करोड़ों के आसामी हैं … सीनियर IAS राजेंद्र विजय को ‘दबोचा’ ?
करोड़ों के आसामी हैं IAS राजेंद्र विजय
जयपुर के पॉश इलाके में शोरूम, मकान समेत प्रॉपर्टी के 13 दस्तावेज मिले; संभागीय आयुक्त पद से हटाया
राजस्थान के सीनियर आईएएस राजेंद्र विजय करोड़ों के आसामी हैं। उनकी प्रॉपर्टी पर बड़े-बड़े शोरूम चल रहे हैं। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) की बुधवार को राजेंद्र विजय के 4 ठिकानों पर छापेमारी में 13 रेजिडेंशियल और कॉमर्शियल प्रॉपर्टी के डॉक्युमेंट मिले हैं। 2 लाख 22 हजार से अधिक कैश, 335 ग्राम सोने व 11 किलो 800 ग्राम चांदी की ज्वेलरी और तीन फोर व्हीलर मिले हैं। 16 बैंक खाते मिले हैं, जिनमें लाखों रुपए जमा हैं।
छापेमारी के बाद राजेंद्र विजय को कोटा संभागीय आयुक्त पद से हटा दिया गया है। सरकार ने उन्हें एपीओ कर दिया है। विजय के कोटा में 2 और जयपुर के एक ठिकानों पर 8 घंटे तक सर्च की कार्रवाई चली। वहीं, दौसा में उनके पैतृक घर को फिलहाल सील किया गया है। आईएएस के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की शिकायतें मिली थीं।
एजेंसी लंबे समय से राजेंद्र विजय पर नजर रख रही थी। एसीबी ने मंगलवार को कोर्ट में अपनी जांच रिपोर्ट और शिकायत को रखा, जिसके आधार पर कोर्ट ने सर्च के आदेश दिए। बुधवार सुबह करीब 7 बजे से राजेंद्र विजय के 4 ठिकानों पर एसीबी ने सर्च शुरू की थी।
भ्रष्टाचार के जरिए करोड़ों की जमीन खरीदी एसीबी डीजी डॉ. प्रकाश मेहरड़ा ने बताया- राजेंद्र विजय ने भ्रष्टाचार के जरिए अपने और परिजन के नाम आय से अधिक कई चल-अचल प्रॉपर्टी बनाई है। इनकी अनुमानित बाजार कीमत करोड़ों रुपए से ज्यादा है। उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की एफआईआर दर्ज की गई।
एसीबी डीजी ने बताया- आज सुबह जयपुर, कोटा और दौसा स्थित 4 अलग-अलग ठिकानों पर तलाशी की कार्रवाई की गई। आरोपी राजेंद्र विजय के जयपुर स्थित घर की तलाशी में 13 आवासीय और व्यावसायिक जमीनों के डॉक्युमेंट मिले। इनमें टोंक रोड पर आलीशान मकान और ZUDIO शोरूम नं-7 ग्राउंड फ्लोर, जीटी गलेरिया, ब्लॉक-बी, अशोक मार्ग सी-स्कीम पर प्रॉपर्टी हैं।
बीमा पॉलिसी और एक बैंक लॉकर की जानकारी मिली है, जिसकी तलाशी बाकी है। तलाशी में मिले दस्तावेज के अनुसार, आरोपी राजेंद्र विजय ने अपने सेवाकाल में भ्रष्टाचार के जरिए करोड़ों रुपए की जमीन की खरीदी की। आरोपी के साथ उनके रिश्तेदारों की ओर से भी बेनामी प्रॉपर्टी में इन्वेस्टमेंट के सबूत मिले हैं, जिसकी जांच की जाएगी।
डॉक्युमेंट्स की जांच कर रहे जांच टीम में शामिल रहे डीएसपी मुकुल शर्मा ने बताया- सर्च की कार्रवाई सुबह 7 से दोपहर 3 बजे तक करीब 8 घंटे तक चली। इसमें राजेंद्र विजय के ऑफिस और कोटा सर्किट हाउस में जांच की गई, जहां वे रुके थे। राजेंद्र विजय के पास मिले दस्तावेज की जांच की जा रही है। आय के सोर्स और संपत्ति के बारे में उनसे पूछताछ की गई है।
