MP में सालभर में डिवोर्स के 16 हजार केस, 60% में सोशल मीडिया जिम्मेदार
भोपाल के कुटुंब न्यायालय (फैमिली कोर्ट) ने 28 नवंबर को एक पति-पत्नी को आपसी रजामंदी से तलाक दे दिया। उनकी शादी 12 साल पहले हुई थी और दोनों का एक बेटा भी है। तलाक की वजह बनी सोशल मीडिया रील्स। पति को पत्नी का सोशल मीडिया पर रील्स बनाना पसंद नहीं था तो पत्नी इससे होने वाली कमाई को गंवाना नहीं चाहती थी।
इसी तरह एक पति ने शिकायत की उसकी पत्नी रील में नया दिखने के लिए रोजाना कपड़े खरीदती है, जिससे घर का खर्च बढ़ गया है, तो एक और पति की शिकायत है कि रील के जुनून में पत्नी बच्चे की देखभाल नहीं कर रही है। मुझे भी रील बनाने के लिए तैयार होने के लिए कहती है।
ऐसे कई मामले हैं जिनमें सोशल मीडिया, रील्स, लाइक और फॉलोअर्स की चाहत में पति-पत्नी के बीच विवाद हो रहे हैं। जो मनमुटाव के साथ-साथ तलाक की वजह भी बन रहे हैं। एक्सपर्ट के मुताबिक साल 2024 में मप्र के पांच बड़े शहरों के फैमिली कोर्ट में पति-पत्नी के बीच विवाद के 16 हजार से ज्यादा केस दर्ज हुए हैं। इनमें से 60 फीसदी यानी 9 हजार केस में विवाद की वजह सोशल मीडिया रहा है।
संडे बिग स्टोरी में पढ़िए उन परिवारों की कहानी जो सोशल मीडिया की वजह से तबाह हुए। साथ ही एक्सपर्ट से जानेंगे कि कैसे सोशल मीडिया कपल्स के बीच विलेन बन रहा है।
पहले वो दो मामले जिनमें परिवार पूरी तरह बर्बाद हो गए
केस 1: सोशल मीडिया रील की वजह से पत्नी की हत्या ये मामला भोपाल के पिपलानी थाने का है। इसी साल अगस्त के महीने में लेबर कॉलोनी में रहने वाले दिलीप मेहरा ने पत्नी छाया मेहरा की बेरहमी से हत्या कर दी थी। दोनों की शादी 2019 में हुई थी और 4 साल की एक बेटी है।
पेशे से फोटोग्राफर दिलीप, ऑर्डर पर काम करता था। छाया दिन भर घर में अकेले रहती थी। धीरे-धीरे वह सोशल मीडिया पर रील बनाने लगी। उसके फॉलोअर्स की संख्या 10 हजार तक पहुंच गई थी। वह लगभग हर रोज एक रील पोस्ट करती थी।
उसे डांस का शौक था, लेकिन दिलीप उसकी इस आदत की वजह से उस पर शक करने लगा। धीरे-धीरे दोनों के बीच झगड़े बढ़ने लगे। दिलीप रोजाना उसके साथ मारपीट करता था। 26 अगस्त को दिलीप ने अपने माता-पिता को घूमने के नाम पर बाहर भेजा और छाया पर तवे से हमला कर उसकी हत्या कर दी और खुद थाने में सरेंडर कर दिया।
केस 2: दूसरे के साथ रील बनाई तो पति ने 14 टुकड़े कर दिए ये मामला भी भोपाल के ईंटखेड़ी का है। करोंद की हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी की रहने वाली सानिया खान की उसके पति नदीमउद्दीन ने 21 मई को गला दबाकर हत्या कर दी। उसके बाद शव को कचरा खंती में जाकर जला दिया। जब शव पूरी तरह से नहीं जला तो वहीं पर दफना दिया।
मामले का खुलासा तब हुआ जब सानिया के परिजन ने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट निशातपुरा थाने में दर्ज कराई थी। घटना के 10 दिन बाद 2 जून को नदीमुद्दीन ने थाने आकर पत्नी की हत्या की बात स्वीकार कर ली। हत्या के पीछे की वजह बताते हुए उसने कहा कि पत्नी को रील बनाने का शौक था।
उसने किसी और युवक के साथ उसकी रील देखी। वह पहले से पत्नी के चरित्र पर शक करता था। रील की वजह से उसका शक और गहरा गया इसलिए उसने उसकी हत्या कर दी।
सोशल मीडिया कैसे बन रहा विलेन? फैमिली कोर्ट की काउंसलर शैल अवस्थी बताती है कि हर रोज तलाक के 3-4 केस आते हैं। भोपाल में 7 काउंसलर्स हैं। एक काउंसलर के पास 30 केस आते हैं इस तरह से 300-350 केस महीने भर में आते हैं। इनमें से 60 फीसदी मामलों में मनमुटाव का कारण सोशल मीडिया है।
