MP: नेपाली उपराष्ट्रपति का सलाहकार बताने वाले शख्स की गिरफ्तारी पड़ सकती है महंगी, जानिए क्या है मामला

उज्जैन: खुद को नेपाल के उपराष्ट्रपति के सलाहकार बताने वाले 3 लोगों को गिरफ्तार करना उज्जैन पुलिस को महंगा पड़ सकता है. मामले में सुप्रीम कोर्ट के वकील डॉ एपी सिंह ने आरोप लगाया कि पुलिस ने फर्जी तरीके से प्रकरण दर्ज कर सभी को जेल भेजा. उन्होंने कहा कि ऐसा कर पुलिस ने भारत-नेपाल के बहुआयामी संबंधों को खराब किया. जिन्हें फर्जी बताया गया वो सच में नेपाल के उपराष्ट्रपति के सलाहकार के रूप में नियुक्त हैं.

बता दें कि, कुछ दिन पहले उज्जैन पुलिस ने नेपाल के उपराष्ट्रपति के सलाहकार और सरकारी सुविधा उठाने को लेकर तीन लोगों को गिरफ्तार किया था. वहीं, पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए एपी सिंह ने पुलिस के खिलाफ कार्रवाई की बात भी की है.

दरअसल, 30 जनवरी को उज्जैन के देवास रोड़ स्थित सर्किट हाउस में कार से महावीर प्रसाद तोरड़ी, कुलदीप प्रसाद शर्मा और प्रमोद शर्मा पहुंचे थे. महावीर प्रसाद तोरड़ी ने खुद को नेपाल के उपराष्ट्रपति का विशेष सांस्कृतिक सलाहकार बताया और कमरे में ठहर गए. इस दौरान सर्किट हाउस प्रभारी को इनपर शक हुआ और उन्होंने पुलिस को इसकी जानकारी दी. जिसके बाद एसआई कुरील के साथ पुलिस टीम सर्किट हाउस पहुंची और महावीर प्रसाद तोरड़ी से विशेष सांस्कृतिक सलाहकार होने के कागजात मांगे. लेकिन कागजातों से संतुष्ट ना होने पर पुलिस ने तीनों के खिलाफ धारा 419ए 420ए 464ए 465ए 468ए 470ए 471ए 120 बीए 34 के तहत प्रकरण दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया था. गर्वमेंट ऑफ नेपाल की नेमप्लेट लगी कार भी जब्त कर ली थी.

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