अब खाएं तो खाएं क्या: आटे से लेकर दाल तक में हो रही मिलावट, लिए गए 210 नमूने; रिपोर्ट आने पर होगी कार्रवाई
विभाग की ओर से मिलावटखोरों की कमर तोड़ने के लिए कई पदार्थों के नमूने लिए गए हैं। सबसे अधिक नमूने आटा, नमकीन और अरहर की दाल के नमूने भरे गए हैं।
आटे से लेकर दाल तक में हो रही मिलावट –
आटा, बेसन, सरसो तेल, घी, मेयोनेज, नमकीन, मक्खन, मछली, पैक मीट, अंडे और अरहर व चने की दाल खाने वाले सावधान हो जाएं। इन सभी पदार्थों में मिलावट का शक होने पर खाद्य सुरक्षा और औषधि विभाग की ओर से नोएडा, ग्रेटर नोएडा, दादरी, जेवर, दनकौर सहित कई प्रतिष्ठानों से 210 नमूने भरे गए हैं। त्योहारों के आने से पहले मिलावटखोर अधिक सक्रिय हो जाते हैं।
विभाग की ओर से मिलावटखोरों की कमर तोड़ने के लिए कई पदार्थों के नमूने लिए गए हैं। सबसे अधिक नमूने आटा, नमकीन और अरहर की दाल के नमूने भरे गए हैं। सोसाइटी, सेक्टर और गांवों के लोगों की ओर से लगातार सैपंलिंग कराने की मांग की जा रही थी। खाद्य सुरक्षा और औषधि विभाग ने सर्विलेंस के तौर पर कई स्थानों से सैंपल लिए हैं।
विभाग को शक है कि इन पदार्थों में अधिक मिलावट हो सकती है। खाद्य सुरक्षा और औषधि विभाग के सहायक आयुक्त द्वितीय सर्वेश मिश्र ने बताया कि जिलेभर से नमूने लिए गए हैं। नमूनों की रिपोर्ट आने के बाद फेल पदार्थों की प्रतिष्ठानों में छापेमारी की जाएगी। हर महीने सैंपलिंग की जाती है। नमूनों को दिल्ली की लैब में भेज दिया गया है। प्रतिष्ठानों के नाम गुप्त रखे गए हैं। रिपोर्ट आने के बाद प्रतिष्ठानों पर कार्रवाई की जाएगी।
अरहर व चने की दाल में हो रही मिलावट सहायक आयुक्त द्वितीय सर्वेश मिश्र ने बताया कि बाजार में अरहर की दाल में जब मिलावट की जाती है, तो उसमें खेसारी दाल मिला दी जाती है। यह दाल हूबहू अरहर की तरह ही नजर आती है, इसलिए मिलावट करने वालों के लिए उनका काम भी आसान हो जाता है। खेसारी की पहचान करना बहुत ही मुश्किल है। वैसे यह दाल पीले रंग की होती है और आकार में थोड़ी चौकोर होती है। इसके साथ ही घी, बेसन, मस्टर्ड तेल, घी, मायोनिस की जनपद में सबसे अधिक बिक्री होती है। इसलिए मिलावटखोर इसमें अधिक गोलमोल करते हैं।