वे कहती है कि सोशल मीडिया का किसी न किसी तरह से इन्वॉल्वमेंट होता है। चाहे वह इंस्टाग्राम हो, फेसबुक हो या फिर पति या पत्नी में से किसी एक की रील बनाने की आदत हो। इन वजह से दोनों में विवाद बढ़ने लगते हैं और कई बार तलाक की नौबत आ जाती है।
तलाक चाहने वाले पतियों की संख्या पत्नियों से ज्यादा मध्यप्रदेश के 5 बड़े शहरों के पिछले 5 साल के आंकड़े देखें तो तलाक के 16 हजार से ज्यादा केस दर्ज हुए हैं। इसी साल 7 हजार से ज्यादा मामले दर्ज हुए हैं जो साल 2020 में दर्ज मामलों से 14 गुना ज्यादा है। केवल इंदौर में इसी साल 2 हजार से ज्यादा मामले दर्ज हुए हैं।
वहीं पिछले पांच साल के आंकड़े देखें तो भरण पोषण, बच्चों की कस्टडी सहित तलाक के 4 हजार से ज्यादा केस पेंडिंग हैं। काउंसलर के मुताबिक तलाक चाहने वालों में पुरुषों की संख्या महिलाओं से ज्यादा है, जो एक दूसरे के साथ नहीं रहना चाहते हैं। पति-पत्नी के बीच मनमुटाव भी बहुत छोटी-छोटी बातों पर हो रहा है।
अब इन मामूली बातों के उदाहरण भी बता देते हैं
केस 1: पत्नी 20 हजार कमा रही, पति ने टोका तो लिया तलाक ये मामला भोपाल का है। प्ले स्कूल में काम करने वाली पत्नी को रील्स बनाने का शौक चढ़ा। धीरे-धीरे वह फेमस होने लगी और उसे सोशल मीडिया के जरिए 20 हजार रुपए की कमाई भी होने लगी। दूसरे रील्स क्रिएटर्स से उसका संपर्क बढ़ा। कई लोग घर आने लगे।
यही बात उसके पति को खटक गई। उसने पत्नी से रील्स बनाने के लिए मना किया। पत्नी ने पति की बात नहीं मानी। मामला फैमिली कोर्ट में पहुंचा जहां पत्नी ने पति पर शराब पीकर मारपीट करने के आरोप लगाए। दोनों ने रजामंदी से तलाक ले लिया।
केस 2: पत्नी की शिकायत- न तो रील बनाने देते हैं, न घुमाने ले जाते हैं शादी के दो साल बाद एक पत्नी ने फैमिली कोर्ट में तलाक का आवेदन दिया। उसने आरोप लगाया कि उसके पति बैंक में पदस्थ हैं, लेकिन उसे खर्च के लिए पैसा नहीं देते हैं। उसे रील भी नहीं बनाने देते हैं और कहीं घुमाने भी नहीं ले जाते हैं।
जब दोनों की काउंसिलिंग हुई तो पति ने कहा कि उसकी पत्नी प्राइवेट कंपनी में एग्जीक्यूटिव के पद पर है। वह रील बनाती है। उसे जब मैंने टोका तो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर मुझे ही ब्लॉक कर दिया। दोनों का अभी तलाक नहीं हुआ, काउंसिलिंग चल रही है।
केस 3: रील के जुनून में बच्चे की देखभाल नहीं करती ये शिकायत एक सरकारी अधिकारी की है। उसने काउंसलर को बताया कि उसकी पत्नी रील के जुनून में इस कदर खो जाती है कि बच्चे की देखभाल नहीं करती। घर का हर काम प्रभावित हो रहा है। यहां तक कि मुझे भी हमेशा तैयार रहने के लिए कहती है, ताकि उसके साथ वीडियो बनाने में उसका साथ दे सकूं।
इससे बच्चे का स्कूल में परफॉर्मेंस खराब हो रहा है। काउंसलर ने इस मामले में दोनों को समझाइश दी। बच्चे के भविष्य का हवाला देते हुए दोनों के बीच समझौता कराया।
केस 4: रील बनाने के लिए रोज खरीददारी करती है सॉफ्टवेयर कंपनी में काम करने वाले पति ने पत्नी से तलाक मांगा। उसने आरोप लगाया कि पत्नी लगातार रील बनाने में व्यस्त रहती है। पूरा समय वीडियो शूट करने और सोशल मीडिया पर पोस्ट करने में ही बीत रहा है। उसके फॉलोअर्स भी बढ़ रहे हैं। हर रील में अलग दिखने के लिए वह रोज खरीददारी कर रही है।
इस पर पत्नी का कहना है कि पति के पास उसे बाहर ले जाने का समय नहीं है। वह टाइम पास करने के लिए रील बनाती है, तो इसमें गलत क्या है? फिलहाल काउंसलर दोनों की काउंसिलिंग कर रहे हैं।
