18वीं लोकसभा नवनिर्वाचित सांसद 251 दागी ?
251 दागी, 504 करोड़पति; 74 महिलाएं, तीन सबसे अमीर नवनिर्वाचित सांसदों में नवीन जिंदल भी
एडीआर द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के विश्लेषण के अनुसार, मौजूदा लोकसभा चुनावों में 543 विजेता उम्मीदवारों में से 251 के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। इन विजेता उम्मीदवारों में से 170 पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें हत्या, हत्या का प्रयास, महिलाओं के खिलाफ अपराध और नफरती भाषण से जुड़े आरोप शामिल हैं।
543 में से 251 (46%) विजेता उम्मीदवारों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किए हैं। 170 (14%) विजेता उम्मीदवारों ने अपने ऊपर गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं। 27 विजेता उम्मीदवारों ने अपने ऊपर दोषसिद्ध मामले घोषित किए हैं। चार विजेता उम्मीदवारों ने अपने ऊपर हत्या (आईपीसी-302) से जबकि 27 विजेता उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ हत्या के प्रयास (आईपीसी-307) से जुड़े मामले घोषित किए हैं। महिलाओं के ऊपर अत्याचार से जुड़े मामले घोषित करने वाले विजेता उम्मीदवार 15 हैं। इनमें से दो विजेता उम्मीदवारों के ऊपर दुष्कर्म (आईपीसी-376) से जुड़ा मामला दर्ज है।
एडीआर ने चुनाव में विजेता उम्मीदवारों द्वारा घोषित आपराधिक मामले दलवार आंकड़े जारी किए हैं। भाजपा के 240 में से 94 (39%), कांग्रेस के 99 में से 49 (49%), सपा के 37 में से 21 (57%), टीएमसी के 29 में से 13 (45%), डीएमके के 22 में से 13 (59%), टीडीपी के 16 में से आठ (50%) और शिनसेना के सात में से पांच विजेता उम्मीदवारों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किये हैं।
गंभीर आपराधिक मामलों वाले
पार्टी | विजेता | गंभीर आपराधिक मामलों वाले | प्रतिशत |
भाजपा | 240 | 63 | 26% |
कांग्रेस | 99 | 32 | 32% |
सपा | 37 | 17 | 46% |
टीएमसी | 29 | 7 | 24% |
डीएमके | 22 | 6 | 27% |
टीडीपी | 16 | 5 | 31% |
शिवसेना | 7 | 4 | 57% |
543में से 93% यानी 504 विजेता उम्मीदवार करोड़पति हैं। सबसे ज्यादा भाजपा के 227 विजेता उम्मीदवार करोड़पति हैं। दूसरे स्थान पर कांग्रेस है जिसके 92 विजेता उम्मीदवार करोड़पति हैं। चुनावी हलफनामों में इन प्रत्याशियों ने एक करोड़ से ज्यादा की संपत्ति घोषित की है। लोकसभा चुनाव 2024 के हर विजेता उम्मीदवार के पास औसतन 46.34 करोड़ रुपये की संपत्ति है। दलवार आंकड़ों पर गौर करें तो भाजपा के 240 विजेता उम्मीदवारों की औसतन संपत्ति 50.04 करोड़ की है।
संपत्ति | विजेता | प्रतिशत |
10 करोड़ रुपये और उससे अधिक | 227 | 42% |
5 करोड़ रुपये से 10 करोड़ रुपये | 103 | 19% |
1 करोड़ रुपये से 5 करोड़ रुपये | 174 | 32% |
20 लाख रुपये से 1 करोड़ रुपये | 35 | 6% |
20 लाख रुपये से कम | 4 | 1% |
इस चुनाव में सबसे ज्यादा संपत्ति घोषित करने वाले विजेता उम्मीदवार डॉ. चंद्रशेखर पेम्मासानी हैं। आंध्र प्रदेश के गुंटूर से टीडीपी प्रत्याशी पेम्मासानी ने कुल 5705 करोड़ की संपत्ति घोषित की है। इस मामले में दूसरे स्थान पर भाजपा के कोंडा विश्वेश्वर रेड्डी हैं। तेलंगाना की चेवेल्ला सीट से चुनाव जीतने वाले रेड्डी ने अपने हलफनामे में 4568 करोड़ की दौलत बताई है। तीसरे सबसे धनी विजेता प्रत्याशी भाजपा के नवीन जिंदल हैं। हरियाणा के कुरूक्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी जिंदल ने कुल 1241 करोड़ की संपत्ति घोषित की है। इस मामले में पांचवें स्थान पर कांग्रेस के नकुल नाथ हैं।
उधर तीन निर्दलीय विजेता उम्मीदवारों ने अपनी संपत्ति पांच लाख रुपये से 11 लाख रुपये के बीच बताई है। पश्चिम बंगाल की पुरुलिया सीट से भाजपा के विजेता उम्मीदवार ज्योतिर्मय सिंह महतो ने 5.95 लाख रुपये, बंगाल की ही आरामबाग (एससी) सीट से विजेता उम्मीदवार मिताली बाग ने 7.84 लाख रुपये और उत्तर प्रदेश की मछलीशहर सीट से विजेता उम्मीदवार प्रिया सरोज ने अपनी संपत्ति 11.25 लाख रुपये बताई है।
