कानपूर की वसूली पोलिस ….‘लाइसेंस नहीं तो 50 हजार दो…
‘लाइसेंस नहीं तो 50 हजार दो… कानपुर में चौकी इंचार्ज ने मोमबत्ती व्यापारी से वसूले रुपए, हो गए सस्पेंड
कानपुर पुलिस अपनी कार गुजारियों से बाज नहीं आ रही है. ताजा मामला घाटमपुर थाना क्षेत्र का है. यहां चौकी इंचार्ज और दारोगा ने मोमबत्ती व्यापारी से 50 हजार रुपए की वसूली की. व्यापारी से इसकी शिकायत पुलिस अधिकारियों से की, जिसके बाद चौकी इंचार्ज और दारोगा को सस्पेंड कर दिया गया.
कानपुर में पुलिस वाले लगातार अपनी कार गुजारियों से वर्दी को कलंकित कर रहे हैं. आम आदमी से लेकर व्यापारी तक अपने आप को पुलिस से ही सुरक्षित महसूस नहीं कर रहा है. ताजा मामला घाटमपुर थाना क्षेत्र का है. यहां पुलिस पर व्यापारियों को डरा-धमका कर जबरन पैसा वसूलने का आरोप लगा है. व्यापारी उदय शाहू मोमबत्ती बनाने का काम करते हैं. आरोप है कि उदय से चौकी इंचार्ज और उनके साथी ने मोमबत्ती बनाने का लाइसेंस न होने की बात कह कर डराया-धमकाया. यही नहीं चौकी लाकर उनके साथ मारपीट की. फिर घर जाकर 30 हजार रुपए नकद और 20 हजार रुपए ऑनलाइन वसूल लिए.
पुलिस ने व्यापारी से की जबरन वसूली
व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष महेश शर्मा ने तुरंत अधिकारियों को इस बाबत जानकारी दी. अधिकारियों ने आरोपों की गंभीरता को देखते हुए मामले की जांच के लिए एसीपी घाटमपुर रंजीत कुमार को सौंपी. एसीपी की जांच में यह बात साफ भी हो गई की घाटमपुर कस्बा चौकी इंचार्ज आशीष और उनके सहयोगी अनुज नागर ने व्यापारी उदय शाहू से जबरन वसूली की थी. इसी के चलते दोनों को विभाग ने सस्पेंड कर दिया.
मोमबत्ती व्यापारी उदय शाहू ने बताया कि दिवाली के सीजन में मोमबत्ती के कारखाने को लेकर कस्बा चौकी इंचार्ज आशीष और सब इंस्पेक्टर अनुज नागर ने उन्हें बुलाया था. चौकी में कारोबार का लाइसेंस न होने पर डराया-धमकया और जेल भेजने की धमकी दी. साथ ही उनके साथ मारपीट की. इसकी जानकारी जब उन्होंने व्यापार मंडल अध्यक्ष महेश शर्मा को दी, तब पुलिस अधिकारियों ने मामले की जांच घाटमपुर एसीपी रंजीत कुमार को सौंपी.
डरे-सहमे हैं कानपुर के व्यापारी
एसीपी रंजीत कुमार ने अपनी जांच में पाया कि कस्बा चौकी इंचार्ज आशीष और उनके साथी सब इंस्पेक्टर अनुज नागर ने वसूली की इस घटना को अंजाम दिया है. इसके बाद इसकी रिपोर्ट उन्होंने जॉइंट पुलिस कमिश्नर हरिश्चंद्र जी को दी और आरोपियों पर कार्रवाई हो सकी. घटना के बाद से व्यापारी संगठनों में पुलिस की ऐसी कार्य प्रणाली के प्रति आक्रोश व्याप्त है. उनका कहना है कि व्यापार में ऐसी वसूली से व्यापारी डरा सहमा है और वो इन हालातों में कारोबार कैसे करें?