महाराष्ट्र विधानसभा पहुंचने वाले ‘माननीयों’ में 41 फीसदी पर गंभीर क्रिमिनल केस ?
महाराष्ट्र में चुने गए नए ‘माननीयों’ में 41 फीसदी पर गंभीर क्रिमिनल केस, 3 पर हत्या का मुकदमा
महाराष्ट्र चुनाव 2024 में कुल 183 विधायक फिर से चुनाव जीतकर विधानसभा में पहुंचे. 2019 में फिर से चुने गए विधायकों के पास औसतन 27.28 करोड़ की संपत्ति थी. 2024 में यह आंकड़ा बढ़कर 56.81 करोड़ हो गया.
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के नतीजों के बाद एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) और महाराष्ट्र इलेक्शन वॉच ने जीतने वाले उम्मीदवारों का आपराधिक रिकॉर्ड, आर्थिक स्थिति, शिक्षा स्तर और अन्य जानकारी का गहराई से विश्लेषण किया. इन दोनों संगठनों ने 288 में से 286 विनर कैंडिडेट्स की ओर दायर किए गए हलफनामों का अध्ययन किया है.
286 विनर कैंडिडेट्स में से 187 यानी 65% ने खुद पर दर्ज आपराधिक मामलों की जानकारी दी है. जबकि 2019 के महाराष्ट्र चुनाव में 285 विधायकों का विश्लेषण किया गया था, तो उस समय 176 यानी 62% विधायकों ने आपराधिक मामलों की घोषणा की थी. 2024 के चुनाव में 118 यानी 41% विनर कैंडिडेट्स ने अपने ऊपर गंभीर आपराधिक मामलों की जानकारी दी है. 2019 विधानसभा चुनाव में यह आंकड़ा 113 यानी 40% था.
गंभीर आपराधिक मामलों में हत्या, हत्या की कोशिश, महिलाओं पर अपराध और भ्रष्टाचार जैसे गंभीर आरोप शामिल होते हैं. ऐसे मामले जनता की सुरक्षा और लोकतंत्र पर सवाल खड़े करते हैं. 2019 की तुलना में 2024 में आपराधिक मामलों वाले विधायकों की संख्या बढ़ी है.
3 विधायकों पर हत्या का केस
इस साल जीत हासिल करने वाले कई उम्मीदवारों पर हत्या जैसे गंभीर अपराधों के आरोप लगे हुए हैं. इनमें से तीन उम्मीदवारों पर तो सीधे तौर पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 302 और धारा 303 के तहत हत्या का आरोप है. 11 जीत हासिल करने वाले उम्मीदवारों पर आईपीसी धारा 307 के तहत हत्या के प्रयास का आरोप है. इतना ही नहीं, कुछ पर महिलाओं के खिलाफ भी अपराध के आरोप हैं. इनमें से एक उम्मीदवार पर आईपीसी धारा 376 के तहत बलात्कार का भी आरोप है.
किस पार्टी के सबसे ज्यादा जीतने वाले उम्मीदवारों पर आपराधिक केस
महाराष्ट्र चुनाव 2024 में बीजेपी 132 सीट जीतकर सबसे बड़ी पार्टी उभरी है. इन 132 जीतने वाले बीजेपी उम्मीदवारों में से आधे से ज्यादा 92 उम्मीदवारों (70%) ने अपने हलफनामे में आपराधिक मामलों की जानकारी दी है. 57 जीतने वाले शिवसेना उम्मीदवारों में से 38 (67%) ने आपराधिक केस हैं. शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के 20 जीतने वाले उम्मीदवारों में से 13 (65%) पर आपराधिक मामले दर्ज हैं. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के 41 जीतने वाले उम्मीदवारों में से 20 (49%) ने आपराधिक मामलों की घोषणा की है. एनसीपी (शरदचंद्र पवार) के 8 उम्मीदवारों में से 5 (63%) पर केस दर्ज हैं.
वहीं भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) के 16 जीतने वाले उम्मीदवारों में से 9 (56%) ने आपराधिक मामलों की जानकारी दी है. समाजवादी पार्टी (SP) के दोनों जीतने वाले उम्मीदवारों पर केस दर्ज है. मतलब, सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के कई उम्मीदवार आपराधिक पृष्ठभूमि से हैं.
