ग्वालियर वेदांती फिटनेस सेंटर ….. रायरू स्थित फिटनेश सेंटर, जहां पर चल रही है मनमानी…?
वेदांती फिटनेस सेंटर ने एक माह एक गाड़ी की दो बार फिटनेस फेल कर दी, क्योंकि गाड़ी मालिक ने अतिरिक्त पैसा नहीं दिया। सेंटर के स्टाफ ने 1500 रुपये की मांग की। स्टाफ ने कहा कि यह पैसा तो देना पड़ेगा, वरना तुम्हारे वाहन की फीस नए सिरे से जमा होगी, न दिए जाने पर फिटनेस भी फेल कर दी जाएगी।

- निजी फिटनेस सेंटर रायरू में वसूली का खेल जारी
- वाहन फिटनेस सेंटर पर गजब मनमानी चल रही है
- फिटनेश सेंटर के स्टाफ ने मांगे 15 सौ रुपए अतिरिक्त
ग्वालियर। परिवहन विभाग की देखरेख में चलने वाले वाहन फिटनेस सेंटर पर गजब मनमानी चल रही है। वेदांती फिटनेस सेंटर ने एक माह एक गाड़ी की दो बार फिटनेस फेल कर दी, क्योंकि गाड़ी मालिक ने अतिरिक्त पैसा नहीं दिया। हैरानी और तब बढ़ी जब आटो चालक ने अपर कलेक्टर से पूरे मामले की शिकायत की।
इसके बाद पुरानी छावनी तहसीलदार को जिम्मा दिया कि इस मामले को दिखवाकर कार्रवाई की जाए। इसके बाद आटो चालक फिटनेस सेंटर पहंचा तो उसे धमकाया गया कि उसने शिकायत क्यों की। आटो चालक से कहा गया कि अब कलेक्ट्रेट गए हो तो कलेक्टर साहब से ही फिटनेस करा लो। बता दें कि आकाश आर्य पुत्र मुकेश आर्य निवासी घासमंडी मुरार 13 सितंबर को पुरानी छावनी रायरू स्थित वेदांती व्हीकल फिटनेस सेंटर गया था।
यहां पहले स्लाट बुक करके गया, जब वहां पहुंचा तो स्टाफ ने 1500 रुपये की मांग की। स्टाफ ने कहा कि यह पैसा तो देना पड़ेगा, वरना तुम्हारे वाहन की फीस नए सिरे से जमा होगी, न दिए जाने पर फिटनेस भी फेल कर दी जाएगी। यह आफिस हमें परिवहन विभाग ने निजी तौर पर दिया है तो एक लाख रुपये महीना किराया जाता है।
आफिस का खर्च व सैलरी कहां से निकाली जाएगी। कहीं भी शिकायत कर लेना कोई सुनेगा नहीं। जहां शिकायत करनी है कर सकते हो। इसके बाद आकाश ने दोबारा आवेदन किया और फीस भरी। दोबारा फेल हो जाने पर कलेक्टर की जनसुनवाई में शिकायत की।
फिटनेस सेंटर: इतनी मनमानी,जिम्मेदार आरटीओ
ग्वालियर में वाहनों की फिटनेस के नाम पर यह पहला मामला नहीं है, इससे पहले भी जब परिवहन कार्यालय हुरावली के बाहर फिटनेस होती थी तब भी वसूली की शिकायतें ज्यादा सामने आतीं थीं। ग्वालियर में प्रदेश का परिवहन मुख्यालय है, परिवहन मुख्यालय के सामने ही क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय है। परिवहन मुख्यालय से लेकर क्षेत्रीय कार्यालय में जब लोगों को साहब नहीं मिलते हैं तो एक निजी फिटनेस सेंटर को लेकर अफसर क्या कार्रवाई करेंगे इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। फिटनेस सेंटर पर इस मनमानी के सीधे जिम्मेदार आरटीओ एचके सिंह हैं। इस फिटनेस सेंटर का रूटीन के साथ कभी औचक निरीक्षण नहीं किया जाता है।
रिश्वत के लिए परेशान कर रहे सब
मेरे पास रिश्वत देने के लिए पैसे नहीं है, दो बार मेरी सात-सात सौ रूपए की फीसभरे हुए फिटनेस के आवेदन फेल कर दिए गए क्योंकि मैनें 1500 रूपए नहीं दिए। फिटनेस सेंटर की इतनी दादागिरी है कि आरटीओ विभाग से लेकर कलेक्ट्रेट तक कोई फिटनेस नहीं करा पा रहा है।
पीड़ित