हरियाणा में IPS पर यौन शोषण के आरोप … SIT ने DGP को सौंपी रिपोर्ट ?

हरियाणा में IPS पर यौन शोषण के आरोप …. जांच पूरी:SIT ने DGP को सौंपी रिपोर्ट, CM ने पुलिस अफसरों की मीटिंग बुलाई

हरियाणा में IPS ऑफिसर पर लगे यौन शोषण के मामले की जांच पूरी हो गई है। जांच की रिपोर्ट एसआईटी ने डीजीपी को सौंप दिया है। इसी बीच आज पंचकुला में मुख्यमंत्री नायब सैनी ने आइजी रैंक से ऊपर के अफसरों को पंचकुला तलब कर लिया है। मुख्यमंत्री अफसरों के साथ बैठक करेंगे, इसमें हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर भी मौजूद रहेंगे।

वहीं हरियाणा राज्य महिला आयोग की चेयरपर्सन रेणु भाटिया ने एसआईटी रिपोर्ट नहीं मिलने की बात कही है। चेयरपर्सन का कहना है कि रिपोर्ट उनको भी दी जानी चाहिए थी मगर महिला आयोग को रिपोर्ट अभी तक नहीं दी है।

रेणु भाटिया ने ही एसआईटी रिपोर्ट डीजीपी को सौंपे जाने की पुष्टि की है। वहीं इसी बीच आज सबकी नजरें पंचकुला में मुख्यमंत्री की पुलिस अफसरों के साथ होने वाली मीटिंग पर टिकी हैं। बता दें कि रेणु भाटिया इससे पहले बड़े पुलिस अधिकारियों पर आईपीएस को बचाने का दावा कर चुकी हैं। रेणु भाटिया अभी आईपीएस अधिकारी के खिलाफ एफआईआर नहीं दर्ज करने की बात भी कह चुकी हैं।

आज पंचकुला में पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे मुख्यमंत्री नायब सैनी।
आज पंचकुला में पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे मुख्यमंत्री नायब सैनी।

रेणु भाटिया ने कहा था, आइपीएस को बचाने की मंशा चल रही

4 दिसंबर को फरीदाबाद के सेक्टर 12 स्थित लघु सचिवालय में महिला आयोग की अध्यक्ष रेणू भाटिया ने कहा था कि महिला पुलिसकर्मियों के यौन शोषण मामले में पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर एक आईपीएस का पक्ष ले रहे हैं। उनका आरोप है कि आईपीएस अधिकारी के खिलाफ हुई एसआईटी जांच की रिपोर्ट महिला आयोग को नहीं सौंपी जा रही है।

रेणू भाटिया का कहना है कि डीजीपी शत्रुजीत कपूर अपने अधिकारी को बचाने में 8 महिला पुलिसकर्मियों की बलि न लें। महिला पुलिसकर्मियों के यौन शोषण मामले में पुलिस की लापरवाही साफ तौर से दिखाई दे रही है। उन्होंने कहा कि तथ्य होने के बाद भी आईपीएस का बचाव करते हुए रिपोर्ट दर्ज नहीं की जा रही। महिला पुलिस कर्मियों से बातचीत भी नहीं की गई। इससे पता चलता है कि अधिकारी को बचाने की मंशा है।

एडीजीपी ममता सिंह की अध्यक्षता में बनाई गई थी एसआईटी..

हिसार में बनी थी एसआइटी, एसपी का हो गया था तबादला

बता दें कि इस मामले में जींद के सिविल लाइन थाने में दो एफआईआर दर्ज हैं। एक यौन शोषण के आरोप में मामला दर्ज है। साथ ही, मुख्यमंत्री को लिखे पत्र को वायरल करने के आरोप में यू-ट्यूबर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पुलिस फरार यूट्यूबर को अभी तक गिरफ्तार नहीं कर पाई है।

