जबलपुर नगर निगम में कचरा परिवहन घोटाला !

जबलपुर नगर निगम में कचरा परिवहन घोटाला:स्वास्थ्य अधिकारी-सहायक स्वास्थ्य अधिकारी सहित 3 के खिलाफ EOW ने दर्ज की FIR
ब्लेक शर्ट में विनोद श्रीवास्तव और ब्राउन शर्ट में अनिल जैन जिन्होंने घोटाला किया था। - Dainik Bhaskar
ब्लेक शर्ट में विनोद श्रीवास्तव और ब्राउन शर्ट में अनिल जैन जिन्होंने घोटाला किया था।

जबलपुर नगर निगम में कचरा घोटाला सामने आया है। मामला 2014 का है जब तत्कालीन स्वास्थ्य अधिकारी और सहायक स्वास्थ्य अधिकारी ने नेताजी सुभाषचंद्र बोस, सफाई कामगार सहकारी समिति के अध्यक्ष के साथ मिलकर लाखों रुपए का हेरफेर कर ड़ाला। 11 साल बाद जांच के दौरान आर्थिक अन्वेषण ब्यूरो की टीम ने तीनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।

नगर निगम के इन अधिकारियों ने फर्जी नोटशीट बनाकर ठेकेदार को लाखों रुपए का भुगतान कर दिया था। तत्कालीन मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक ने मामले की लिखित में शिकायत कमिश्नर को दी थी, जिसके बाद स्वास्थ अधिकारी को पद से हटा दिया था, जबकि सहायक स्वास्थ्य अधिकारी को निलंबित कर दिया गया था।

तत्कालीन सीएसआई ने की थी शिकायत

जबलपुर नगर निगम के संभाग क्रमांक 8 भान तलैया में पदस्थ सीएसआई केके दुबे ने आरपी गुप्ता से चार्ज लेने के बाद जब जांच की तो पता चला कि कर्मचारी सफाई के काम में कम लगाए थे, इतना ही नहीं वरिष्ठ अधिकारियों को अधूरी जानकारी दी जा रही थी। तत्कालीन सीएसआई ने 6 लाख 4 हजार रुपए का बिल बनाकर नोटशीट संभाग कार्यालय में भेज दी।

तत्कालीन स्वास्थ्य अधिकारी विनोद श्रीवास्तव और सहायक स्वास्थ्य अधिकारी अनिल जैन ने हेमंत करसा, अध्यक्ष, नेताजी सुभाषचंद्र बोस ,सफाई कामगार सहकारी समिति के साथ मिलकर कूटरचित दस्तावेज तैयार करके 13 लाख 17 हजार याने की करीब 8 लाख 20 हजार रुपए का अतिरिक्त भुगतान ठेकेदार को कर दिया।

बताया जा रहा है कि उस समय पुष्पेंद्र यादव ठेकेदार था,जिसे कि भुगतान किया गया था। सीएसआई केके दुबे के संज्ञान में जब यह कचरा घोटाला सामने आया तो उन्होंने तक्कालीन कमिश्नर वेदप्रकाश से इसकी लिखित में शिकायत की।

ब्लैक शर्ट में स्वास्थ्य अधिकारी विनोद श्रीवास्तव और ब्राउन शर्ट में अनिल जैन जिनके खिलाफ ईओडब्ल्यू ने एफआईआर दर्ज की है।
ब्लैक शर्ट में स्वास्थ्य अधिकारी विनोद श्रीवास्तव और ब्राउन शर्ट में अनिल जैन जिनके खिलाफ ईओडब्ल्यू ने एफआईआर दर्ज की है।

स्वास्थ्य अधिकारी को हटाया

सीएसआई केके दुबे की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए नगर निगम कमिश्रर ने विनोद श्रीवास्तव को स्वास्थ्य अधिकारी के पद से हटाकर स्थापना शाखा में प्रधान लिपिक के पद पर पदस्थ कर दिया तो वहीं सहायक स्वास्थ्य अधिकारी अनिल जैन को सस्पेंड कर दिया। जून 2023 में अनिल जैन का रिटायरमेंट हो गया,जबकि इसके पहले विनोद श्रीवास्तव सेवानिवृत हो गए थे। सीएसआई ने कचरा घोटाले की शिकायत 2018 में ईओडब्ल्यू भोपाल और लोकायुक्त भोपाल कार्यालय में की, जिसके बाद जांच शुरू की गई।

EOW ने एफआईआर दर्ज की

जबलपुर नगर निगम में 2014 में हुए कचरा घोटाले की जांच की और अखिरकार 16 मार्च 2025 को तत्कालीन स्वास्थ्य अधिकारी विनोद श्रीवास्तव, सहायक स्वास्थ्य अधिकारी अनिल जैन, हेमंत करसा, अध्यक्ष, नेताजी सुभाषचंद्र बोस ,सफाई कामगार सहकारी समिति के खिलाफ धारा 420, 467, 468, 471, 120 बी एवं धारा 7 के तहत भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988( संशोधित अधिनियम) 2018 का अपराध पंजीबद्ध किया है। मामले में अब जल्द ही ईओडब्ल्यू गिरफ्तारी करेगी।

