बड़ा सवाल-हाथियों की मौत कैसे हुई?
बड़ा सवाल-हाथियों की मौत कैसे हुई?
हाथी टास्क फोर्स गठित, फील्ड डायरेक्टर और एसीएफ सस्पेंड
बांधवगढ़ में हाथियों की मौत की खबर सुनकर फील्ड डायरेक्टर ने फोन बंद किया और एसीएफ ने जूनियर स्टाफ पर छोड़ दिया था कार्रवाई का जिम्मा, सीएम नाराज…
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 10 हाथियों की मौत के मामले में रविवार को उच्च स्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने फील्ड डायरेक्टर गौरव चौधरी और सहायक वन संरक्षक(एसीएफ) फतेसिंह निनामा को सस्पेंड किया है। वहीं, सीएम ने प्रदेश में राज्य स्तरीय हाथी टास्ट फोर्स गठित करने के निर्देश भी दिए हैं।
मुख्यमंत्री को दी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि हाथियों की मौत के मामले में कोई मानवीय साजिश सामने नहीं आई है। इधर, हमलावर हाथी को बांधवगढ़ प्रबंधन की टीम ने रेस्क्यू कर पेड़ से बांध दिया है।
सीएम ने वन राज्य मंत्री दिलीप अहिरवार, एसीएस वन अशोक वर्णवाल व पीसीसीएफ असीम श्रीवास्तव को जांच के लिए बांधवगढ़ भेजा था। रविवार को इन्हें सीएम ने समीक्षा के लिए बुलाया था। इसके बाद यह कार्रवाई की गई। हाथियों द्वारा मारे गए लोगों के परिजनों को सरकार 8 लाख के बजाय 25 लाख रु. देगी।
प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में जहर से मौत की बात… अब सीएम ने कहा- कोदो की फसल में पेस्टिसाइड नहीं
प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में अब तक कहा जा रहा था कि कोदो की फसल में मौजूद पेस्टिसाइड से 10 हाथियों की मौत हुई है। रविवार काे सीएम ने ट्वीट करके जानकारी दी कि कोदो की फसल में पेस्टिसाइड के उपयोग के सबूत नहीं मिले हैं। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि फिर हाथियों की मौत कैसे हुई? हाथियों के पोस्टमार्टम की रिपोर्ट 2-3 दिन में मिल सकती है।
किस अफसर की क्या लापरवाही…
- फील्ड डायरेक्टर चौधरी की लापरवाही… गौरव चौधरी घटनाक्रम से पहले से अवकाश पर थे। हाथियों की मौत की सूचना मिलने पर भी उन्होंने ज्वॉइन नहीं किया। इस दौरान उन्होंने अपना मोबाइल भी बंद कर लिया था।
- एसीएफ निनामा की लापरवाही… फतेसिंह निनामा ने घटना के बाद होने वाली जांच को लेकर लापरवाही बरती। कार्रवाई का जिम्मा जूनियर स्टाफ पर छोड़ दिया था। वरिष्ठों को घटना की सही जानकारी भी नहीं दी।