RGPV के पूर्व कुलपति, रजिस्ट्रार और फाइनेंस कंट्रोलर भगोड़े घोषित:3-3 हजार का इनाम

RGPV के पूर्व कुलपति, रजिस्ट्रार और फाइनेंस कंट्रोलर भगोड़े घोषित:3-3 हजार का इनाम; प्रो. सुनील कुमार को नहीं मिली जमानत

राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (RGPV) के पूर्व कुलपति प्रो. सुनील कुमार, तत्कालीन रजिस्ट्रार आरएस राजपूत और रिटायर्ड फाइनेंस कंट्रोलर ऋषिकेश वर्मा को भोपाल पुलिस ने भगोड़ा घोषित किया है। तीनों पर 3-3 हजार रुपए का इनाम भी घोषित किया है।

इन पर यूनिवर्सिटी के सरकारी खाते से 19.48 करोड़ रुपए प्राइवेट अकाउंट में ट्रांसफर करने का आरोप है। प्रो. सुनील कुमार, आरएस राजपूत, ऋषिकेश वर्मा, कुमार मयंक और दलित संघ सोहागपुर के खिलाफ एक महीने पहले भोपाल के गांधी नगर थाने में FIR दर्ज की गई थी।

तभी से यूनिवर्सिटी के प्रो. सुनील कुमार, आरएस राजपूत, ऋषिकेश वर्मा फरार चल रहे हैं। जबकि कुमार मयंक को SIT ने अहमदाबाद से गिरफ्तार किया जा चुका है।

पूर्व कुलपति की अग्रिम जमानत याचिका खारिज

इधर, RGPV के पूर्व कुलपति प्रो. सुनील कुमार की अग्रिम जमानत याचिका को सुनवाई के बाद भोपाल कोर्ट ने खारिज कर दी। उन्होंने कोर्ट में 1 अप्रैल को अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की थी। इस पर 2 अप्रैल को सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।

3 अप्रैल बुधवार को भोपाल कोर्ट ने अग्रिम जमानत याचिका पर पूर्व कुलपति की ओर से दी गई दलीलों को खारिज करते हुए जमानत आवेदन को निरस्त कर दिया। उल्लेखनीय है इससे पहले आरएस राजपूत की अग्रिम जमानत याचिका कोर्ट ने 12 मार्च को सुनवाई के बाद खारिज कर दी थी।

RGPV के पूर्व कुलपति प्रो. सुनील कुमार की अग्रिम जमानत याचिका बुधवार को खारिज कर दी गई।
RGPV के पूर्व कुलपति प्रो. सुनील कुमार की अग्रिम जमानत याचिका बुधवार को खारिज कर दी गई।

RGPV में ₹19.48 करोड़ के घोटाले की जांच रिपोर्ट

राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (RGPV) के अकाउंट से 19.48 करोड़ रुपए ट्रांसफर करने नोटशीट में गलत तथ्यों को लिखा गया था। दलित संघ सोहागपुर और कुमार मयंक के प्राइवेट अकाउंट को नोटशीट में RGPV का अकाउंट बताया गया था। इसकी नोटशीट यूनिवर्सिटी के तत्कालीन रजिस्ट्रार आरएस राजपूत ने तैयार कराई थी। यह खुलासा यूनिवर्सिटी में हुए 19.48 करोड़ रुपए की गड़बड़ी मामले की जांच रिपोर्ट में हुआ है।

जांच रिपोर्ट के मुताबिक यूनिवर्सिटी के तत्कालीन रजिस्ट्रार प्रो. आरएस राजपूत और फायनेंस कंट्रोलर ऋषिकेश वर्मा ने 1.99 करोड़ और 8.01 करोड़ रुपए के दो अलग-अलग चेक वित्त शाखा से बनवाए थे। यह चेक यूनिवर्सिटी की फायनेंस कंट्रोलर ऋषिकेश वर्मा ने फायनेंस शाखा के क्लर्क संजय कद्रे से बनवाए थे। दोनों चेक पर रजिस्ट्रार राजपूत और फाइनेंस कंट्रोलर वर्मा ने साइन किए थे।

साथ ही प्राइवेट खाते में 1.99 करोड़ और 8.01 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए जाने के चेक और नोटशीट रजिस्ट्रार राजपूत और वर्मा ने अपने पास रख लिए थे। इसके लिए रजिस्ट्रार राजपूत ने कुमार मयंक के एक्सिस बैंक भोपाल के अकाउंट को नोट शीट में यूनिवर्सिटी अकाउंट लिखवाया था। जिससे वित्तीय गड़बड़ी को ऑडिट के दौरान ऑडिटर जांच कर पकड़ न सकें।

19.48 करोड़ रुपए निजी खाते में ट्रांसफर किए जाने के मामले में तत्कालीन पूर्व रजिस्ट्रार आरएस राजपूत आरोपी हैं।
19.48 करोड़ रुपए निजी खाते में ट्रांसफर किए जाने के मामले में तत्कालीन पूर्व रजिस्ट्रार आरएस राजपूत आरोपी हैं।

यूनिवर्सिटी रजिस्ट्रार ने कराई FIR

RGPV के अकाउंट से 19.48 करोड़ रुपए प्राइवेट अकाउंट में ट्रांसफर किए जाने के मामले में यूनिवर्सिटी के प्रभारी कुलपति प्रो. मोहन सेन ने गांधी नगर पुलिस थाना में FIR दर्ज कराई है। इसमें यूनिवर्सिटी के तत्कालीन रजिस्ट्रार आरएस राजपूत, रिटायर फायनेंस कंट्रोलर ऋषिकेष वर्मा, तत्कालीन कुलपति प्रो. सुनील कुमार, RBL बैंक के कर्मचारी कुमार मयंक और दलित संघ सोहागपुर पर गड़बड़ी का आरोप लगाया है।

पुलिस कर रही है कुमार मयंक से पूछताछ

यूनिवर्सिटी में 19.48 करोड़ रुपए की गड़बड़ी मामले में आरोपी बनाए गए बैंक के कर्मचारी कुमार मयंक को गांधी नगर पुलिस ने अहमदाबाद से गिरफ्तार कर लिया है। कुमार मयंक से पुलिस गड़बड़ी में शामिल दूसरे आरोपियों की भूमिका और सरकारी खाते से निजी खाते में ट्रांसफर हुए 19.48 करोड़ रुपए के उपयोग के बारे में सवाल-जवाब कर रही हैं। गांधी नगर पुलिस ने मयंक को तीन दिन की रिमांड पर लिया हुआ है।

7 मार्च को कुलपति ने इस्तीफा दिया, रजिस्ट्रार राजपूत निलंबित

RGPV में 19.48 करोड़ रुपए की गड़बड़ी मामले में गांधी नगर पुलिस थाना में एफआईआर दर्ज होने के बाद 7 मार्च को यूनिवर्सिटी कुलपति प्रो. सुनील कुमार ने पद से इस्तीफा दे दिया है। जबकि गड़बड़ी के मास्टर माइंड बताए जा रहे यूनिवर्सिटी रजिस्ट्रार आरएस राजपूत को तकनीकी शिक्षा विभाग ने निलंबित कर दिया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *