शासकों को खुश करने के लिए लिखे इतिहास से छुटकारा पाने का समय.. ?
शासकों को खुश करने के लिए लिखे इतिहास से छुटकारा पाने का समय..; गृह मंत्री का कश्मीर पर बड़ा संकेत


कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गृह मंत्री ने कहा, “हमारे देश का इतिहास हजारों साल पुराना है। हर कोने से दुनिया भर की सभ्यता को कुछ न कुछ देने के लिए कई गतिविधियां हुईं, लेकिन हमारी गुलामी के कालखंड में हमारा प्रजातीय आत्मविश्वास तोड़ने के क्रम में इसको विस्मृत कराने के कई प्रयास किए गए। एक झूठ फैलाया गया कि देश कभी एक था ही नहीं। देश की आजादी की कल्पना ही बेईमानी है, क्योंकि यह देश कभी था ही नहीं। ढेर सारे लोगों ने इस झूठ को स्वीकार कर लिया। जब इसके मूल में जाते हैं तो हमें मालूम पड़ता है कि अंग्रेजों के समय में लिखे गए इतिहास में कोई खराब इरादा नहीं होगा। लेकिन इनके अल्पज्ञान के कारण उनकी देश की व्याख्या ही गलत थी। एक प्रकार से देखे तो दुनिया भर के अधिकांश देशों का अस्तित्व जियो पॉलिटिकल अस्तित्व है। सीमाओं से बने हुए देश हैं,या तो किसी युद्ध से जन्मे हैं।”
अनुच्छेद 370 और 35ए को हटाने पर भी बात की
अमित शाह ने अनुच्छेद 370 और 35ए हटाने पर भी बात की। उन्होंने कहा, “अनुच्छेद 370 और 35ए ये हमारे देश को एक प्रकार से हमारे देश के साथ कश्मीर को एकरूप होने से रोकने वाले योगदान थे। उस वक्त भी जनता यह नहीं चाहती थी। संविधान सभा में भी बहुमत नहीं चाहता था, कि धारा 370 संविधान का हिस्सा बनें। पीएम मोदी के मजबूत संकल्प ने इसे कश्मीर से हटाया, जिसके बाद से कश्मीर और पूरे देश में विकास शुरू हुआ। अनुच्छेद ने 370 ने घाटी में अलगाववाद के बीज बोये जो बाद में आतंकवाद में बदल गए। अनुच्छेद 370 ने यह झूठ फैलाया कि कश्मीर और पूरे देश के बीच संबंध अस्थाई है।”
उन्होंने आगे कहा, “कश्मीर में दशकों तक आतंकवाद रहा और देश इसे देखता रहा। अनुच्छेद 370 हटने के बाद आतंकवाद 70% कम हुआ। कांग्रेस हम पर जो चाहे आरोप लगा सकती है। पीएम मोदी ने 80,000 करोड़ रुपये का पैकेज जारी किया। हमने न सिर्फ आतंकवाद पर काबू पाया, बल्कि पीएम मोदी सरकार ने आतंकी इको-सिस्टम को भी ध्वस्त कर दिया।”
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “भारत की सभी क्षेत्रों में फैली 10,000 साल पुरानी संस्कृति कश्मीर में भी मौजूद है। जब 8000 साल पुरानी किताबों में कश्मीर और झेलम का जिक्र होता है तो कश्मीर किसका है, इस पर कोई टिप्पणी नहीं करता। कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और हमेशा रहेगा। इसे कोई भी अलग नहीं कर सकता। कानून का उपयोग करके इसे अलग करने का प्रयास किया गया लेकिन समय के साथ उन अनुच्छेदों को भी निरस्त कर दी गईं।”
अमित शाह ने कहा कि इतिहासकारों को कोसने से कुछ नहीं होगा उन्हें जो करना था उन्होंने किया लेकिन अब हमें कौन रोक सकता है? देश आजाद है और देश के विचारों के अनुरूप चलने वाली सरकार है।