इंडियन फॉरेस्ट रिपोर्ट में खुलासा. ?

इंडियन फॉरेस्ट रिपोर्ट में खुलासा…:ग्वालियर-चंबल संभाग में 133.16 वर्ग किमी बढ़ी हरियाली, वर्ष 2021 की तुलना में 30.91 कम, श्योपुर में 42.20 वर्ग किमी जंगल भी हुआ कम

अंचल में सबसे घना जंगल कहलाने वाले श्योपुर जिले में हरियाली का ग्राफ लगातार नीचे पहुंच रहा है। इंडियन फॉरेस्ट की हाल में सामने आई एक रिपोर्ट में श्योपुर जिले का फॉरेस्ट कवर एरिया (घनत्व) में 42.20 वर्ग किलोमीटर कम हुआ है। यहां पर जमीनों पर अतिक्रमण और पेड़ों की कटाई कारण सामने आ रही है। हालांकि वन विभाग के जिम्मेदार अफसरों का कहना है कि जिला स्तर पर समीक्षा करने के पश्चात कारण सही कारणों का पता चलेगा।

श्योपुर का पडोसी जिला शिवपुरी में हरियाली का कवर एरिया 4.40 वर्ग किलोमीटर बढ़ा सामने आया है। अब बात करते है ग्वालियर जिले की। यहां फॉरेस्ट कवर एरिया 9.52 वर्ग किलोमीटर बढ़ा है। यहां पर जंगल में पौधरोपण और जंगल के बाहर समूह पौधरोपण कारण सामने आ रहा है।

वन विभाग दो साल में सैटेलाइट के माध्यम से देश भर में सर्वे कराता है। उसके बाद राज्य और जिला स्तर पर रिपोर्ट ओपन की जाती है। साल 2021 के बाद साल 2023 देश भर में सर्वे किया गया था। उसकी रिपोर्ट हाल में पब्लिश की गई है। उस रिपोर्ट के अनुसार ग्वालियर-चंबल संभाग के जिलो में हरियाली की सच्चाई सामने आई है।

इसमें सामने आया है कि भिंड जो एक समय तक डकैत क्षेत्र माना जाता था, वहां भी लोगों में हरियाली के प्रति लगाव बढ़ा है। इस कारण भिंड में सबसे ज्यादा हरियाली बढ़ी है।

नोट: आंकड़े इंडियन फॉरेस्ट रिपोर्ट के मुताबकि वर्ग किलोमीटर में हैं…

हरियाली का आवरण कम-ज्यादा होने के यह हैं प्रमुख कारण

ज्यादा होने का कारण : वन विभाग द्वारा पिछले सालों में रेंजों में पौधरोपण कराया गया। उनकी देखरेख के कारण ये पेड़ बन गए।

कम होने का कारण: जंगल में अतिक्रमण करने के लिए पेड़ों की कटाई निरंतर होना। पौधरोपण करने के बाद इनको सुरक्षित नहीं कर पाना है।

जिला स्तर पर समीक्षा होगी प्रदेश में डेंस्ट फॉरेस्ट बढ़ा ^श्योपुर सहित अन्य जिलों में जहां फॉरेस्ट कवर एरिया घटा है। यह चिंता की बात है। इसका कारण है कि श्योपुर में सबसे ज्यादा जंगल क्षेत्र है। इसलिए इस रिपोर्ट की जिला स्तर पर समीक्षा की जाएगी। इसके बाद ही वास्तविक कारण का पता चल सकेगा। रिपोर्ट में प्रदेश में डेंस्ट फॉरेस्ट 400 वर्ग किलोमीटर बढ़ा है। जो अच्छी बात है। ट्री आउट साइट फॉरेस्ट में काफी कमी आई है। ओवर ओल कवर लैंड 36 वर्ग किलोमीटर घटा है। -असीम श्रीवास्तव, प्रधान मुख्य वन संरक्षक भोपाल (वन विभाग)

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