निर्भया मामला: दोषियों की फांसी पर रोक के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट का फैसला आज, केंद्र ने दाखिल की थी याचिका

दिल्ली उच्च न्यायालय निर्भया सामूहिक बलात्कार एवं हत्या मामले में चार दोषियों की फांसी पर रोक को चुनौती देने वाली केंद्र की याचिका पर बुधवार (5 फरवरी) को फैसला सुनाएगा। न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत ने शनिवार (1 फरवरी) और रविवार (2 फरवरी) को विशेष सुनवाई के बाद दो फरवरी को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था।

गौरतलब है कि केंद्र और दिल्ली सरकार ने निचली अदालत के 31 जनवरी के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसके जरिए मामले में चार दोषियों की फांसी पर ”अगले आदेश तक रोक लगा दी गई थी।” ये चार दोषी — मुकेश कुमार सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय कुमार शर्मा (26) और अक्षय कुमार (31)– तिहाड़ जेल में कैद हैं।

इससे पहले दिन में, निर्भया के माता-पिता ने दिल्ली उच्च न्यायालय से केंद्र की उस याचिका पर जल्द निर्णय का अनुरोध किया, जिसमें दोषियों की फांसी पर रोक को चुनौती दी गई है। निर्भया के माता-पिता की ओर से पेश वकील जितेंद्र झा ने बताया कि उन्होंने सरकार की याचिका के जल्द निपटारे के लिए अदालत से अनुरोध किया है। न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत ने कहा कि जल्द से जल्द इस पर फैसला आएगा।

अदालत ने 31 जनवरी को फांसी की सजा स्थगित कर दी क्योंकि दोषियों के वकील ने अदालत से फांसी पर अमल को ”अनिश्चित काल” के लिए स्थगित करने की अपील की और कहा कि उनके कानूनी उपचार के मार्ग अभी बंद नहीं हुए हैं। मुकेश और विनय की दया याचिका राष्ट्रपति के पास खारिज हो चुकी है, जबकि पवन ने यह याचिका अभी नहीं दाखिल की है। अक्षय की दया याचिका एक फरवरी को दाखिल हुई और अभी यह लंबित है। शीर्ष न्यायालय ने 2017 के अपने फैसले में दिल्ली उच्च न्यायालय और निचली अदालत द्वारा दोषियों को सुनाई गई फांसी की सजा को बरकरार रखा था।

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