गलत तरीके से नौकरी कर रहे शिक्षक, अफसर मौन ??
स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से संचालित शासकीय स्कूलों में आए दिन कोई न कोई अनियमितता सामने आ रही है, जिनकी पूर्व में शिकायतें भी की गईं।इसकी शिकायत पूर्व में आरटीआइ कार्यकर्ता ओमकार चौधरी ने जिला शिक्षा अधिकारी व संकुल केंद्र प्रभारी को की थी, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।

- शासकीय स्कूलों का मामला, अनियमितता के बाद भी सेवाएं दे रहे शिक्षक
- दर्ज है आपराधिक मामला, फिर भी की गई प्रतिनियुक्ति
- पति दिव्यांग, पत्नी पढ़ा रही बच्चों को
ग्वालियर। स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से संचालित शासकीय स्कूलों में आए दिन कोई न कोई अनियमितता सामने आ रही है, जिनकी पूर्व में शिकायतें भी की गईं, लेकिन स्कूल शिक्षा विभाग व प्रशासनिक अधिकारी मौन हैं। उनकी इस चुप्पी से गलत तरीके से नौकरी कर सरकारी लाभ ले रहे शिक्षकों की मौज है। ऐसा ही एक प्रकरण संकुल केंद्र पुरानी छावनी अंतर्गत शिक्षिका अर्चना मांझी का है, जिनके दो से अधिक बच्चे हैं, लेकिन वह सरकारी सेवक बनकर सरकारी लाभ ले रही हैं। इसकी शिकायत पूर्व में आरटीआइ कार्यकर्ता ओमकार चौधरी ने जिला शिक्षा अधिकारी व संकुल केंद्र प्रभारी को की थी, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
दर्ज है आपराधिक मामला, फिर भी की गई प्रतिनियुक्ति
माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक राकेश राजोरिया की प्रतिनियुक्ति की गई, जो कि नियम विरुद्ध है। नियमानुसार प्रतिनियुक्ति पर जाने वाले अभ्यर्थी के विरुद्ध कोई आपराधिक प्रकरण दर्ज नहीं होना चाहिए, जबकि राकेश राजोरिया के विरुद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज है। इसकी शिकायत की भी जिला शिक्षा अधिकारी से की गई, लेकिन अभी तक कोई कार्यवाई नहीं हुई। राकेश पिछले 15 साल से नौकरी कर रहे हैं। उनकी प्रतिनियुक्ति पिछले महीने हुई है।
पति दिव्यांग, पत्नी पढ़ा रही बच्चों को
ऐसा ही दूसरा मामला संकुल केंद्र पुरानी छावनी के अंतर्गत माध्यमिक विद्यालय औड़पुरा का है, जहां माध्यमिक शिक्षक अजय थोरात पदस्थ हैं, जो कि विकलांग है, बोलने और पढ़ाने में सक्षम नहीं हैं। उनके स्थान पर उनकी पत्नी भारती थोराट सेवाएं दे रही हैं। इसकी शिकायत भी जिला शिक्षा अधिकारी और कलेक्टर को पूर्व में की जा चुकी है, लेकिन उस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया।