ग्वालियर : 5 उप पंजीयकों को नोटिस …? 45 हजार लोगों को डिजिटल सिग्नेचर के अभाव में नहीं मिल रही रजिस्ट्री की सर्टिफाइड कॉपी

  • बैंक लोन में आ रही दिक्कत 5 उप पंजीयकों को नोटिस

मकान, दुकान और प्लॉट की रजिस्ट्री करा चुके 45 हजार से ज्यादा लोगों को सर्टिफाइड कॉपी नहीं मिल पा रही है। इससे बैंंक लोन, न्यायालयीन प्रकरण जैसे कई काम रुक गए हैं। इस तरह की शिकायत जब सर्विस प्रोवाइडर, अभिभाषकों ने की, तो उप महानिरीक्षक पंजीयन ने पांच उप पंजीयकों को नोटिस जारी कर दिए। जिन पांच उप पंजीयकों को नोटिस जारी हुए हैं उनमें से दो का तबादला सागर व इंदौर हो चुका है, सर्वाधिक पेंडेंसी भी इन्हीं की है।

पक्षकारों को जिन रजिस्ट्रियों की सर्टिफाइड कॉपी नहीं मिल रही है, उनमें आधे कोविड संक्रमण काल के हैं। तब इलेक्ट्रॉनिक पेन को बार-बार सेनेटाइज करने के निर्देश थे। जिन अफसरों को नोटिस मिले हैं उनमें आधे ने इसी बात को पेंडेंसी का कारण माना है। कुछ ने रजिस्ट्री पर डिजिटल हस्ताक्षर न होने से गाइड लाइन, जियो टेगिंग व अन्य काम की व्यस्तता को माना है।

उप महा निरीक्षक पंजीयन उमाशंकर वाजपेयी ने कहा कि 25 हजार दस्तावेज में डिजिटल सिग्नेचर रह गए थे। नोटिस देने पर कुछ उप पंजीयकों ने कोविड को तो कुछ ने काम अधिक होना कारण बताया है। सभी को 31 जुलाई तक का अल्टीमेटम दिया गया था।

न सर्टिफाइड कॉपी दी न आरटीआई का आवेदन लिया

मुझे फरवरी-मार्च की दो रजिस्ट्री की सर्टिफाइड कॉपी की न्यायालयीन प्रकरण में जरूरत है। जिला पंजीयक से संपर्क कर आरटीआई का आवेदन देना चाहा, तो उन्होंने 5-6 दिन में कॉपी दिलवाने का भरोसा दिया था। मार्च में, जो रजिस्ट्री हुई थी वह तो मिल गई पर फरवरी की सर्टिफाइड कॉपी अभी तक नहीं मिली। मुझे बताया गया है कि उप पंजीयक के डिजिटल हस्ताक्षर न होने से यह स्थिति बन रही है। पिछले दो महीने से परेशान हूं। -राघवेंद्र सिंह राठौर, आवेदक

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