सतना में सड़क, बिजली, पानी ही मुद्दा ….कोठी क्षेत्र के दो दर्जन गांवों में ‘रोड नहीं तो वोट नहीं’, लोग बोले- 20 साल से रैगांव में नहीं पहुंची बरगी की नहर

सतना जिले की रैगांव विधानसभा सीट पर स्थानीय मुद्दे ही हावी हैं। प्रचार के दौरान नेता भले ही राष्ट्रीय, जाति-धर्म के मुद्दों पर भाषण देकर चले जाएं, लेकिन लोगों के लिए असल मुद्दा सड़क, बिजली और पानी ही है। आजादी के 75 साल बाद भी यहां लोगों को पीने का स्वच्छ जल, पर्याप्त बिजली और सड़क नहीं है। संकट ये है कि इन्हीं मुद्दों पर कोई बात नहीं करता। यही कारण है, कोठी क्षेत्र के दो दर्जन गांवों में चुनाव की घोषणा से पहले ही लोगों ने रोड नहीं, तो वोट नहीं का पोस्टर लगा दिया था। रैगांव में जलसंकट भी गहराया हुआ है। स्थानीय लोगों की मानें, तो नेताओं की दूरदर्शिता की कमी के कारण यहां 20 साल में भी बरगी की नहर का पानी नहीं पहुंच सका है। चुनावी मुद्दों पर दैनिक भास्कर की ग्राउंड रिपोर्ट…

सतना जिला मुख्यालय से 12 किमी. दूर सतना-चित्रकूट रोड में रैगांव विधानसभा की सीमा पर पहुंचे, तो हाईवे में एसएसटी नाका लगा था। यहां हर आने जाने वाले चार पहिया वाहनों की चेकिंग चल रही थी। निर्वाचन अधिकारियों ने बताया कि यहां तीन पहर में आठ-आठ घंटे की ड्यूटी रहती है। आगे भुमकहर गांव में बृजकुमार गर्ग ने बताया कि उपचुनाव में कम समय मिलने के कारण प्रत्याशी मतदाताओं से दूर हैं। ऐसे में सड़क पर सिर्फ वाहनों का काफिला दिखता है। वोटरों के पास कोई नहीं आता।

दो साल से जले ट्रांसफार्मर बदले ही नहीं गए

आगे चलकर जवाहर नगर बस्ती पहुंचे। यहां रामभान ने बताया कि गांव में दो साल से गांव के कई ट्रांसफार्मर जले पड़े हैं। जो ट्रांसफार्मर दो फेज लाइट दे रहा है। उसको बदल रहे हैं। जो बिल्कुल नहीं चल रहा, उसको देखने वाला कोई नहीं। गांव के कई गरीब ऐसे हैं, जिनका बीपीएल वाला राशन कार्ड नहीं है। मेरी पत्नी अंधेरे के कारण घर के सामने गिर गई। गांव में उज्जवला के फार्म के नाम पर 100 से 200 रुपए वसूले गए। वहीं, सिलेंडर देते समय 1500 रुपए अतिरिक्त लिए गए। नेता किसी की समस्या नहीं सुनते। स्थानीय जनप्रतिनि​धियों की चांदी है।

कोठी बेल्ट की सड़कें इसी तरह खुदी हुई हैँ। इन्हें बनाने के लिए वर्षों से मांग की जा रही है।
कोठी बेल्ट की सड़कें इसी तरह खुदी हुई हैँ। इन्हें बनाने के लिए वर्षों से मांग की जा रही है।

दो दर्जन गांव मुख्य सड़क से आज भी कटे हैं

झाली मोड पहुंचे, तो यहां आशीष​ सिंह परिहार ने बताया कि रैगांव क्षेत्र का कोठी बेल्ट सबसे बड़ा है, लेकिन यहां आज भी दो दर्जन गांव मुख्य सड़क से कटे हुए हैं। आए दिन कई जगह लोगों ने ‘रोड नहीं तो वोट नहीं’ का पोस्टर तक लगा दिया है। कई जगह 6 माह से पहले से लेकर आज तक आंदोलन किया जा रहा है, लेकिन सुनने वाला कोई नहीं। खड़ौरा मार्ग पर तो दो कदम चलना मुश्किल है। इसी तरह, बरा कलां से बैरिया बाया चिरहुली सड़क, सतना-चित्रकूट मार्ग स्थित कठवरिया-मदनी मार्ग, बरा से शुक्लान टोला की सड़क, रामपुर चौरासी से पथरहा मार्ग आदि जगहों पर विरोध के स्वर गूंज चुके हैं।

विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले ही यहां ऐसे पोस्टल लगा दिए गए थे।
विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले ही यहां ऐसे पोस्टल लगा दिए गए थे।

कोठी भी भ्रष्टाचार भी चरम पर

कोठी बस स्टैंड के पास सचिन पाण्डेय ने क्षेत्र में चल रहे भ्रष्टाचार को पर कहा कि रैगांव में 20 साल बाद भी बरगी की नहर नहीं पहुंची है। तत्कालीन विधायकों ने अपने-अपने क्षेत्र की ओर सर्वे कराया। कोठी क्षेत्र का सर्वे नहीं हुआ। कई सड़कें तो वर्षों से कागजों में बनी है। वहीं, कागजों में मरम्मत का कार्य भी हो रहा है। हकीकत में कई कच्चे मार्ग पड़े हैं। चुनावी भाषणों में सड़कों बनाने के दावे भी हो रहे हैं, पर चुनाव बाद कोई नहीं सुनता।

जलसंकट भी अहम

डेलौरी मोड के पास पहुंते तो खेत पर जा रही महिलाओं ने कहा कि धान की फसल आ गई है, लेकिन हार्वेस्ट ने गांव के लेबरों का काम छीन लिया है। अब सिर्फ मवेशियों के लिए घास फूस काटकर उनका पेट भर रहे हैं। रैगांव में रामलाल शर्मा ने कहा कि अभी तक जल संकट था, लेकिन अब गांव में पाइप लाइन पड़ रही है। आने वाले दिनों में पानी मिलेगा। इसके पहले क्षेत्र में भीषण जल संकट रहा है।

कोठी सबसे बड़ा कस्बा तो रैगांव पंचायत क्षेत्र

रैगांव विधानसभा का सबसे बड़ा कस्बा कोठी नगर पंचायत क्षेत्र है। वहीं, जिस नाम से रैगांव विस क्षेत्र जाना जाता है। वह पंचायत क्षेत्र है, जबकि मिनी कस्बा कहे जाने वाले सिंहपुर क्षेत्र में सबसे ज्यादा मतदान केन्द्र आते हैं। वहीं, भरजुना और सेमरवारा अंतर्गत कई गांव लगे हैं। विस क्षेत्र का रैगांव क्षेत्र सबसे विकसित क्षेत्र है। ज्यादातर ये भाग नागौद से लगा है। इसी तरह, कोठी क्षेत्र विधानसभा का पिछड़ा क्षेत्र लोग बोलते हैं। क्योंकि इस क्षेत्र से कम लोग ही विधायक बने हैं।

रैगांव में चुनावी चर्चा करते ग्रामीण।
रैगांव में चुनावी चर्चा करते ग्रामीण।

ऐसी है विधानसभा की भौगो​लिक स्थिति

रैगांव विधानसभा क्षेत्र की सीमा सतना शहर के तीन ओर फैली है। सिंहपुर, कोठी, नागौद और जैतवारा के अलावा जिला मुख्यालय के सिविल लाइन और कोलगवां थाना क्षेत्र इस श्रेणी में शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि सिंहपुर थाना क्षेत्र में 98, कोठी में 53, नागौद में 47 और जैतवारा थाना क्षेत्र में 10 मतदान केंद्र स्थित हैं। इसी प्रकार जिला मुख्यालय के सिविल लाइन थाना क्षेत्र के 38 और कोलगवां थाना क्षेत्र में रैंगांव विधानसभा क्षेत्र के 18 मतदान केंद्र स्थित हैं। कुछ क्षेत्र कोटर थाने को भी छूता है।

रैगांव में इसलिए चुनाव

रैगांव विधानसभा से 5 बार के विधायक व पूर्व मंत्री जुगुल किशोर बागरी के निधन से रिक्त हुई थी। यहां 30 अक्टूबर को उपचुनाव की वोटिंग होगी। 2 नवंबर को काउंटिंग है। अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट में इन दिनों सियासी सरगर्मी तेज है। भाजपा ने जहां नए चेहरे के रूप में प्रतिमा बागरी तो कांग्रेस ने पुराने प्रत्याशी कल्पना वर्मा पर भरोसा जताया है। अक्सर एमपी के उपचुनाव में दूर रहने वाली बहुजन समाज पार्टी ने यहां से प्रत्याशी नहीं उतारा है। सीधा मुकाबला भाजपा व कांग्रेस के बीच है।

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