सिंगापुर में शिक्षा व्यवस्था को समझने के लिए भेजे गए प्राचार्यों के दल ने वहां की कौशल आधारित शिक्षा, राष्ट्रीय परीक्षा और रोजगार के मॉडल पर चर्चा की। सिंगापुर में शिक्षा के बाद सभी विद्यार्थियों को रोजगार मिलता है। दूसरा दल अभी वहां के दौरे पर है।
प्रदेश सरकार ने भेजा था अध्ययन दल, दूसरा दल अभी दौरे पर। Image by Meta AI
- सिंगापुर से लौटा प्राचार्यों का पहला दलष।
- सिंगापुर में कौशल की पढ़ाई अनिवार्य।
- पढ़ाई के बाद सभी को मिलता है रोजगार।
भोपाल। प्रदेश की स्कूली शिक्षा व्यवस्था सुधारने के लिए राज्य शासन की ओर से 120 अधिकारियों और प्राचार्यों के दल को सिंगापुर भेजा गया था। वहां स्कूली शिक्षा व्यवस्था के अध्ययन के लिए गया पहला दल लौट आया है।
सिंगापुर की शिक्षा प्रणाली में क्या है अलगसिंगापुर दौरे में शामिल प्राचार्यों ने अपने यहां और सिंगापुर की शिक्षा व्यवस्था में बुनियादी अंतर की जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि सिंगापुर में प्रत्येक विद्यार्थी के लिए किसी-न- किसी कौशल की पढ़ाई करना अनिवार्य है। कक्षा छठी के बाद ही तीन ग्रेड तय किए जाते हैं। कौशल आधारित पढ़ाई कराई जाती है।

12वीं के बाद नेशनल टेस्टिंग एग्जाम12वीं के बाद विद्यार्थी को एक नेशनल टेस्टिंग एग्जाम देना होता है। इसी के आधार पर विद्यार्थी की काउंसलिंग कर उन्हें आगे की फील्ड में जाने की सलाह दी जाती है। वहां विद्यार्थी के माता-पिता से ज्यादा सरकार जिम्मेदारी लेती है। वहां पढ़ाई के बाद सौ फीसद रोजगार मिलता है।
शिक्षकों के लिए अलग नीतिसिंगापुर में शिक्षकों की एक अलग नीति है। शिक्षकों को उनके प्रदर्शन के आधार पर पदोन्नति दी जाती है। एक स्कूल में प्राचार्य चार साल से ज्यादा नहीं रह सकता है। उसे रोटेशन में दूसरे स्कूल में भेजा जाता है। वहां प्राचार्य अपने स्कूल का प्लान खुद बनाकर देता है।
बच्चों का स्कूलों में सौ फीसद प्रवेश अनिवार्य है। बच्चे का स्कूल में प्रवेश नहीं कराने पर माता- पिता को समझाइश दी जाती है। कोई विद्यार्थी तीन दिन से ज्यादा अनुपस्थित रहता है तो उसकी भी निगरानी की जाती है।
दो दिन के प्रशिक्षण में स्कूल भ्रमण भी करायाजिन अधिकारियों-प्राचार्यों को सिंगापुर भेजा गया था उन्हें वहां दो दिन का प्रशिक्षण दिया गया। एक दिन वहां के स्कूलों का भ्रमण कराया गया। सिंगापुर की यात्रा के बाद अधिकारियों ने नई योजना बनाने की कवायद तेज कर दी है। अभी दूसरा दल सिंगापुर के दौरे पर है। सभी को अपनी-अपनी समीक्षा रिपोर्ट तैयार कर शासन के समक्ष प्रस्तुत करनी है।