आपराधिक मामला दर्ज हुआ हो तब भी मिल सकती है सरकारी नौकरी, ये है प्रक्रिया
आपराधिक मामला दर्ज हुआ हो तब भी मिल सकती है सरकारी नौकरी, ये है प्रक्रिया
ऐसे व्यक्ति जिन पर विशेष परिस्थितियों में आपराधिक मामला दर्ज हुआ है, उसे ध्यान में रखते हुए उसे सरकारी नौकरी दी जा सकती है।
राधिक प्रकरण दर्ज होने पर भी मिल सकती है सरकारी नौकरी
- आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं तो घबराए नहीं
- विशेष परिस्थिति में मिलेगी सरकारी नौकरी
- बरी होने पर भी मिलेगी नौकरी
ग्वालियर। अक्सर देखा जाता है कि लोग आपसी रंजिश के चलते परेशान करने या बदला लेने की नियत से झूठे मुकदमे में फंसा देते हैं, ऐसे में लोगों की न सिर्फ आर्थिक परेशानी बढ़ती है बल्कि मानसिक कष्ट भी बढ़ जाता है। वहीं लोगाें का सोचना यह भी होता है कि झूठा मुकदमा दर्ज होने से भविष्य में सरकारी नौकरी करने योग्य नहीं रहेंगे। लेकिन क्या वास्तविकता में ऐसा होता है? इन सभी सवालों के जवाब इस आलेख में पढ़िए
हाईकोर्ट के अधिवक्ता प्रभात शर्मा ने बताया कि कुछ परिस्थितियों में अपराध की प्रकृति के आधार को ध्यान में रखते हुए व्यक्ति को नौकरी दी जा सकती है। प्रभात बताते हैं कि ऐसे व्यक्तियों जिनके खिलाफ कम उम्र में कोई आपराधिक मुकदमा दर्ज हुआ हो उनको विशेष स्थितियों में सरकारी नौकरी दी जा सकती है।
बन सकते हैं सरकारी नौकरी के पात्र
प्रभात बताते हैं कि फोर्स से जुडे हुए विभागों जैसे पुलिस या अर्धसैनिक बल या अन्य कोई ऐसा विभाग हो वो इस प्रकार के अभ्यर्थियों को मौका नहीं देते हैं या फिर नियुक्ति को निरस्त कर देते हैं । लेकिन सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश में कहा गया है कि किसी मामले में न्यायालय से बरी किया जा चुका आवेदक अपने ऊपर चले मामले की जानकारी फार्म में साझा करता है तो ऐसे में देखा जाए कि अपराध यदि नैतिक अद्योपतन की श्रेणी में नहीं है तो आवेदक को सरकारी नौकरी की पात्रता दी जा सकती है।
इस मामले में एक गंभीर सलाह देते हुए प्रभात बताते हैं कि ऐसी परिस्थिति में नियम प्रक्रिया कहती है कि परीक्षा में चुने जाने के बाद इस बात का सत्यापन किया जाता है कि व्यक्ति ने कोई अपराध तो नहीं किया है या फिर आवेदक का कोई आपराधिक रिकॉर्ड तो नहीं है , यदि ऐसा होता है तो सत्यापन के दौरान उसे इस बात की पूरी जानकारी देना होगी। जिसमें यदि कोई मामला था जिसमें आवेदक बरी हो चुका है तो उसकी भी पूरी जानकारी भरनी होगी। कई बार लोग इस प्रक्रिया से बचने के लिए जानकारी छिपाते हैं जो कि बेहद गलत है। वह बाद में पुलिस वेरिफिकेशन में पकडे जाते हैं। ऐसे में लोग फंसते भी है और मिली हुई नौकरी भी चली जाती है।