गंभीर आपराधिक मामलों में फंसे उम्मीदवार
जीतने वाले कई उम्मीदवारों पर गंभीर आपराधिक मामले भी दर्ज हैं. बीजेपी के 53 (40%) उम्मीदवारों ने अपने हलफनामे में गंभीर आपराधिक मामलों की जानकारी दी है. इसके अलावा, शिवसेना के 27 (47%), शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के 8 (40%), एनसीपी के 12 (29%), एनसीपी (शरदचंद्र पवार) के 4 (50%), समाजवादी पार्टी के 2 (100%) विजेता उम्मीदवारों पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं.
जीतने वाले कितने उम्मीदवार करोड़पति
इस बार महाराष्ट्र विधानसभा पहुंचने वाले 277 यानी 97% विधायक करोड़पति हैं. ये आंकड़ा पिछले विधानसभा चुनाव 2019 से भी ज्यादा है, तब 285 विधायकों में से 264 (93%) करोड़पति थे. 2019 के मुकाबले 2024 में करोड़पति विधायकों की संख्या में 4% का इजाफा हुआ है. इसका मतलब साफ है कि राजनीति में अमीर लोगों का दबदबा बढ़ता जा रहा है.
पार्टी में संख्या के हिसाब से देखें, तो सबसे ज्यादा 129 बीजेपी के जीतने वाले उम्मीदवार करोड़पति हैं. इसके बाद शिवसेना के 56, एनसीपी के 41, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के 19, कांग्रेस के 15, एनसीपी (शरदचंद्र पवार) के 7 और सपा के दो विधायक करोड़पति हैं. अब परसेंटेज के हिसाब से देखें तो एनसीपी, सपा और जन सुराज्य शक्ति के सभी 100% जीतने वाले उम्मीदवार करोड़पति हैं. शिवसेना और बीजेपी के 98%-98% करोड़पति हैं.
संपत्ति के हिसाब से देखा जाए तो 163 विजेता उम्मीदवार की संपत्ति 10 करोड़ रुपये और उससे ज्यादा है, जो कुल विजेताओं का 56.99% है. इसके बाद, 63 विजेताओं के पास 5 करोड़ से 10 करोड़ रुपये तक की संपत्ति है, जो कुल विजेताओं का 22.03% है. 51 विजेता ऐसे हैं जिनकी संपत्ति 1 करोड़ से 5 करोड़ रुपये तक है. ये कुल विजेताओं का 17.83% हैं. 8 विजेताओं की संपत्ति 20 लाख से 1 करोड़ के बीच है. सिर्फ 1 विजेता ऐसा है, जिसकी संपत्ति 20 लाख रुपये से कम है.
वहीं महाराष्ट्र में जीतने वाले उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 43.42 करोड़ रुपये है. ये आंकड़ा 2019 के चुनाव से कहीं ज्यादा है, जब औसत संपत्ति 22.42 करोड़ रुपये थी. इसका मतलब यह है कि पिछले पांच सालों में संपत्ति का औसत दोगुना हो गया है. ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि राजनीति में अब चुनावी खर्च बढ़ गया है.
कौन सी पार्टी के पास सबसे ज्यादा दौलत?
महाराष्ट्र में अलग-अलग पार्टियों के विजेताओं के पास अलग-अलग संपत्ति है. समाजवादी पार्टी के सिर्फ दो विजेताओं की औसत संपत्ति 158.52 करोड़ रुपये है. यह आंकड़ा सबसे ज्यादा है. जबकि बीजेपी के 132 विजेताओं की औसत संपत्ति 59.68 करोड़ रुपये है.
वहीं शिवसेना के सभी विजेताओं की औसत संपत्ति 30.61 करोड़, एनसीपी के 22.32 करोड़, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के 10.43 करोड़, कांग्रेस के 43.91 करोड़, एनसीपी-शरद पवार गुट की 51.31 करोड़ रुपये है.
ये हैं वो बड़े नाम जिनके पास हैं सबसे ज्यादा संपत्तियां
घाटकोपर ईस्ट सीट से जीतने वाले बीजेपी नेता पराग शाह के पास सबसे ज्यादा संपत्ति है. उनके पास कुल संपत्ति 33,83,06,20,898 (3383 करोड़ रुपये से ज्यादा) है, जिसमें चल संपत्ति और अचल संपत्ति दोनों शामिल हैं. इसके बाद पनवेल से बीजेपी विधायक प्रशांत ठाकुर के पास भी भारी संपत्ति है, जो 475,85,39,330 (475 करोड़ रुपये से अधिक) तक पहुंचती है. तीसरे नंबर पर हैं माला बार हिल सीट से बीजेपी विधायक मंगल प्रभात लोढा. इनके पास कुल 447,09,23,931 (447 करोड़ रुपये से अधिक) की संपत्ति है.