25 सितंबर को ही कोटा संभागीय आयुक्त का चार्ज लिया था राजेंद्र विजय को एसीबी की छापेमारी शुरू होने के करीब चार घंटे बाद संभागीय आयुक्त के पद से हटा दिया गया। उन्हें आठ दिन पहले ही पोस्टिंग मिली थी। कोटा में उनके सरकारी आवास और ऑफिस की तलाशी ली गई। विजय के जयपुर में तारों की कूट स्थित आवास पर भी टीम सुबह से मौजूद रही।
राजेंद्र विजय मूलतः दौसा जिले के दुब्बी गांव के निवासी हैं। बुधवार सुबह टीम दुब्बी में उनके घर पहुंची तो गांव में खलबली मच गई। डिप्टी एसपी नवल मीना ने कार्रवाई करते हुए उनके मकान को सील कर दिया। कार्रवाई के दौरान विजय के पैतृक घर पर कोई मौजूद नहीं था। ऐसे में उच्चाधिकारियों के निर्देश के बाद सर्च की कार्रवाई होगी।
कोटा कलेक्टर को अतिरिक्त जिम्मेदारी राजेंद्र विजय की जगह कोटा के संभागीय आयुक्त की अतिरिक्त जिम्मेदारी कोटा कलेक्टर रविंद्र गोस्वामी को दी गई है। कार्मिक विभाग के संयुक्त शासन सचिव कनिष्क कटारिया ने एपीओ आदेश जारी किए हैं।
राजस्थान में एसीबी का बड़ा धमाका, सीनियर IAS राजेंद्र विजय को ‘दबोचा’, कोटा के संभागीय आयुक्त की कुर्सी संभालने के बाद छापा
IAS Rajendra Vijay News: राजस्थान के सीनियर आईएएस और कोटा संभाग के संभागीय आयुक्त राजेंद्र विजय के ठिकानों पर एसीबी ने जयपुर, दौसा और कोटा में छापे मारे। उनसे सर्किट हाउस में पूछताछ हो रही है जबकि उनके दौसा स्थित घर को सील कर दिया गया है।
- राजस्थान के सीनियर भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी के घर छापा
- राजेंद्र विजय के ठिकानों पर एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने छापेमारी की
- एसीबी की कार्रवाई 2 अक्टूबर को सुबह 6 बजे से जारी
- राजेंद्र विजय के कोटा, जयपुर और दौसा स्थित ठिकानों पर छापेमारी
राजेंद्र विजय से सर्किट हाउस में पूछताछ कर रही एसीबी की टीम
आईएएस राजेंद्र विजय कोटा जिले के संभागीय आयुक्त हैं और फिलहाल में कोटा के सर्किट हाउस में ही रह रहे हैं। ऐसे में एसीबी के सीनियर अधिकारी सर्किट हाउस पहुंचे हैं और सुबह 6 बजे से उनसे पूछताछ कर रहे हैं। एसीबी की एक टीम संभागीय आयुक्त के दफ्तर में भी मौजूद है। कार्यालय खुलने के समय से तीन घंटे पहले ही एसीबी ने संभागीय आयुक्त का दफ्तर खोला और सर्च की कार्रवाई शुरू की है। कोटा में उन्हें सिविल लाइंस का बंगला नंबर KR-4 अलॉट हो चुका है लेकिन अभी तक वे इस बंगले में शिफ्ट नहीं हुए हैं।
7 दिन पहले ही जॉइन किया था कार्यभार
आईएएस राजेंद्र विजय प्रमोटी आईएएस हैं। उन्हें वर्ष 2010 का बैच मिला है। 7 दिन पहले ही 25 सितंबर को उन्होंने कोटा संभागीय आयुक्त का पदभार ग्रहण किया था। 17 दिन पहले उनका ट्रांसफर राजस्थान शहरी पेयजल सीवरेज एवं अवसंरचना निगम लिमिटेड में कार्यकारी निदेशक के पद पर किया गया था लेकिन 22 सितंबर को जारी ट्रांसफर लिस्ट में उन्हें कोटा का संभागीय आयुक्त बना दिया था। इससे पहले वे करीब 8 महीने तक नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग में स्पेशल सेक्रेटरी रहे