कलेक्टर ने सर्विस प्रोवाइडरों की सूची मांगी
ग्वालियर। कलेक्ट्रेट के पीछे स्थित पंजीयन कार्यालय के आसपास के सभी सर्वे नंबरों की प्रशासन जांच करेगा। शुक्रवार को तहसीलदार सिटी सेंटर ने पंजीयन कार्यालय के आसपास की जमीन का निरीक्षण किया और पाया कि यहां अलग-अलग सर्वे नंबरों पर इमारत व अवैध निर्माण कर लिए गए हैं जिनकी गहन जांच होगी। वहीं पंजीयन कार्यालय के सामने जिस इमारत में सर्विस प्रोवाइडर काबिज है वह इमारत राजकमल बिल्डर्स की है, यहां लगभग सौ दुकानें हैं।
सर्वे क्रमांक 200 पर बनी इस इमारत की जमीन को 2019 में शासकीय घोषित किया गया था, इसके बाद मामला कोर्ट में पहुंचा। यह पूरा इलाका प्रीमियम जमीन का है, जहां जमीनों के दाम आसमान पर हैं। बता दें कि गुरुवार को कलेक्टर रुचिका चौहान ने पंजीयन कार्यालय का निरीक्षण किया था, जहां उनके पहुंचते ही कई सर्विस प्रोवाइडर दुकानों में ताला डालकर भाग गए थे। इसके बाद कलेक्टर को संदेह हुआ और कलेक्टर ने सर्विस प्रोवाइडरों की सूची मांगी।
सर्विस प्रोवाइडरों वाली इमारत भी रही है विवादों में
ओहदपुर के सर्वे क्रमांक 200 पर राजकमल बिल्डर्स के कमल शर्मा द्वारा नए पंजीयन कार्यालय के सामने शास. भूमि पर एक टावर का निर्माण कर वहां 100 दुकानें बनाकर बेचीं गईं थीं। दुकानों की उस समय शिकायतें हुईं और शिकायत होने के बाद नगर निगम ने अपनी जांच में भवन अनुज्ञा में लगे नक्शों में ई-क्यूकूटरचित पाए जाने पर तत्कालीन निगमायुक्त अनय द्विवेदी की पहल पर विवि थाने में धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया था।
इसके बाद तत्कालीन संभागीय आयुक्त बीएम शर्मा के पत्र पर अपर कलेक्टर दिनेश श्रीवास्तव ने इस समूचे मामले की विस्तृत जांच करने के बाद 20 फरवरी 2019 को सर्वे क्रमांक 200 को शासकीय दर्ज करने के आदेश दिए। उन्होंने इसे शास. मानकर प्रतिवेदन कलेक्टर को सौंपा। इसके बाद तत्कालीन एसडीएम अनिल बनवारिया द्वारा 30 मई 2019 को इस जगह को शास. दर्ज करने की कार्रवाई की गई।