मगर कुछ ऐसे विजेता भी हैं जिनकी संपत्ति बहुत कम है लेकिन फिर भी ये चुनावी मैदान में जीतने में कामयाब हुए. अकोला पश्चिम सीट से कांग्रेस नेता साजिद खान पठान के पास कुल संपत्ति सिर्फ 900,379 (9 लाख रुपये) है और उनकी कोई अचल संपत्ति नहीं है. भले ही उनके पास कम संपत्ति है, लेकिन उनका जनसमर्थन और चुनावी संघर्ष उन्हें जीत दिलाने में कामयाब रहा.
वाशिम सीट से बीजेपी नेता श्याम रामचरण खोड़े के पास कुल संपत्ति 31,59,513 (31 लाख रुपये) है. तीसरे सबसे संपत्ति वाले विधायक भी बीजेपी से हैं. जत सीट से गोपिचंद कुंडलिक पडालकर के पास कुल 65,33,617 (65 लाख रुपये) की संपत्ति है, जिसमें अचल संपत्ति का हिस्सा काफी ज्यादा है.
ये हैं वो उम्मीदवार जिनके ऊपर है भारी कर्ज
कुछ विजेताओं के पास न केवल बड़ी संपत्ति है, बल्कि उनके ऊपर भारी कर्ज भी है. बीजेपी नेता मंगल प्रभात लोढा महाराष्ट्र में तीसरे सबसे ज्यादा संपत्ति वाले विजेता उम्मीदवार हैं, लेकिन उनपर भारी कर्ज भी है. उनकी कुल संपत्ति 447 करोड़ रुपये से ज्यादा है, जबकि 306 करोड़ रुपये से ज्यादा का ज्यादा का कर्ज भी है. इसके अलावा, 2.5 करोड़ का विवादित कर्ज भी है.
दूसरा सबसे बड़ा कर्जा ओवला माजीवाड़ा सीट से जीतने वाले शिवसेना नेता प्रताप बाबुराव सरनाईक पर है. उनके पास 333 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति है, लेकिन उनका कर्ज 199 करोड़ है. अच्छी बात यह है कि उनके ऊपर कोई विवादित कर्ज नहीं है, लेकिन फिर भी कर्ज काफी ज्यादा है. वहीं कांग्रेस नेता विश्वजीत पतंगराव कदम के पास 299 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति है, लेकिन 115 करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज भी है.
कितनी उम्र, कितनी महिलाएं, एजुकेशन स्तर कैसा
एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार, कई जीतने वाले उम्मीदवारों ने 12वीं तक की पढ़ाई ही पूरी की है, जबकि कई ने हायर एजुकेशन भी हासिल की है. 105 (37%) विजेता उम्मीदवारों ने अपनी शिक्षा 5वीं से 12वीं के बीच बताई है. 165 (58%) ने अपनी शिक्षा ग्रेजुएट या उससे ज्यादा की बताई है. 14 ने डिप्लोमा की डिग्री हासिल करने का दावा किया है. 2 विजेता उम्मीदवारों ने केवल पढ़े लिखे होने का दावा किया है, यानी उन्होंने औपचारिक शिक्षा बहुत कम या नहीं ली है.
विजेता उम्मीदवारों की उम्र का भी पहलू दिलचस्प है. 24 (8%) की उम्र 25 से 40 साल के बीच है. 187 (65%) की उम्र 41 से 60 साल के बीच और 75 (26%) की उम्र 61 से 80 साल के बीच है. वहीं लिंग के आधार पर भी जीतने वाले उम्मीदवारों की संख्या में अंतर है. 286 में से सिर्फ 22 यानी 8% महिलाएं हैं. 2019 के चुनावों में भी यह संख्या लगभग समान थी, जहां 285 में से 24 (8%) महिला विधायक थीं. य
2024 में कितने विधायक फिर से चुने गए?