तमाम विजेता उम्मीदवारों की शैक्षिक योग्यता की बात करें तो 105 (19%) विजेता उम्मीदवार 5वीं और 12वीं के बीच पढ़ाई किए हुए हैं। 420 (77%) विजेता उम्मीदवारों ने अपनी शैक्षिक योग्यता स्नातक और इससे ज्यादा बताई है। 17 विजेता उम्मीदवार डिप्लोमा धारक हैं। एक विजेता उम्मीदवार ने अपनी शैक्षिक योग्यता साक्षर घोषित की है।
विजेता उम्मीदवारों की आयु के आंकड़े देखें तो 58 (11%) विजेता उम्मीदवार 25 से 40 वर्ष के बीच के हैं। 280 (52%) प्रत्याशी 41 से 60 वर्ष के बीच हैं। 204 (38%) विजेता उम्मीदवारों की आयु 61 से 80 वर्ष है। एक विजेता उम्मीदवार ने अपनी आयु 80 वर्ष से अधिक घोषित की है।
एडीआर द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, 543 विजेता उम्मीदवारों में से केवल 74 (14%) महिलाएं हैं। इसके पहले 2019 में 77 विजेता उम्मीदवार महिलाएं थीं। 2014 के चुनाव में कुल 62 और 2009 में 59 विजेता उम्मीदवार महिलाएं थीं।
नए चुने गए सांसदों में से 251 पर क्रिमिनल केस:2019 में यह संख्या 233 थी; 2009 से 2024 तक 124% बढ़े दागी सांसद
18वीं लोकसभा का रिजल्ट 4 जून को आ चुका है। नए चुने गए 543 सांसदों में से 46% यानी 251 पर क्रिमिनल केस दर्ज हैं। इनमें से 27 सांसदों को अलग-अलग अदालतों से दोषी करार दिया जा चुका है।
एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की रिपोर्ट के मुताबिक दागी सांसदों का यह अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है। इससे पहले 2019 में क्रिमिनल केस वाले 233 (43%) सांसद लोकसभा पहुंचे थे।
नए चुने गए 251 सांसदों में से 170 पर बलात्कार, हत्या, हत्या का प्रयास, अपहरण और महिलाओं के खिलाफ अपराध जैसे केस हैं। भाजपा के 63, कांग्रेस के 32 और सपा के 17 सांसदों पर गंभीर अपराध दर्ज हैं। लिस्ट में तृणमूल कांग्रेस (TMC) के 7, DMK के 6, तेलुगु देशम पार्टी (TDP) के 5 और शिवसेना के 4 सांसदों के नाम हैं।
तीन सांसद, जिन पर सबसे ज्यादा केस
संसद पहुंचने वाले सबसे दागी सांसदों की बात करें तो केरल की इडुक्की सीट से कांग्रेस के डीन कुरियाकोस का नाम सबसे ऊपर है। डीन ने 1.33 लाख वोट से जीत हासिल की है। उन पर करीब 88 मामले दर्ज हैं। इस लिस्ट में दूसरा नाम कांग्रेस के शफी परम्बिल का और तीसरा नाम BJP के एतेला राजेन्द्र का है।
महिलाओं के खिलाफ अपराध में शामिल 15 सांसद
2024 का चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे सांसदों में से 15 ने महिलाओं के खिलाफ अपराधों से जुड़े मामलों की घोषणा की है। इनमें से 2 पर IPC की धारा 376 के तहत बलात्कार का आरोप है। इनके अलावा, 4 सांसदों ने अपहरण से जुड़े मामले डिक्लेयर किए हैं। 43 ने अभद्र भाषा से जुड़े मामले अपने चुनावी हलफनामे में लिखे थे।
चुनाव आयोग ने विजयी सांसदों की लिस्ट राष्ट्रपति को सौंपी
चुनाव प्रक्रिया खत्म होने के बाद मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार और चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू ने गुरुवार शाम को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लोकसभा चुनाव जीतने वाले उम्मीदवारों की लिस्ट सौंपी। एक बार सूची राष्ट्रपति को सौंपे जाने के बाद 18वीं लोकसभा के गठन की औपचारिक प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
इससे पहले राष्ट्रपति ने बुधवार को 17वीं लोकसभा को भंग करने का आदेश दिया था। नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार केंद्र में सरकार बनाने के लिए तैयार हैं। एनडीए ने 293 सीटें जीती हैं, जबकि विपक्षी दल इंडिया ब्लॉक ने 234 सीटें जीती हैं।
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नए चुने गए सांसदों में से 46 फीसदी पर क्रिमिनल केस, ADR की रिपोर्ट में खुलासा
लोकसभा चुनाव के नतीजों को लेकर एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने अपने विश्लेषण में दावा किया है कि लोकसभा के 543 नवनिर्वाचित सदस्यों में से 251 यानि 46 प्रतिशत के खिलाफ क्रिमिनल केस दर्ज हैं और उनमें से 27 को कोर्ट से दोषी भी ठहराया गया है. बता दें कि लोकसभा चुनाव में अभी तक निर्वाचित सांसदों में इस साल सबसे अधिक नवनिर्वाचित सांसदों पर क्रिमिनल केस दर्ज होने के मामले सामने आये हैं.
