MP सरकारी की आग की घटनाओं पर नियंत्रण पाने की तैयारी ?
- विधानसभा सत्र में होगा फायर सेफ्टी एक्ट का ड्राफ्ट। (फाइल फोटो)
- फायर सेफ्टी न होने पर 10,000 रुपये जुर्माना और सजा
- अग्निशमन प्रक्रिया में बाधा डालने पर जुर्माना और सजा
- सरकार बड़े फायर ब्रिगेड वाहन खरीदने की तैयारी में
भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार आग की घटनाओं पर नियंत्रण पाने के लिए कड़े नियम लागू करने की तैयारी कर रही है। विधानसभा के शीतकालीन सत्र में फायर सेफ्टी एक्ट का ड्राफ्ट पेश किया जाएगा, जिसमें आग से सुरक्षा के लिए नए प्रावधान होंगे। 2025 से यह एक्ट लागू किया जाएगा, जिसका मुख्य उद्देश्य राज्य में आग की घटनाओं में कमी लाना है।
मुख्य प्रस्तावों में किसी भी भवन में फायर सेफ्टी के इंतजाम नहीं करने पर मकान मालिक पर 10,000 रुपये का अर्थदंड और सजा का प्रावधान शामिल है। इसके अलावा, अग्निशमन प्रक्रिया में रुकावट डालने वालों पर भी सजा और जुर्माना लगाया जाएगा। बहुमंजिला इमारतों की जांच, फायर सेफ्टी शुल्क, और बिल्डिंग निर्माण पर फायर सेफ्टी उपकर (टैक्स) लगाने के भी नियम होंगे।
नई व्यवस्था और फायर सेफ्टी शुल्कइसके साथ ही, फायर सेफ्टी के लिए भवन निर्माण पर उपकर लगाने का भी प्रस्ताव है। इसके तहत 400 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है, जिसमें से 300 करोड़ रुपये भारत सरकार और 100 करोड़ रुपये राज्य सरकार द्वारा खर्च किए जाएंगे। अग्निशमन सेवा का नया कैडर बनाने और जिलों में नए फायर स्टेशन खोलने की भी योजना है।
- किसी भी भवन का अधिग्रहण या तोड़ने का अधिकार
- अग्निशमन प्रक्रिया में बाधा डालने वालों को 6 महीने की सजा और 50,000 रुपये का जुर्माना
- 15 मीटर ऊंचाई वाले भवनों के साथ-साथ 9 मीटर ऊंचाई वाले भवनों को भी फायर एनओसी लेना अनिवार्य
- शैक्षिक, संस्थागत, व्यवसायिक और औद्योगिक संस्थानों के लिए 500 मीटर से अधिक क्षेत्र में फायर एनओसी अनिवार्य
- सार्वजनिक आयोजनों के लिए फायर एनओसी आवश्यक, उल्लंघन पर 10,000 रुपये जुर्माना और 3 महीने की सजा
- औद्योगिक इकाइयों में फायर सेफ्टी अधिकारी नियुक्त करना जरूरी
- भवन निर्माण के समय फायर सेफ्टी सिस्टम अनिवार्य होगा
कलेक्टर की भूमिका में बदलावअब तक फायर सेफ्टी एनओसी कलेक्टर द्वारा दी जाती थी, लेकिन नए एक्ट के तहत नगर निगम और पालिकाओं को फायर सेफ्टी एनओसी जारी करने का अधिकार होगा।
यह कदम मध्य प्रदेश में आग से सुरक्षा को सुनिश्चित करने और सार्वजनिक सुरक्षा में सुधार के लिए महत्वपूर्ण है।