नहीं मिली एफआईआर की अनुमति, ठेकेदाराें पर भी कार्रवाई नहीं ?

नहीं मिली एफआईआर की अनुमति, ठेकेदाराें पर भी कार्रवाई नहीं

लाेक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग मुरैना में फर्जी सीपेट सर्टिफिकेट लगाकर भुगतान प्राप्त करने वाले ठेकेदाराें पर अब तक विभाग ने काेई कार्रवाई नहीं की है। ग्‍वालियर के मुख्‍य अभियंता ने भोपाल पत्रलिखकर कार्यपालन यंत्री सहित आठ ठेकेदारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की अनुमति भी मांगी, लेकिन अनुमति नहीं मिली।

Fake CPAT Report: नहीं मिली एफआईआर की अनुमति, ठेकेदाराें पर भी कार्रवाई नहींग्रामीण पीएचई मुरैना में फर्जी सीपेट का मामला। फाइल फोटो
  1. मुरैना में ग्रामीण पीएचई में 8 फर्माें ने फर्जी सीपेट रिपाेर्ट लगाकर भुगतान प्राप्त किया था
  2. मुख्य अभियंता ने मांगी थी ईई व ठेकेदारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की अनुमति
  3. ठेकेदारों के ऊंचे रसूख होने की वजह से विभाग कतरा रहा है कार्रवाई करने से

ग्वालियर। लाेक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग मुरैना में फर्जी सीपेट सर्टिफिकेट लगाकर भुगतान प्राप्त करने वाले ठेकेदाराें पर अब तक विभाग ने काेई कार्रवाई नहीं की है। इतना ही नहीं मुख्य अभियंता ने भाेपाल पत्र लिखकर ठेकेदार और कार्यपालन यंत्री एसएल बाथम के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की अनुमति मांगी थी, जाे अब तक नहीं मिली है। उधर भाेपाल में साेमवार काे प्रमुख अभियंता के समक्ष कार्यपालन यंत्री काे रिकार्ड के साथ उपस्थित हाेना था, लेकिन व्यस्तता के चलते कुछ नहीं हुआ है।

दरअसल प्रमुख अभियंता केके साेनगरिया ने फर्जी सीपेट मामले में ग्रामीण पीएचई के कार्यपालन यंत्री एसएल बाथम काे साेमवार काे सभी रिकार्ड और फार्मेट में जानकारी भरकर लाने के लिए कहा गया था। हालांकि साेमवार काे इस मामले में कुछ नहीं हुआ है। बता दें मुख्य अभियंता आरएलएस माैर्य ने 8 फर्माें के ठेकेदाराें और ईई के खिलाफ एफआईआर कराने के लिए पत्र लिखकर अनुमति मांगी थी, लेकिन अब तक प्रमुख अभियंता कार्यालय से अनुमति नहीं मिली है। जबकि कूटरचित दस्तावेज पहले ही साबित हाे चुके हैं।

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रसूखदार ठेकेदार, कैसे हाे कार्रवाईमुख्य अभियंता कार्यालय को फर्जी सीपेट की शिकायत छह माह पहले मुरैना की दंडाैतिया फर्म की मिली थी। इस फर्म ने सबसे अधिक भुगतान भी प्राप्त किया है। हालांकि काेई कार्रवाई नहीं हुई। अब जब 8 फर्माें का मामला सामने आया ताे इसमें भी दंडाैतिया कंस्ट्रक्शन कंपनी शामिल है। सूत्राें की मानें ताे जाे ठेकेदार इस मामले में फंसे हैं, वह रसूखदार हैं। इसी वजह से कार्रवाई में देरी हो रही है।

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हम समाधान आन लाइन में बिजी रहे थे, इसलिए इस मामले में अभी कुछ नहीं हुआ है। हालांकि इस मामले में जल्द ही जांच पूरी की जाएगी।

केके साेनगरिया, प्रमुख अभियंता ग्रामीण पीएचई

विद्यार्थियों के स्वरोजगार मार्गदर्शन और स्किल बेस्ड ट्रेनिंग के लिए आयोजित हुआ सेमीनारसाइंस कालेज के स्वामी विवेकानंद कैरियर मार्गदर्शन प्रकोष्ठ के द्वारा विद्यार्थियों की ट्रेनिंग एवं स्वरोजगार, स्टार्टअप के मार्गदर्शन के लिए सेमिनार आयोजित किया गया। इस अवसर पर स्वामी विवेकानंद कैरियर प्रकोष्ठ के संयोजक डा. राजश्री मिश्रा ने विद्यार्थियों से कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में उन्हें रोजगार ढूंढने के स्थान पर रोजगार प्रदान करने की योग्यता प्राप्त करनी चाहिए। महाविद्यालय प्राचार्य डा मीनाक्षी चतुर्वेदी ने कहा इस प्रकार के कार्यक्रम छात्रों के व्यक्तित्व विकास में सहायक होते हैं और छात्रों को इसका लाभ प्राप्त करना चाहिए। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता, ग्वालियर स्मार्ट सिटी इनक्यूबेशन सेंटर के गौरव शाक्य ने बताया कि स्टार्टअप को शुरू करने के लिए नए अवसरों को देखते हुए प्लान पर कार्य करना चाहिए। दैनिक जीवन की समस्याओं के समाधान पर आधारित स्टार्टअप के सफल होने के ज्यादा अवसर होते हैं।

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