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MP NEWS – पीडब्ल्यूडी और आरईएस के 42 अधिकारी, ठेकेदार और कर्मचारियों के खिलाफ FIR

भोपाल
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मध्यप्रदेश शासन के लोक निर्माण विभाग और ग्रामीण यांत्रिकी विभाग के अधिकारी, कर्मचारी और ठेकेदार मिलाकर कुल 42 लोगों के खिलाफ आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ द्वारा मामला दर्ज किया गया है। प्राथमिक जांच में सभी को बड़वानी जिले में संचालित सभी आंगनबाड़ी केंद्र के रिनोवेशन में भ्रष्टाचार का दोषी पाया गया है।

बड़वानी आंगनबाड़ी केंद्र रिनोवेशन और रिपेयरिंग घोटाला

EOW INDORE के डीएसपी पवन सिंघल ने बताया कि लोक निर्माण विभाग और ग्रामीण यांत्रिकी विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों के साथ ठेकादरों सहित 42 पर भ्रष्टाचार एक्ट, धोखाधड़ी, गबन व कूटरचना की धाराओं में केस हुआ है। संचालनालय एकीकृत बाल विकास सेवा द्वारा बड़वानी जिले को IDCA मिशन तहत 2013-14 में आंगनबाड़ी भवनों के निर्माण काम के लिए 4.56 करोड़ रुपए मंजूर हुए। साथ ही अन्य 105 शासकीय भवनों के लिए भी 39 लाख से ज्यादा राशि मंजूर हुई थी, लेकिन इस काम को करने और करवाने के लिए जितने भी लोग (अधिकारी, कर्मचारी और ठेकेदार) नियुक्त किए गए थे सभी ने मिलकर सरकारी धन आपस में बांट लिया और दस्तावेजों की कूट रचना करके, यह साबित करने का प्रयास किया कि नियमानुसार रिनोवेशन और रिपेयरिंग का काम पूरा हो गया है। जब इस मामले की शिकायत हुई और फिजिकल वेरिफिकेशन करवाया गया तो पता चला कि, वर्क आर्डर तो जारी हुए थे परंतु भावनाओं पर काम करने के लिए कोई ठेकेदार नहीं आया। जबकि डॉक्यूमेंट में ठेकेदार द्वारा काम करना और अधिकारियों द्वारा जांच करना, क्वालिटी कंट्रोल इत्यादि सब कुछ सही पाया गया।

अधिकारी कर्मचारी और ठेकेदार जिनके खिलाफ EOW में FIR दर्ज हुई

लोक निर्माण विभाग 
    • कार्यपालन यंत्री एके टूटेजा,
    • कार्यपालन यांत्रिक जीपी पटेल,
    • अनुविभागीय अधिकारी विजयसिंह पंवार,
    • उपयंत्री बीबी खरे,
  • आरके बंदूके,
  • सिमाब कुरैशी,
  • अनिल मंडलोई,
  • दिनेशचंद्र गंगराड़े,
  • वरिष्ठ लेखा लिपिक मालसिंह चौहान,
  • तकनीकी शाखा प्रभारी जामसिंह चौहान,
  • अंकेक्षक जितेंद्र पटेल,
  • अंकेक्षक दीपक अग्रवाल,
ग्रामीण यांत्रिकी विभाग 
    • कार्यपालन यंत्री एसएस डाबर,
    • कार्यपालन यंत्री केपी भालसे,
    • सहायक यंत्री प्रभारी कार्यपालन यंत्री सुनील बोदड़े,
    • सहायक यंत्री सोमदत्त वर्मा,
    • अनुविभागीय अधिकारी अमर सिंह सिसोदिया,
    • अनुविभागीय अधिकारी सुनील खानबिलकर,
    • उपयंत्री ग्रामीण यांत्रिकी तिलक अलावा,
    • उपयंत्री ग्रामीण यांत्रिकी अनिल मंडलोई,
    • उपयंत्री सुनील मंडलोई,
    • उपयंत्री रेमसिंह परमार,
    • उपयंत्री सतीश राणे,
    • सहायक ग्रेड टू कासीराम संवेदी,
    • मानत्रिकार एसके बहेलिया,
    • सहायक मानचित्रकार तुलसीराम लारिया,
  • सहायाक मानचित्रकार राधेशयाम बडोले,
  • सहायक ग्रेड 3 कमल कुमार,
  • डाटा एंट्री योगेश चुतवेर्दी,
  • जिला कार्यक्रम अधिकारी रत्ना शर्मा,
ठेकेदार 
    • मेसर्स कर्नल कंस्ट्रक्श्न के कर्नल शेख,
  • अशोक शर्णा,
  • प्रवीण सिसोदिया,
  • जितेंद्र जमरे,
  • शरद सिंह,
  • राहुल सगर,
  • नवल सिंह किराडे व अन्य

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