महिलाओं से दुष्कर्म के मामले 9% घटे, लेकिन हत्याएं 50% बढ़ीं ?
महिला अपराध:महिलाओं से दुष्कर्म के मामले 9% घटे, लेकिन हत्याएं 50% बढ़ीं
- महिला अपराधों की रोकथाम के लिए मैं हूं अभिमन्यु जैसे अभियान चला रही पुलिस
महिला अपराधों के लिहाज से भोपाल के लिए अच्छी और बुरी दोनों खबर है। वर्ष 2023 के मुकाबले 2024 के 10 महीनों (जनवरी से अक्टूबर) में महिलाओं के खिलाफ हुए कुल अपराधों में 4% गिरावट आई है। लेकिन दहेज के लिए हत्याएं 43 फीसदी बढ़ी हैं। महिलाओं की हत्या के मामलों में 50 फीसदी और अपहरण की घटनाओं में 22% फीसदी का इजाफा हुआ है।
हालांकि दुष्कर्म के मामले 9 फीसदी घटे हैं। भोपाल पुलिस के आंकड़े बता रहे हैं कि महिलाओं के प्रति होने वाले अधिकतर अपराधों में कमी आई है। हत्या के प्रयास के मामले 33 फीसदी घटे हैं। चेन लूट 80%, साधारण मारपीट 45 फीसदी और दहेज प्रताड़ना के मामले 14 फीसदी तक घटे हैं। इस अवधि में 2023 में 2891 अपराध दर्ज किए गए थे। इस साल 2762 अपराध दर्ज किए जा चुके हैं।
जागरूकता अभियान और तत्काल कार्रवाई का असर ^महिला अपराध में कमी की दो वजह मुख्य हैं। पहली महिलाओं के खिलाफ होने वाली घटनाओं में तत्काल कार्रवाई। दूसरा जागरूकता अभियान। हरिनारायणाचारी मिश्र, पुलिस कमिश्नर
कम्युनिटी पुलिसिंग से मिले बेहतर परिणाम
सीधी बात: निधि सक्सेना, एसीपी महिला सुरक्षा
महिला अपराधों में कमी लाने पुलिस क्या कर रही है? –
मैं हूं अभिमन्यु, स्टूडेंट्स इंटर्नशिप, मुस्कान और ऊर्जा हेल्प डेस्क जैसे अभियान चलाए जा रहे हैं। स्टूडेंट्स इंटर्नशिप कम्युनिटी पुलिसिंग का बेहतर उदाहरण है। अभी 8 कॉलेज के 800 स्टूडेंट्स के बीच पुलिस पहुंचती है। वो जो सीखते हैं, उसका एक पेपर होता है। इससे वो अपने अधिकार और जिम्मेदारी के प्रति जागरूक होते हैं।
दहेज हत्या में कमी न आने की वजह? –
कई बार देखने में आया है महिलाएं अपनी पीड़ा किसी से कह नहीं पातीं। उसका परिणाम दहेज हत्या के रूप में सामने आता है। उनकी पीड़ा पुलिस तक आ सके, ऐसे प्लेटफॉर्म पर काम किया जा रहा है।
सार्वजनिक स्थानों पर किस तरह निगरानी है? -\
चार्ली और मैत्रीय दो तरह की मोबाइल टीम हैं। मैत्रीय में सिर्फ महिला पुलिसकर्मी हैं, जो सार्वजनिक स्थानों पर निगरानी करती हैं।