सड़क, होटल, रेस्त्रां में न खाएं टोमैटो सॉस, नकली टोमैटो सॉस की पहचान कैसे करें ?

यूपी में मिला 800kg नकली टोमैटो सॉस ….
सड़क, होटल, रेस्त्रां में न खाएं टोमैटो सॉस, ऐसे करें असली-नकली की पहचान

पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में प्रदेश के खाद्य सुरक्षा विभाग ने एक नकली टोमैटो सॉस बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया। टीम ने इस फैक्ट्री से करीब 800 किलो नकली टोमैटो सॉस जब्त किया।

खाद्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, इस फैक्ट्री में जो सॉस तैयार किया जा रहा था, उसमें टमाटर था ही नहीं, बल्कि टमाटर की जगह सिंथेटिक कलर, मकई का आटा और अरारोट मिलाया जा रहा था।

आमतौर पर लोग टोमैटो सॉस का इस्तेमाल खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए करते हैं। चाऊमीन, पेटीज, बर्गर, सैंडविच जैसे जंकफूड और फास्ट फूड आइटम्स में टोमैटो सॉस का खूब इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन नकली टोमैटो सॉस स्वाद के साथ आपकी सेहत बिगाड़ सकता है। लंबे समय तक इसका सेवन करने से किडनी या लिवर से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं।

 नकली टोमैटो सॉस की पहचान कैसे करें….

  • नकली टोमैटो सॉस कैसे तैयार किया जाता है?
  • टोमैटो सॉस खरीदते समय किस तरह की सावधानियां बरतनी चाहिए?

एक्सपर्ट: वीरेंद्र  जिला खाद्य अधिकारी

सवाल- नकली टोमैटो सॉस में किस तरह के हानिकारक केमिकल्स हो सकते हैं?

जवाब- बच्चे हों या बड़े, हर कोई टोमैटो सॉस को खूब चाव से खाता है। यह फास्ट फूड के स्वाद को बढ़ा देता है। लेकिन जिस सॉस को आप स्वाद बढ़ाने के लिए अपने खाने में डाल रहे हैं, अगर वह नकली है तो उसमें खतरनाक केमिकल्स भी हो सकते हैं।

नीचे दिए ग्राफिक से इसे समझिए।

सवाल- किन जगहों पर सबसे ज्यादा नकली टोमैटो सॉस मिलने के चांस रहते हैं?

जवाब- आमतौर पर ब्रांडेड और अच्छी क्वालिटी के टोमैटो सॉस की कीमत 100 रुपए प्रति किलो के करीब होती है, जबकि नकली टोमैटो सॉस 20 से 30 रुपए प्रति किलो के रेट से मिल जाता है। सड़कों के आसपास लगने वाले फास्टफूड कॉर्नर्स, छोटे रेस्टोरेंट, ढाबे और होलसेल दुकानदार सस्ते दामों में सॉस खरीदना चाहते हैं। मिलावटखोर इसी का फायदा उठाकर खराब क्वालिटी के सॉस ऐसी जगहों पर सप्लाई करते हैं, जिससे आसानी से इसकी पहचान कर पाना मुश्किल होता है।

सवाल- नकली टोमैटो सॉस खाने से किस तरह की हेल्थ प्रॉब्लम्स हो सकती हैं?

जवाब- जब हम किसी रेस्टोरेंट में जाकर टोमैटो सॉस मांगते हैं तो वह एक लाल रंग की प्लास्टिक की बोतल लाकर रख दे देता है, जिसमें सॉस होता है। उस बोतल पर मैन्युफैक्चरर कंपनी का नाम, एक्सपायरी डेट और ब्रांड का नाम जैसी चीजें नहीं होती हैं। ज्यादातर जगहों पर इस तरह की बोतलों में नकली टोमैटो सॉस होता है। इसे असली जैसा रंग देने के लिए आर्टिफिशियल कलर्स डाले जाते हैं, जिससे बच्चों में अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर (ADHD) जैसी हेल्थ प्रॉब्लम्स हो सकती हैं। यह बीमारी मानसिक विकारों में से एक है, जिसमें एकाग्रता की कमी, व्यवहार में बदलाव हो सकता है।

नकली टोमैटो सॉस में मिलाए जाने वाले आर्टिफिशियल स्वीटनर से मेटाबॉलिज्म डिस्टर्ब हो सकता है, जिससे हाई ब्लड शुगर लेवल और मेटाबॉलिज्म सिंड्रोम हो सकता है। इसके अलावा नकली टोमैटो सॉस से कुछ और हेल्थ प्रॉब्लम्स भी हो सकती हैं। नीचे दिए ग्राफिक से इसे समझिए।

सवाल- टोमैटो सॉस में मिलावट का कैसे पता लगाया जा सकता है?

जवाब- असली टोमैटो सॉस टमाटर की ग्रेवी, शुगर, विनेगर, लाल मिर्च और नमक जैसी चीजों से बनाया जाता है। गाढ़ा करने के लिए इसमें कॉर्न सिरप या दूसरी सब्जियों की ग्रेवी भी मिलाई जा सकती है। मिलावटखोर नकली टोमैटो सॉस को भी आर्टिफिशियल कलर और स्वीटनर की मदद से असली जैसा बना देते हैं। ऐसे में हर किसी के लिए इसकी पहचान कर पाना मुश्किल होता है। लेकिन हम आपको कुछ ऐसे तरीके बताएंगे, जिनकी मदद से आप बेहद आसानी से असली और नकली टोमैटो सॉस की पहचान कैसे कर सकते हैं।

नीचे दिए ग्राफिक की मदद से इसे समझिए।

 

सवाल- टोमैटो सॉस खरीदते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

जवाब- टोमैटो सॉस खरीदते समय कुछ बेसिक बातों का ध्यान रखना चाहिए, जैसेकि-

  • पैकेज पर लिखे इंग्रीडिएंट्स को ध्यान से पढ़ें। यह सुनिश्चित करें कि उसमें कोई हानिकारक केमिकल तो नहीं है।
  • टोमैटो सॉस में टोमैटो की क्वालिटी अच्छी होना जरूरी है। इसलिए हमेशा फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) द्वारा प्रमाणित टोमैटो सॉस ही खरीदें।
  • टोमैटो सॉस में शुगर और नमक की मात्रा कम होनी चाहिए।
  • टोमैटो सॉस में प्रिजर्वेटिव्स का उपयोग नहीं होना चाहिए।
  • टोमैटो सॉस की पैकेजिंग अच्छी और सुरक्षित होनी चाहिए।
  • खरीदने से पहले टोमैटो सॉस की एक्सपायरी डेट की जांच जरूर करें।
  • कभी भी खुली बोतलों में बिक रहा टोमैटो सॉस न खरीदें और न ही उसका सेवन करें।

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