Samyukt Kisan Morcha Meeting …. संयुक्त किसान मोर्चा ने MSP पर सरकार से बातचीत के लिए 5 लोगों की कमेटी बनाई, राकेश टिकैत का नाम शामिल नहीं

सिंघु बॉर्डर पर चल रही संयुक्त किसान मोर्चा की अहम बैठक खत्म हो चुकी है। संयुक्त किसान मोर्चा ने MSP पर सरकार से बातचीत के लिए बनाई जाने वाली कमेटी के लिए 5 लोगों के नाम तय कर दिए हैं। वहीं संयुक्त किसान मोर्चा की अगली बैठक आगामी 7 दिसंबर को होगी।

सिंघु बॉर्डर पर चल रही संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) की अहम बैठक खत्म हो चुकी है। संयुक्त किसान मोर्चा ने MSP पर सरकार से बातचीत के लिए बनाई जाने वाली कमेटी के लिए 5 लोगों के नाम तय कर दिए हैं। वहीं संयुक्त किसान मोर्चा की अगली बैठक आगामी 7 दिसंबर को होगी। MSP पर सरकार से बातचीत के लिए संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से बनाई गई कमेटी में शिव कुमार कक्का, गुरनाम सिंह चढ़ूनी, युद्धवीर सिंह, बलवीर सिंह राजेवाल और अशोक धावले की 5 सदस्यीय कमेटी बनाई है। गौरतलब है कि किसान नेता राकेश टिकैत का नाम MSP पर सरकार से बातचीत के लिए बनाई जाने वाली 5 सदस्यीय कमेटी में शामिल नहीं किया गया है।

सभी राज्यों में किसानों किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लिए जाएं- अशोक धावले
सिंघु बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक के बाद अशोक धावले ने कहा कि सभी राज्यों में किसानों किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लिए जाएं। सरकार से MSP पर गारंटी कानून बनाने पर बैठक में चर्चा की गई है। बिजली बिल 2020 कानून रद्द करने की मांग की गई है। किसान आंदोलन के दौरान मृत किसानों के परिवारों को मुआवजा मिले। आंदोलन में शहीद किसानों के स्मारक के लिए सरकार जमीन दे। सरकार बिजली बिल वापस ले। राज्य सरकारें किसानों पर दर्ज किए गए केस रद्द करें। गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा मंत्रीमंडल से बर्खास्त हों।

कमेटी सरकार से हर मसले पर बात करेगी: राकेश टिकैट

सिंघु बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) की बैठक के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि MSP पर गठित कमेटी सरकार से हर मसले पर बात करेगी। इससे पहले संयुक्त किसान मोर्चा ने गुरुवार को कहा था कि किसानों और सरकार के बीच ‘गतिरोध’ जारी है क्योंकि केंद्र उनकी लंबित मांगों के संबंध में कोई औपचारिक संदेश नहीं देकर उन्हें प्रदर्शन स्थलों पर रहने के लिए मजबूर कर रहा है। 40 किसान संघों के संगठन SKM ने एक बयान में कहा था कि किसान सकारात्मक प्रगति के लिए और सरकार द्वारा उनकी जायज मांगों को स्वीकार करने की धैर्यपूर्वक प्रतीक्षा कर रहे हैं। उनकी मांगों में फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानूनी गारंटी और आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा देना शामिल है।

SKM ने कहा कि भारत सरकार के साथ गतिरोध की वजह से किसान प्रदर्शन स्थल पर रहने को मजबूर हैं और उनकी लंबित मांगों को स्वीकार करने को लेकर अबतक कोई आधिकारिक संदेश नहीं मिला है। SKM ने यह भी कहा कि भारत के राष्ट्रपति ने संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित कृषि कानूनों को निरस्त करने वाले विधेयक को अपनी स्वीकृति दे दी है और इस बाबत एक गजट अधिसूचना जारी की गई है। SKM ने कहा, ‘इसके साथ ही एक अहम लड़ाई औपचारिक रूप से समाप्त हो गई है। प्रदर्शनकारी किसानों ने अपनी चुनी हुई सरकार के खिलाफ पहली बड़ी जीत हासिल की।’

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