पत्र के मामले की जांच हिसार आइजी रेंज के कहने पर हिसार एसआइटी कर रही थी। हिसार में एसपी रहे दीपक सहारण मामले की जांच कर रहे थे और उन्होंने जल्द ही यू ट्यूबर को पकड़ने का दावा भी किया था मगर कुछ दिनों में उनका तबादला हिसार से कर दिया गया था।

तीन स्तर पर हो रही थी जांच महिला पुलिसकर्मियों के यौन शोषण के आरोपों की अब 3 स्तर पर जांच की जा रही थी। महिला आयोग की टीम के साथ-साथ दो आईपीएस अधिकारी इस मामले की जांच कर रहे थे। फतेहाबाद की महिला आईपीएस अधिकारी आस्था मोदी और एडीजीपी ममता सिंह भी जांच कर रही थीं। इसके अलावा एसआईटी जांच भी की गई है। हिसार एसपी के नेतृत्व में एसआईटी जांच के लिए टीम बनाई गई थी।

महिला आयोग की चेयरपर्सन ने महिला पुलिस कर्मचारियों के बयान दर्ज किए थे।
महिला आयोग की चेयरपर्सन ने महिला पुलिस कर्मचारियों के बयान दर्ज किए थे।

2 महीने पहले सामने आया था मामला

26 अक्टूबर 2024 को हरियाणा में एक IPS ऑफिसर पर महिला पुलिसकर्मियों ने यौन शोषण के आरोप लगाए थे। महिला पुलिसकर्मियों ने इसको लेकर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी को चिट्‌ठी लिखी थी। यह चिट्ठी सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थी।

इस पर 7 महिला पुलिसकर्मियों के साइन भी थे। चिट्‌ठी में आरोप लगाया गया था कि IPS ऑफिसर ने एक महिला पुलिस अधिकारी से मिलकर शारीरिक संबंध बनाने के लिए दबाब बनाया और ऐसा नहीं करने पर वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (ACR) खराब करने की धमकी तक दी।

महिला पुलिसकर्मियों ने घटना के बारे में महिला DSP को भी बताया, लेकिन उन्होंने कहा कि आगे बढ़ना है तो यह सब करना पड़ेगा। CM को लिखे पत्र में महिला पुलिसकर्मियों ने कहा है कि अगर उनकी शिकायत पर गौर नहीं किया तो वह आत्महत्या के लिए मजबूर हो जाएंगी।

IPS अधिकारी ने कहा था- मैंने खुद जांच के लिए पत्र लिखा

वहीं अपने ऊपर लगे आरोपों पर IPS अधिकारी से बात की गई तो उनका कहना था कि चिट्‌ठी में जिसके नाम हैं, वह सभी कह रहे हैं कि यह हमारी ओर से नहीं लिखा गया है। इसके लिए मैंने फिर भी इन्क्वायरी के लिए रिक्वेस्ट की है।

इन्क्वायरी होने के बाद सारी चीजें सामने आ जाएंगी। DGP को मामले से अवगत करवा दिया गया है। जो महिला पुलिसकर्मी ACR खराब होने का जिक्र कर रही हैं, वह खुद इन चिट्‌ठी को लेकर मना कर रही हैं। जब तक यह लेटर वेरीफाई नहीं हो जाता, तब तक कुछ नहीं कहा जा सकता।

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हरियाणा के एक आईपीएस अधिकारी पर यौन शोषण के प्रयास के मामले में एसआईटी को जांच में अहम सुराग मिले हैं। एसआईटी ने तीन गवाहों के बयान दर्ज किए हैं जिनमें चिट्ठी पर फर्जी हस्ताक्षर करने वाले दो लोग शामिल हैं। जांच में सामने आया कि ईमेल एक निजी कंपनी के वाईफाई कनेक्शन से भेजी गई थी जो जींद के सुनील कपूर के नाम से रजिस्टर्ड है।

