रिपोर्ट में बताया गया है कि पहाड़गंज में 441 में से 398 होटल व गेस्ट हाउस मालिक दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) के पास 3.98 करोड़ रुपये जमा करा दिए हैं। इसके अलावा 309 होटल व गेस्ट हाउस मालिकों ने अंडरटेकिंग भी दे दी है। रिपोर्ट में कहा गया कि बाकी बचे होटल व गेस्ट हाउस जिन्होंने अभी तक अधिकरण के निर्देशों का पालन नहीं किया है। उनके खिलाफ सीलिंग अभियान शुरू किया जाएगा। ऐसे में डीएम ने अदालत से अनुमति मांगी है।
एनजीटी ने 3 सितंबर के आदेश में जिलाधिकारी को स्थिति बताने को कहा था। अदालत ने पिछले आदेश में कहा था कि इस तरह की सीलिंग मुहिम से होटल व गेस्ट हाउस के संचालन में बाधा उत्पन्न हो रही है। अधिकरण ने निर्देश दिया था कि कोई भी होटल व गेस्ट हाउस पर्यावरण क्षति शुल्क जमा करता है और अनुमति के लिए आवेदन करता है। सभी मानदंडों का पालन करने और नियमित जल शुल्क का भुगतान करने का वचन देता है तो संबंधित प्राधिकारी उस होटल व गेस्ट हाउस के खिलाफ बोरवेलों की सीलिंग की कार्रवाई को सुनवाई की अगली तारीख तक स्थगित कर देगा।
17 होटल मालिकों को वैध सहमति प्राप्त
डीएम ने अपनी रिपोर्ट में खुलासा किया कि दिल्ली जल बोर्ड ने जिलाधिकारी को सूचित किया है कि 17 होटल मालिकों को अपने मौजूदा बोरवेल से भूजल निकासी के संबंध में डीजेबी से वैध सहमति प्राप्त है।