‘किसी संपत्ति के समझौता डिक्री के लिए स्टाम्प ड्यूटी की जरूरत नहीं
‘किसी संपत्ति के समझौता डिक्री के लिए स्टाम्प ड्यूटी की जरूरत नहीं’, सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला
Supreme Court on compromise decree registration समझौता डिक्री के पंजीकरण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि अगर किसी व्यक्ति के पास पहले से ही किसी संपत्ति का अधिकार है और वह समझौता डिक्री के माध्यम से इसे हासिल करता है तो उसे पंजीकरण की जरूरत नहीं है और न ही उसे स्टाम्प ड्यूटी की आवश्यकता है।
- समझौता डिक्री के लिए पंजीकरण भी जरूरी नहींः सुप्रीम कोर्ट
- एमपी हाई कोर्ट की इंदौर बेंच के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने पलटा।
अपीलकर्ता ने क्या की मांग?
- यह मामला मध्य प्रदेश के धार जिले के खेड़ा गांव में एक जमीन के टुकड़े के लिए स्टाम्प ड्यूटी के भुगतान से जुड़ा है।
- अपीलकर्ता मुकेश ने जमीन को एक सिविल मुकदमे में समझौता डिक्री के माध्यम से अधिग्रहित किया था। 2013 में अपीलकर्ता ने इसके बाद एक सिविल कोर्ट में जमीन पर स्थायी निषेधाज्ञा की मांग करते हुए मुकदमा दायर किया। राष्ट्रीय लोक अदालत ने समझौता डिक्री के माध्यम से मुकदमे का समाधान किया।
कलेक्टर ने स्टाम्प ड्यूटी देने का दिया आदेश
राजस्व बोर्ड और हाईकोर्ट ने भी समझौता डिक्री पर स्टाम्प ड्यूटी लगाने के फैसले को बरकरार रखा।
हाईकोर्ट ने समझौता डिक्री के माध्यम से अर्जित संपत्ति पर स्टाम्प शुल्क लगाने के कलेक्टर ऑफ स्टैम्प्स के निर्णय का समर्थन करने में गलती की है, क्योंकि डिक्री ने केवल पहले से मौजूद अधिकारों की पुष्टि की है और संपत्ति में कोई नया अधिकार नहीं बनाया है।
किन मामलों में पंजीकरण की आवश्यकता नहीं?
- बिना किसी मिलीभगत के समझौते की शर्तों के अनुसार समझौता डिक्री होनी चाहिए।
- समझौता डिक्री मुकदमे से शामिल संपत्ति से संबंधित होनी चाहिए।
- संपत्ति पर पहले से मौजूद अधिकार होना चाहिए और समझौता डिक्री से कोई नया अधिकार नहीं बनना चाहिए।
क्या बोले सुप्रीम कोर्ट के वकील?
सम्पत्ति से जुड़े दीवानी मामलों में वादी को कोर्ट फीस का पेमेंट करना होता है। कानून के अनुसार समझौते के तहत अदालत से हासिल डिक्री सभी पक्षकारों पर बाध्यकारी होती है। सुप्रीम कोर्ट के अनुसार ऐसी समझौता डिक्री से सम्पत्ति का अधिकार हासिल करने के लिए स्टाम्प एक्ट और रजिस्ट्रेशन एक्ट के तहत अलग से स्टाम्प ड्यूटी की कानूनी बाध्यता नहीं है।
समझौता डिक्री क्या है उदाहरण से समझें