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IPS अफसर के यौन शोषण प्रयास प्रकरण में एसआइटी को जांच में कुछ अहम सुराग हाथ लगे
  1. एसआइटी ने तीन गवाहों के बयान किए दर्ज सुनील के नाम से मिला वाईफाई कनेक्शन
  2. आइपीएस पर यौन शोषण प्रयास प्रकरण में हिसार एसपी व एएसपी ने की प्रेसवार्ता
जागरण संवाददाता, हिसार। प्रदेश के एक आइपीएस अधिकारी के यौन शोषण प्रयास प्रकरण में एसआइटी को जांच में कुछ अहम सुराग हाथ लगे हैं। एसआइटी ने मामले में तीन गवाहों के बयान दर्ज किए है। इनमें चिट्ठी पर फर्जी हस्ताक्षर करने वाले दो लोगों सहित तीन के बयान लिए गए है।
एसआइटी की जांच में सामने आया कि जो ईमेल भेजी गई थी, वह ईमेल आइडी एक निजी कंपनी के वाईफाई कनेक्शन से बनाई गई थी। यह वाईफाई कनेक्शन जींद के सुनील कपूर के नाम से रजिस्टर्ड है। शुक्रवार दोपहर पुलिस लाइन में एसपी दीपक सहारण व एएसपी राजेश कुमार मोहन ने इस मामले में प्रेसवार्ता की।
उन्होंने बताया कि सुनील कपूर के नाम से रजिस्टर्ड वाईफाई कनेक्शन के जरिये ही उच्च अधिकारियों को ईमेल भेजी गई थी। सुनील को जांच में शामिल कर मामले की वास्तविकता का पता लगाया जाएगा। मामले में जींद के सिविल लाइन थाना में 28 अक्टूबर को केस दर्ज किया गया था।
केस हिसार में किया गया ट्रांसफर, SIT हुई गठित
केस को जांच के लिए हिसार में ट्रांसफर किया गया और एसआइटी गठित की गई थी। एसआइटी में एएसपी राजेश कुमार मोहन, इंस्पेक्टर निर्मला, सब इंस्पेक्टर ईश्वर, सब इंस्पेक्टर धर्मबीर, सब इंस्पेक्टर अमित व एएसआइ राजाराम शामिल है।
सुनील कपूर के नाम से रजिस्टर्ड वाईफाई कनेक्शन से उच्च अधिकारियों को भेजी गई थी ईमेल, अब वास्तविकता का पता लगाने को जांच में करेंगे शामिल।
सुनील कपूर पर पहले भी दो केस दर्ज
एसपी दीपक सहारण व राजेश कुमार मोहन ने बताया कि इस मामले में टेक्निकल एनालिसिस कर कुछ सबूत एकत्रित किए है। जांच में सामने आया कि सुनील कपूर पर जींद के सिविल लाइन थाना में वर्ष 2018 में 511, 506, 420, 406 आइपीसी व वर्ष 2022 में धारा 498 के तहत केस दर्ज है। इसके साथ ही किसी मामले में महिला शिकायतकर्ता व सुनील कपूर ने क्रॉस केस किए थे।
हालांक, यह कैंसिल हो गया था। यह केस सुनील कपूर दोबारा ओपन करवाना चाहता था, लेकिन महिला एसएचओ ने सबूतों के अभाव में इस ओपन नहीं किया था। इस मामले में एसएचओ को सस्पेंड करने के लिए भी शिकायत दी थी।
इसके साथ ही सुनील कुमार ने किसी अन्य व्यक्ति के सामने एसएचओ को देख लेने की धमकी दी थी। इस व्यक्ति के बयान भी लिए गए है। हालांकि इस व्यक्ति का नाम पुलिस ने उजागर नहीं किया है।
जींद सिविल लाइन थाना में एक महिला उप निरीक्षक ने केस दर्ज करवाया है। बताया कि एक इंटरनेट मीडिया चैनल पर जबरदस्ती वसूली व बदनाम करने की नीयत से उच्च अधिकारी पर महिला पुलिसकर्मियों के साथ अभद्र व्यवहार व यौन शोषण की शिकायत से संबंधित झूठी पोस्ट की है। पुलिस ने 308, 356, 61, 79 धाराओं में केस दर्ज किया था।

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