निजी स्कूलों के लिए फीस वृद्धि पर नया नियम लागू, अलग से नहीं ले सकेंगे Bus Fee ?
- निजी स्कूलों के लिए फीस वृद्धि पर नया नियम लागू।
- 25 हजार रुपये तक फीस वाले स्कूलों को राहत मिली।
- परिवहन फीस अब वार्षिक फीस का हिस्सा होगी।
भोपाल: राज्य सरकार प्रदेश के निजी स्कूलों को बड़ी राहत देने जा रही है। अब ऐसे स्कूल जिनकी किसी भी कक्षा के लिए वार्षिक फीस 25 हजार रुपये से कम है, वे फीस नियंत्रण अधिनियम के दायरे में नहीं आएंगे। यदि ऐसे स्कूल 15 प्रतिशत से अधिक फीस वृद्धि करते हैं तो इसके लिए पहले जिला समिति से अनुमति लेनी होगी। ऐसा नहीं करने पर अधिनियम के प्रविधान के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
25 हजार रुपये वार्षिक फीस वाले स्कूलों को छूटयदि दस प्रतिशत वृद्धि करते हैं तो अभिभावकों पर अधिक भार नहीं पड़ता है, इसलिए नई उपधारा प्रस्तावित की गई है कि 25 हजार रुपये वार्षिक फीस लेने वाले स्कूल अधिनियम के दायरे से बाहर रहेंगे। इसके साथ ही यह प्रविधान भी किया जा रहा है कि परिवहन फीस स्कूलों की वार्षिक फीस का भाग होगा। अभी स्कूल इसे वार्षिक फीस से अलग लेते हैं और इसमें वृद्धि भी अधिक होती है। इससे वार्षिक फीस नियंत्रित रहेगी।
फीस बढ़ाने की शिकायत सुनने बनेगी समितिफीस बढ़ाने पर आपत्ति की अपील सुनने मंत्री की अध्यक्षता में समिति अधिनियम में यह संशोधन भी प्रस्तावित किया गया है कि वार्षिक फीस में 15 प्रतिशत से अधिक वृद्धि के आदेश के विरुद्ध अपील सुनने के लिए राज्य स्तरीय समिति होगी। इसके अध्यक्ष स्कूल शिक्षा मंत्री रहेंगे।
इस समिति को यह अधिकार रहेगा कि वह विभागीय समिति द्वारा किसी स्कूल पर लगाए गए अर्थदंड को घटा या बढ़ा सकेगी। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में पहली बार निर्धारित फीस से अधिक लेने के कारण कई स्कूलों पर कार्रवाई करते हुए अधिक फीस अभिभावकों को लौटाई गई है।