पुलिस के हाथ लगे भिंड के ठग …
पुलिस के हाथ लगे भिंड के ठग …
ऑनलाइन गेमिंग ऐप के नाम पर खुलवाते थे अकाउंट, कमीशन पर देते थे बैंक खाते
ग्वालियर की कंपू थाना पुलिस के हाथ भिंड की एक ठग गैंग लगी है। यह ऑनलाइन गेमिंग एप के नाम पर गरीब लोगों के खाते खुलवाकर उनको हर ट्रांजेक्शन पर कमीशन देती थी। गिरोह इन खातों को ऑनलाइन ठगी करने वालों को सौंप देता था। इसके बदले इनको एक निश्चित राशि मिलती थी।
फिलहाल पुलिस ने इस गिरोह का खुलासा नहीं किया है। पुलिस को आशंका है कि जल्द बड़े नेटवर्क का खुलासा हो सकता है। पुलिस पकड़े गए ठगों से पूछताछ कर रही है। पुलिस को पता लगा है कि ऑनलाइन ठगी करने वाले और बदमाश हाथ आ सकते हैं।
कंपू थाना प्रभारी अमित शर्मा ने बताया कि सूचना मिली थी कि अवाड़पुरा में कुछ संदेही युवक घूम रहे है। यह लोग गरीब लोगों से अकाउंट ओपन करने के लिए बातचीत कर रहे हैं। सूचना की तस्दीक व कार्रवाई के लिए एक पुलिस टीम को पहुंचाया गया। जब पुलिस की टीम अवाड़पुरा पहुंची तो संदेही भागने लगे, लेकिन पुलिस ने समय पर घेराबंदी कर उनको पकड़ लिया। जब उनसे भागने का कारण पूछा तो युवकों का कहना था कि वह तो अपने किसी दोस्त से मिलने आए थे, लेकिन पुलिस को देखते ही भागने लगे। पुलिस उन्हें लेकर थाने पहुंची और पूछताछ करना शुरू कर दिया है।
यह पकड़े गए पकड़े गए संदेहियों से पूछताछ की तो उनकी पहचान 24 वर्षीय राधामोहन पुत्र कमलेश शर्मा निवासी चतुर्वेदी नगर भिण्ड, 27 वर्षीय कृष्णप्रताप सिंह पुत्र देवेन्द्र सिंह गौर निवासी पुरानी बस्ती भिण्ड, 22 वर्षीय अनुज पुत्र प्रदीप बाथम निवासी जोशी नगर इटावा रोड भिण्ड और 23 वर्षीय आकाश पुत्र रमेश सिंह भदौरिया निवासी जामपुरा भिण्ड के रूप में हुई।
एक खाते के बदले मिलता था 5 हजार रुपए कमिशन
पुलिस ने उनसे जितनी बार पूछताछ की तो वह अलग-अलग बयान देते रहे। इसके बाद पुलिस ने उन्हें अलग-अलग ले जाकर पूछताछ की तो खुलासा हुआ कि वह ठग गिरोह के लिए काम करते हैं। वह लोगों को लालच देकर उनके खाते खुलवाते हैं और खातों की पास-बुक, ATM व मोबाइल नंबर अपने पास रख कर ठग गिरोह के सदस्यों को उपलब्ध कराते हैं। साथ ही बताया कि बैंक खाते उपलब्ध कराने के बदले में एक खाते पर उन्हें पांच हजार रुपए मिलते है।
ऑनलाइन गेमिंग एप में जीते रुपए के लिए खाते लेना बताते थे ठग
ठग उनको झांसे में लेने के लिए आनलाइन गेमिंग एप के जरिए जीते रुपए आना बताते है और हर सप्ताह एक युवक आता है और उनसे पास-बुक व एटीएम कार्ड ले जाता है। उसका नाम व पहचान उन्हें नहीं पता है। कुछ माह पूर्व उनकी उनसे मुलाकात हुई थी और उसने लालच दिया तो वह इसमें शमिल हो गए है।
ठगी के बड़े नेटवर्क का हो सकता है खुलासा
पुलिस अफसरों की माने तो पकड़े गए ठगों से पूछताछ के बाद इस पूरे रैकेट का खुलासा हो सकता है, क्योंकि पकड़े गए ठगों से कई लोगों की पास-बुक व एटीएम कार्ड मिली है और पूछताछ के बाद ठग के आने का इंतजार पुलिस कर रही है, जिससे उसे भी दबोचा जा सके।