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में कुल 183 विधायक फिर से चुनाव जीतकर विधानसभा में पहुंचे. 2019 में फिर से चुने गए विधायकों के पास औसतन 27.28 करोड़ की संपत्ति थी. लेकिन 2024 में यह आंकड़ा काफी बढ़कर 56.81 करोड़ हो गया है. यानी, इन विधायकों की संपत्ति में एक बड़ा उछाल आया है. समय के साथ इनकी संपत्ति में दोगुना से भी ज्यादा बढ़ोतरी हुई है. फिर से चुने गए विधायकों की संपत्ति में 2019 से 2024 तक औसतन 29.52 करोड़ की वृद्धि हुई है, जो लगभग 108% की बढ़ोतरी है.
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महाराष्ट्र विधानसभा की 288 सीटों पर वोटिंग कल:भाजपा 149, कांग्रेस 101 सीटों पर लड़ रही; 6 बड़ी पार्टियों समेत 158 दल मैदान में
महाराष्ट्र विधानसभा की 288 विधानसभा सीटों के लिए बुधवार को सिंगल फेज में वोटिंग होगी। शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) में टूट के बाद कुल 158 दल चुनाव मैदान में हैं। इनमें 6 बड़ी पार्टियां दो गठबंधनों का हिस्सा बनकर चुनाव लड़ रही हैं।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की अगुआई में शिंदे गुट की शिवसेना और अजित पवार की NCP महायुति का हिस्सा हैं। जबकि कांग्रेस, उद्धव ठाकरे की शिवसेना (UBT) और शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) यानी NCP(SP) महाविकास अघाड़ी का हिस्सा हैं।
पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा-शिवसेना का गठबंधन था। तब भाजपा ने 105 और शिवसेना ने 56 सीटें जीती थीं। जबकि कांग्रेस को 44 और NCP को 54 सीटें मिलीं थीं। भाजपा-शिवसेना आसानी से सत्ता में आ जातीं, लेकिन गठबंधन टूट गया।
तमाम सियासी उठापटक के बाद 23 नवंबर, 2019 को देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री और अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली, लेकिन बहुमत परीक्षण से पहले ही 26 नवंबर को दोनों को इस्तीफा देना पड़ा।
इसके बाद 28 नवंबर को शिवसेना, NCP और कांग्रेस की महाविकास अघाड़ी सरकार सत्ता में आई। उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र के CM बने।
करीब ढाई साल बाद शिवसेना और उसके एक साल बाद NCP में बगावत हुई और 2 पार्टियां 4 दलों में बंट गईं। इसी राजनीतिक पृष्ठभूमि पर हुए लोकसभा चुनाव में शरद पवार और उद्धव ठाकरे की पार्टियों को बढ़त मिली थी।

29% उम्मीदवार दागी, 412 पर हत्या-बलात्कार जैसे गंभीर मामले दर्ज चुनाव आयोग के मुताबिक निर्दलीय समेत विभिन्न पार्टियों के कुल 4136 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (ADR) ने इनमें से 2201 उम्मीदवारों के हलफनामों की जांच कर एक रिपोर्ट तैयार की है।
इसके मुताबिक करीब 29 फीसदी यानी 629 उम्मीदवार आपराधिक छवि के हैं। इनमें से 412 पर हत्या, किडनैपिंग, बलात्कार जैसे गंभीर मामले दर्ज हैं। 50 उम्मीदवार महिलाओं से जुड़े अपराधों के आरोपी हैं।
38 फीसदी उम्मीदवार करोड़पति, 2201 में सिर्फ 204 महिलाएं ADR के अनुसार 829 यानी 38 फीसदी उम्मीदवार करोड़पति हैं। पिछले चुनाव में यह आंकड़ा 32% था। इनके पास औसतन 9.11 करोड़ रुपए की संपत्ति है। जबकि भाजपा उम्मीदवारों की औसत संपत्ति करीब 54 करोड़ रुपए है। 26 उम्मीदवारों ने अपनी संपत्ति शून्य बताई है।
वहीं, करीब 31% यानी 686 उम्मीदवारों ने अपनी उम्र 25 से 40 साल के बीच बताई है। 317 (14%) की 61 से 80 साल के बीच है, जबकि 2 उम्मीदवार की आयु 80 साल से भी ज्यादा है। इन 2201 में से सिर्फ 204 महिला उम्मीदवार हैं, जो करीब 9% होता है।
प्रत्याशियों के एजुकेशन क्वालिफिकेशन की बात करें तो 47% ने अपने आपको 5वीं से 12वीं के बीच घोषित किया है। 74 उम्मीदवारों ने खुद को डिप्लोमा धारक, 58 ने साक्षर और 10 ने असाक्षर बताया है।