एडीआर के विश्लेषण के अनुसार, साल 2009 से आपराधिक मामले घोषित करने वाले सांसदों की संख्या में 55 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. इस साल जीतने वाले 251 उम्मीदवारों में से 170 (31 प्रतिशत) पर हत्या, हत्या का प्रयास, बलात्कार, अपहरण और महिलाओं के खिलाफ अपराध सहित गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं.
विश्लेषण से पता चला कि यह 2019 लोकसभा चुनाव में 159 (29 प्रतिशत) सांसदों, 2014 लोकसभा चुनाव में 112 (21 प्रतिशत) सांसदों और 2009 लोकसभा चुनाव में 76 (14 प्रतिशत) सांसदों की तुलना में भी वृद्धि है.
अपराधिक मामलों में 124 फीसदी का इजाफा
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2009 के लोकसभा चुनाव से गंभीर आपराधिक मामले घोषित करने वाले सांसदों की संख्या में 124 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. विजयी सांसदों के खिलाफ दर्ज अपराधिक मामले का विश्वेषण करते हुए दावा किया गया है कि 27 विजयी उम्मीदवारों ने हलफनामे में घोषित किया है कि उन्हें आपराधिक मामलों में दोषी ठहराया गया है.
इनमें से चार ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 के तहत हत्या से संबंधित मामले दर्ज करने का उल्लेख किया है. 27 सांसदों ने आईपीसी की धारा 307 के तहत हत्या के प्रयास से संबंधित मामले दर्ज होने की बात कही है. पंद्रह विजयी उम्मीदवारों ने महिलाओं के खिलाफ अपराधों से संबंधित मामलों की घोषणा की है, जिनमें से दो पर आईपीसी की धारा 376 के तहत बलात्कार का आरोप है.
इतने सांसदों के खिलाफ दर्ज हैं क्रिमिनल केसइसके अलावा, चार विजयी उम्मीदवारों ने अपहरण से संबंधित मामले घोषित किए हैं और 43 ने अभद्र भाषा से संबंधित मामले घोषित किए हैं. एडीआर के अनुसार, 18वीं लोकसभा में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी भाजपा के 240 विजयी उम्मीदवारों में से 94 (39 प्रतिशत) ने आपराधिक मामले घोषित किए हैं. कांग्रेस के 99 विजयी उम्मीदवारों में से 49 (49 प्रतिशत) ने आपराधिक मामले घोषित किए हैं और समाजवादी पार्टी के 37 उम्मीदवारों में से 21 (45 प्रतिशत) पर आपराधिक आरोप हैं.
रिपोर्ट के अनुसार डीएमके के 22 में से 13 (59 प्रतिशत), टीएमसी के 29 में से 13 (45 प्रतिशत), टीडीपी के 16 में से आठ (50 प्रतिशत) और शिवसेना के सात विजयी उम्मीदवारों में से पांच (71 प्रतिशत) ने आपराधिक मामले घोषित किए हैं.
रिपोर्ट के अनुसार भाजपा के 63 (26 प्रतिशत), सपा के 17 (46 प्रतिशत) और कांग्रेस के 32 (32 प्रतिशत) उम्मीदवारों ने गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं. इसमें कहा गया है कि छह (27 प्रतिशत) डीएमके उम्मीदवार, सात (24 प्रतिशत) टीएमसी उम्मीदवार, पांच (31 प्रतिशत) टीडीपी उम्मीदवार और चार (57 प्रतिशत) शिवसेना उम्मीदवार गंभीर आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं.