किन मांगों को लेकर दिल्ली कूच कर रहे किसान ?
Farmers Protest: MSP पर कानून, पूरा कर्ज माफ, भूमि अधिग्रहण एक्ट, किन मांगों को लेकर दिल्ली कूच कर रहे किसान
Farmers Protest: किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा है कि 101 किसानों का एक जत्था शुक्रवार दोपहर एक बजे शंभू बॉर्डर विरोध स्थल से दिल्ली के लिए कूच करेगा.

फरवरी से किसान कर रहे हैं प्रदर्शन
किसानों ने फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी समेत अपनी विभिन्न मांगों को लेकर इससे पहले 13 फरवरी और 21 फरवरी को राष्ट्रीय राजधानी की ओर मार्च करने का प्रयास किया था, लेकिन उन्हें सुरक्षा बलों ने पंजाब-हरियाणा सीमाओं पर शंभू और खनौरी में रोक दिया था. इस बार किसान जिन 12 मांगों को लेकर मार्च कर रहे हैं, उनमें एमएसपी (MSP) की गारंटी, मुआवजा, पेंशन, स्वामीनाथन आयोग रिपोर्ट के सुझाव को लागू करना शामिल है.
किसानों की सभी मांगें
1. सभी फसलों की खरीद पर एमएसपी को लेकर कानून बनाया जाए. स्वामीनाथन आयोग के सुझाव के अनुसार फसलों की कीमत C2+50 फीसदी फॉर्मूले पर तय हों.
2. गन्ने का एफआरपी और एसएपी स्वामीनाथन आयोग के सुझाव के तहत तय हों.
3. किसानों और मजदूरों का पूरा कर्ज मांफ हो.
4. भारत को विश्व व्यापार संगठन (WTO) से बाहर निकलने की मांग. खेती करने के चीजों, फलों, सब्जियों और मांस पर आयात शुल्क कम हो इसके लिए भत्ता बढ़ाने की मांग की गई.
5. किसानों और 58 साल से अधिक खेतिहर मजदूरों के लिए पेंशन योजना के तहत 10 हजार रुपये प्रति महीना पेंशन दिया जाए.
6. फसल के नुकसान को लेकर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में सुधार करने की जरूरत. फसलों के नुकसान का आकलन करते समय खेत एकड़ को ईकाई मानकर इस्तेमाल करे.
7. भूमि अधिग्रहण एक्ट 2013 को फ्लो करते हुए केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को जो निर्देश दिए हैं वो रद्द हों.
8. हर साल मनरेगा के तहत 200 दिन काम मिले. इसमें मजदूरी को बढ़ाकर 700 रुपये करने की मांग की गई.
9. कीटनाशक, बीज और उर्वरक अधिनियम में संशोधन हो और बीजों की गुणवत्ता में सुधार हो. निकली बीज बचने वालों का लाइसेंस रद्द हो.
10. संविधान की पांचवीं अनुसूची का पालन हो.
11. न्यूनतम मजदूरी 26 हजार रुपये करने की मांग.
12. इसमें किसानों के पिछले आंदोलन से जुड़ी मांगें हैं, जिसमें खीमपुर खीरी हत्या मामले में कार्रवाई, पिछले आंदोलन के घायलों को 10 लाख रुपये का मुआवजा, आंदोलनों के दौरान किसानों पर दर्ज मुकदमें को रद्द करने, आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों के परिवार वालों को नौकरी शामिल है.