AI पढ़ेगा दिमाग, बताएगा क्लासरूम में कितना मन लगाकर पढ़ रहे बच्चे
AI पढ़ेगा दिमाग, बताएगा क्लासरूम में कितना मन लगाकर पढ़ रहे बच्चे
Artificial Intelligence : कल्पना कीजिए… क्लासरूम में बैठा हर विद्यार्थी पूरी रुचि के साथ पढ़ाई कर रहा हो और योगाभ्यास करने वाले हर व्यक्ति की मुद्रा बिल्कुल सही हो। यह सपना अब साकार होने जा रहा है। एसजीएसआइटीएस शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में एआइ की मदद से बड़े बदलाव लाने की तैयारी में है।
कई बार क्लास में लेक्चर के दौरान कुछ विद्यार्थी रुचि नहीं लेते हैं। इसका कारण विद्यार्थियों में ध्यान की कमी, शिक्षक की पढ़ाने की शैली एवं अन्य कारण हो सकते हैं, जिसके चलते उनके कांसेप्ट भी क्लियर नहीं हो पाते हैं। इस समस्या को हल करने के लिए एसजीएसआइटीएस(SGSITS) का आइटी विभाग ‘एआइ सिस्टम’(Artificial Intelligence) विकसित कर रहा है। यह सिस्टम कंप्यूटर विजन पर आधारित होगा। यह पता लगाएगा कि क्लास में बैठा विद्यार्थी कितनी ध्यान से शिक्षक को सुन रहा है। इस तकनीक का उद्देश्य शिक्षा को व्यक्तिगत और सटीक बनाना है, ताकि हर विद्यार्थी को समान अवसर मिल सके।
– यदि किसी विद्यार्थी की रुचि कम दिखेगी तो सिस्टम शिक्षकों को उनके पढ़ाने की शैली में सुधार करने के लिए सुझाव देगा।
– इससे विद्यार्थियों के सीखने की क्षमता बढ़ेगी और शिक्षकों को भी बेहतर बनाने में मदद करेगा।
– यदि मुद्रा गलत होगी तो तुरंत उसे सुधारने के लिए सुझाव देगा।
– इससे योगाभ्यास करने वालों को तो लाभ होगा ही, साथ ही यह प्रणाली स्वास्थ्य विशेषज्ञों के लिए भी मददगार साबित होगी।
– शिक्षकों की गुणवत्ता में सुधार होगा।
– योगाभ्यास करने वाले लोग सही मुद्राओं का अभ्यास कर पाएंगे।
ये टीम कर रही काम
– इंस्टीट्यूट इनोवेशन काउंसिल के चेयरमैन एवं संस्थान के डीन रिसर्च प्रो. ललित पुरोहित परियोजनाओं की रूपरेखा तैयार करने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।
– आइटी विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. सुनीता वर्मा परियोजनाओं के सुचारू कार्यान्वयन को सुनिश्चित कर रही हैं।
– असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. उपेंद्र सिंह एआइ के उपयोग को प्रभावी बनाने के लिए काम कर रहे हैं। डॉ. उपेंद्र सिंह का कहना है कि इस परियोजना का सबसे बड़ा उद्देश्य शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में एआइ के उपयोग को बढ़ावा देना है। यह पहल शैक्षणिक और स्वास्थ्य संस्थानों के लिए एक मॉडल के रूप में भी काम करेगी।