मध्य प्रदेश ने गत सप्ताह एमपी जन विश्वास (संशोधन का प्रविधान) विधेयक 2024 पारित कर एक अच्छा उदाहरण प्रस्तुत किया है। इसका आधार केंद्र सरकार का जन विश्वास अधिनियम 2023 ही है। इस ऐतिहासिक विधायी पहल का उद्देश्य कानूनी प्रक्रियायों को सुगम बनाना पारदर्शिता सुनिश्चित करना और गुड गवर्नेंस को बढ़ावा देकर सामान्य नागरिकों और उद्यमिकों की राह आसान बनाना है।
…..आधुनिक काल में गवर्नेंस से आशय केवल नियमों एवं नियमनों के प्रबंधन तक सीमित न रहकर व्यक्तियों एवं उद्यमियों के लिए एक अनुकूल परिवेश तैयार करने तक विस्तारित हो गया है। मोदी सरकार इस दिशा में आरंभ से ही गंभीरता के साथ सक्रिय रही है। जन विश्वास अधिनियम, 2023 इसका ही एक उदाहरण है, जिसे प्रस्तावित जन विश्वास विधेयक 2.0 से नए आयाम दिए जाने की तैयारी है। जन विश्वास अधिनियम के माध्यम से पहले ही 40 से अधिक आपराधिक प्रविधानों को हटाकर उनके स्थान पर कुछ आर्थिक हर्जाने और अपेक्षाकृत सुगम अनुपालनों की व्यवस्था की जा चुकी है। जन विश्वास अधिनियम 2.0 इस विजन को और आगे ले जाता है, जिसमें ऐसा ढांचा तैयार किया जा रहा है जिसमें नागरिकों एवं कारोबारियों को विरोधी के बजाय सहयोगी के रूप में देखने की मंशा है।