रिटायर CEO के तीनों लॉकर खुले:जबलपुर EOW की मौजूदगी में कंपनी इंजीनियरों द्वारा खोले गए लॉकर में दो खाली, एक में मिला 414 ग्राम सोने के जेवर
आय से अधिक मामले में घिरे आदिम जाति कल्याण विभाग से रिटायर्ड नागेंद्र यादव के तीनों बैंक लॉकर सोमवार को खाेले गए। दो लाॅकर खाली मिले। वहीं इलाहाबाद बैंक के एक लॉकर में 414 ग्राम सोने के जेवर मिले हैं। अब तक आरोपी के पास से कुल एक किलो सोने के जेवर मिल चुके हैं। अब आरोपी की संपत्तियों का आंकलन शुरू कर दिया गया है।
आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) के डीएसपी प्रदीप कुमार जैन की अगुवाई में एक टीम सोमवार 25 अक्टूबर मंडला महाराजपुर पहुंची। यहां एसबीआई के एक और इलाहाबाद बैंक के दो लॉकरों को खोलने की प्रक्रिया क्रमश: शुरू हुई। चाबी गुम होने की वजह से लॉकर खोलने के लिए लॉकर हैंडलर कंपनी के इंजीनियर पहुंचे थे। इससे पहले 22 अक्टूबर को टीम ने आरोपी के मंडला महाराजपुर स्थित पैतृक घर में चाबी ढुंढ़वाने की कोशिश की थी, लेकिन नहीं मिल पाया था। इसके बाद बैंक को लॉकर खोलने का पत्र दिया गया था।
![नागेंद्र यादव के घर 21 अक्टूबर को ईओडब्ल्यू ने कार्रवाई की थी।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2021/10/25/new-project-2021-10-21t124804162_1635174053.jpg)
20 लाख से अधिक का घरेलू सामान
आरोपी नागेंद्र यादव के मंडला महाराजपुर स्थित पैतृक मकान में 20 लाख रुपए से अधिक का घरेलू सामान मिल चुका है। महंगा टीवी, फ्रीज, एसी, सोफा सहित सारे ऐशो आराम की सामग्री मिली थी। इसी तरह के घरेलू सामान जबलपुर तिलहरी स्थित थीम पार्क में फ्लैट नंबर 114 में भी मिला था। सभी की लिस्ट बनाई गई है। एसपी ईओडब्ल्यू देवेंद्र सिंह राजपूत के मुताबिक आरोपी की अब तक सामने आ चुकी संपत्तियों की कीमत का आंकलन शुरू कर दिया गया है।
धोखाधड़ी के मामले में हुआ था निलंबित
ईओडब्ल्यू सूत्रों के मुताबिक आरोपी नागेंद्र यादव की भर्ती आदिम जाति कल्याण विभाग मंडला में मंडल संयोजक के पद पर वर्ष 1990 में हुई थी। वर्ष 2005 में वह प्रति नियुक्ति पर जनपद पंचायत घुघरी मंडला, फिर घुंसौर सिवनी और शहडोल में मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पद पर रहे। आरोपी ने अधिकतर संपत्तियां 9 मार्च 2005 के बाद बनाई है।
आरोपी के खिलाफ 2015 में मंडला में धोखाधड़ी का मामला दर्ज हुआ था। दो साल वह जेल और निलंबित रहा। इसके बाद वह बहाल हुआ तो जबलपुर आदिम जाति कल्याण विभाग में अटैच कर दिया गया था। यहीं से मार्च 2020 में वह रिटायर हुआ था। धोखाधड़ी के प्रकरण में वह बरी हो चुका है।
![आरोपी ने जबलपुर, मंडला व भोपाल में बेनामी संपत्ति बनाई है।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2021/10/25/new-project-2021-10-21t124837225_1635174123.jpg)
ये था मामला
आरोपी नागेंद्र यादव के खिलाफ वर्ष 2010 में ईओडब्ल्यू के पास आय से अधिक संपत्ति होने की शिकायत पहुंची थी। 11 सालों तक चली जांच के बाद ईओडब्ल्यू ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, आय से अधिक संपत्ति, साजिश रचने सहित अन्य धाराओं में प्रकरण दर्ज कर 21 अक्टूबर को एक साथ जबलपुर के तिलहरी और मंडला में उसके पैतृक गांव महाराजपुर में दबिश दी थी।
प्रारंभिक जांच में मिली संपत्ति
- आरोपी ने वेतन से बचत किया- 11,91,807 रुपए
- खर्च किया-97,30,181 रुपए
- प्रारंभिक आंकलन में अतिरिक्त आय-85,38,374 रुपए
- यह उसकी कुल कमाई का 716% अधिक है।
![मंडला स्थित इलाहाबाद बैंक के लॉकर में मिले 414 ग्राम सोने के जेवर।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2021/10/25/new-project-2021-10-25t205535438_1635175603.jpg)
अब तक की सर्चिंग मिली संपत्ति-
- 1.84 लाख रुपए नकद मिला है।
- 600 ग्राम के लगभग सोने और 02 किलो चांदी के जेवर।
- 414 ग्राम सोने के जेवर इलाहाबाद बैंक के एक लॉकर से मिले।
- जबलपुर तिलहरी में ड्यूप्लेक्स मिला है।
- महाराजपुर मंडला में पुश्तैनी मकान तोड़कर नया बनाया गया दो मंजिला मकान।
- महाराजपुर मंडला में व्यावसायिक काॅम्प्लेक्स।
- विनायक होम्स अंबेडकर नगर भोपाल में एक फ्लैट बड़ी बेटी के नाम।
- भोपाल कटारा हिल्स में एक और फ्लैट की रजिस्ट्री
- आरोपी नागेंद्र यादव और पत्नी अनीता यादव के नाम से महराजपुर, तहसील बिछिया व कटरा में 2.34 एकड़ कृषि भूमि की बही मिली है।
- कान्हा नेशनल पार्क के पास बासा गांव में आधा एकड़ जमीन।
- 01 स्कार्पियो, एक एक्टिवा।
- आरोपी और परिजनों के नाम से 06 बैंकों में खाते मिले हैं। इसका विवरण बैंकों से मांगा गया है।
- एलआईसी का 2007 में 2 लाख से अधिक निवेश के दस्तावेज मिले हैं। अन्य निवेश बीमा पॉलिसी निकलवाना है