केस 5: टूरिंग जॉब में पति रील बनाता है, मुझे टोकता है शादी के पांच साल बाद एक दंपती के बीच तलाक का मामला आया। पत्नी का कहना था कि पति घुमाने नहीं ले जाते हैं। कहते हैं कि टूरिंग जॉब में हूं, बाहर भटकते हुए थक गया हूं। वे खुद बाहर घूमते हैं और रील बनाते हैं।
बीते दिनों जब उनकी रील स्क्रॉल कर रही थी तो एक रील के बैकग्राउंड में पति अपनी सहकर्मी के साथ कुछ खाते और मस्ती करते नजर आए। उसे यह बर्दाश्त नहीं हुआ। मामले में काउंसिलिंग जारी है।
अब जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट
काउंसलर बोले- परिवार के बिखराव का असर समाज पर पड़ेगा सीनियर काउंसलर रीता तुली कहती हैं कि इसकी सबसे बड़ी वजह ये है कि आजकल कपल्स एक दूसरे के साथ समय बिताने के बजाय सोशल मीडिया को ज्यादा वक्त दे रहे हैं। जब पत्नी दूसरों को रील बनाते हुए देखती है तो वह खुद रील बनाने लगती है। इससे शादीशुदा जिंदगी पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है।
जब दोनों के बीच संवाद नहीं होता तो दूरियां बढ़ेंगी। इतना ही नहीं लोग प्राइवेट लाइफ को पब्लिक प्लेटफॉर्म पर ला रहे हैं। वह कहती है कि लड़की हो या लड़का हर कोई स्वतंत्रता चाहता है। शादी जैसी संस्था में लोगों का भरोसा कम हो रहा है। आजकल लड़कियां भी कमा रही है तो वो पतियों पर ज्यादा डिपेंडेंट नहीं होतीं।
वह कहती हैं कि रील बनाना बुरी बात नहीं है, मगर परिवार और संबंधों को जिंदा रखना जरूरी है। परिवार है तो हम हैं और परिवार नहीं तो कुछ नहीं है।
तलाक के लिए सबूत बन रहा सोशल मीडिया रिकॉर्ड एडवोकेट अमिता अवस्थी बताती हैं कोर्ट पहुंच रहे अधिकांश मामलों में पति-पत्नी एक-दूसरे के खिलाफ सबूत पेश करने में भी सोशल मीडिया का रिकॉर्ड ही पेश कर रहे हैं। चाहे पति हो या पत्नी वे मैसेज, सोशल मीडिया ऐप पर चैटिंग, वॉट्सऐप चैट और वीडियो कॉल को सबूत के तौर पर कोर्ट के सामने प्रस्तुत करते हैं। साथ ही अन्य डिजिटल एविडेंस भी रखे जाते हैं।
अमिता कहती हैं कि ये बात सही है कि संविधान ने अनुच्छेद 21 में हर नागरिक को जीवन जीने का अधिकार दिया है, लेकिन कपल्स एक दूसरे को स्पेस नहीं देते। यदि वे एक दूसरे के निजी जीवन में दखल अंदाजी करेंगे तो फिर मनमुटाव होगा।
दोनों को एक दूसरे पर भरोसा बनाकर रखना होगा। यदि पत्नी सोशल मीडिया की वजह से घर परिवार को समय नहीं दे रही है तो वह भी ठीक नहीं है।
मनोचिकित्सक बोले- रिश्तों में बैलेंस बनाना जरूरी मनोचिकित्सक डॉ. ऋषि मलिक कहते हैं कि यूएस की एक स्टडी में पाया गया कि हर 8 में से 1 तलाक के मामले के पीछे सोशल मीडिया जिम्मेदार था। ये ट्रेंड अब भारत में भी दिखाई दे रहा है। वे कहते हैं कि जब कपल्स एक दूसरे को समय देने के बजाय अपना ज्यादा समय सोशल मीडिया पर गुजारते हैं, तो एक असंतोष उत्पन्न होता है।
वो ऐसी जिंदगी जीने की कोशिश करते हैं जिसमें उन्हें वास्तविकता से मतलब नहीं होता है। वो बस सोशल मीडिया पर अच्छा दिखना चाहते हैं। आज के दौर में कपल्स एक दूसरे को समय देने के बजाय सोशल मीडिया पर ज्यादा वक्त दे रहे हैं। ये झगड़े की वजह बनता है।
इससे तुलना की भावना भी उत्पन्न हो रही है, साथ ही धोखा देने की प्रवृत्ति भी बढ़ रही है। सोशल मीडिया पर अनजान लोगों से जुड़ना बेहद आसान है। डॉ. मलिक कहते हैं कि रिश्तों में बैलेंस बनाना जरूरी है।
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