अवनीश अवस्थी, प्रशांत कुमार और सहगल को हटाने की मांग:चुनाव आयोग को सपा-कांग्रेस ने लिखी चिट्ठी, कहा- ये 4 अफसर BJP के कार्यकर्ता हैं
यूपी में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है। आचार संहिता लगते ही समाजवादी पार्टी ने यूपी के चार बड़े अधिकारियों को हटाने के लिए चुनाव आयोग को पत्र लिखा है। सपा के राष्ट्रीय सचिव राजेंद्र चौधरी ने मुख्य निर्वाचन आयोग को यह पत्र लिखा गया है। पत्र में राजेंद्र चौधरी ने लिखा, ‘उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ दल भाजपा के कार्यकर्ता के रूप में कार्य करने वाले अधिकारियों को उनके वर्तमान पद से तत्काल हटाया जाए।’ इससे पहले कांग्रेस ने चुनाव आयोग से शिकायत करके अवनीश अवस्थी को हटाने की मांग की थी।
प्रदेश उपाध्यक्ष मोहम्मद अनस खान ने कहा था कि अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी को चुनावी व्यवस्था से अलग रखा जाए। जिस प्रकार से अवस्थी केंद्रीय मंत्रियों के ट्वीट को रिट्वीट करके सरकारी पद का दुरुपयोग कर रहे हें, वह किसी से छिपा नहीं है।
निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए मांग
राजेंद्र चौधरी ने कहा कि ये अधिकारी भाजपा के लिए काम करते हैं। उन्होंने उप मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी, अतिरिक्त मुख्य सचिव नवनीत सहगल, ADG लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार, ADG एसटीएफ अमिताभ यश को हटाने की मांग की है। पत्र में लिखा है कि इन सभी को तत्काल प्रभाव से उनके वर्तमान पदों से हटाया जाए, जिससे कि प्रदेश में निष्पक्ष, स्वतंत्र और भयमुक्त चुनाव संपन्न हो सके।

लंबे समय से हैं तैनात
वरिष्ठ IAS अधिकारी और उप मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सबसे करीबी माने जाते हैं। सपा प्रवक्ता का कहना है कि उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार में वह लंबे समय से गृह विभाग में जिम्मेदारी देख रहे हैं। इनके अलावा पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों के ट्रांसफर पोस्टिंग उन्हीं के आदेश पर होती रही है।
नवनीत सहगल भी भाजपा के कई मंत्रियों के बेहद करीब माने जाते हैं। ADG लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार भी सीएम योगी के काफी करीबी हैं। एडीजी एसटीएफ अमिताभ यश लंबे समय से एसटीएफ में तैनात हैं।

BJP का पलटवार- चुनाव आयोग जो चाहे फैसला कर सकता है
सपा के राष्ट्रीय सचिव राजेंद्र चौधरी के इस पत्र पर BJP के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी की प्रतिक्रिया आई है। सुधांशु त्रिवेदी ने रविवार को लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि चुनाव आयोग की दक्षता पर हमें पूरा भरोसा है। चुनाव आयोग जो चाहे फैसला कर सकता है। उन्होंने अखिलेश यादव पर बड़ा आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव ने अपने इत्र वाले मित्र का ट्वीट क्यों डिलीट कर दिया। समाजवादी इत्र की दुर्गंध सात समंदर पार से आ रही है। 24 मई 2015 का एक ट्वीट है जिसमें वो फोटो है। फोटो में अखिलेश यादव अपने इत्र वाले मित्रों के साथ हैं, लेकिन छापेमारी के बाद वो ट्वीट अब डिलीट कर दिया गया।