दिल्ली चुनाव में मेनिफेस्टो वॉर… अब टॉप अप स्कीम्स की भरमार, किसकी बनेगी सरकार?

दिल्ली चुनाव में मेनिफेस्टो वॉर… अब टॉप अप स्कीम्स की भरमार, किसकी बनेगी सरकार?

दिल्ली चुनाव में राजनीतिक दल सीरीज में मेनिफेस्टो जारी कर रहे हैं. आम आदमी पार्टी ने आज मिडिल क्लास के हित में केंद्र से सात सवाल किए. एक दिन पहले ही बीजेपी ने अपने संकल्प पत्र का दूसरा भाग जारी किया था. बीजेपी संकल्प पत्र का तीसरा भाग भी जारी करने वाली है. कांग्रेस भी इस रेस में पीछे नहीं है.

दिल्ली चुनाव में मेनिफेस्टो वॉर... अब टॉप अप स्कीम्स की भरमार, किसकी बनेगी सरकार?

दिल्ली चुनाव में वादों का घमासान

दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच आर-पार की लड़ाई गहराती जा रही है. दोनों दलों की लड़ाई शराब घोटाले, भ्रष्टाचार, शीशमहल बनाम राजमहल पर जुबानी जंग, आरोप-प्रत्यारोप, कोर्ट, थाने और चुनाव आयोग में शिकायतें दर्ज कराने से कहीं आगे बढ़ गई है. दोनों ही दल बारी-बारी से मेनिफेस्टो के अंश जारी करके जनता को अपने-अपने पाले में लाने की जुगत में जुटी है. दिल्ली चुनाव में एक प्रकार से मेनिफेस्टो वॉर शुरू हो गया है. सीरीज में घोषणापत्र जारी किये जा रहे हैं. पार्टियां बारी-बारी से मेनिफेस्टो के हिस्सा जारी करके जनता के बीच अपनी-अपनी बढ़त बनाए रखना चाहती है. कांग्रेस भी इस रेस में पीछे नहीं है. कांग्रेस भी सत्ताधारी आप सरकार की योजनाओं पर सवाल उठाने के साथ-साथ मिडिल क्लास की राहत के लिए कई बड़े ऐलान किये हैं.

आज बुधवार को आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर अपना मेनिफेस्टो जारी किया है. इससे एक दिन पहले बीजेपी ने अपने संकल्प पत्र का दूसरा भाग जारी किया था और ताबड़तोड़ कई ऐलान किए थे. बुधवार के मेनिफेस्टो को अरविंद केजरीवाल ने मिडिल क्लास का घोषणा पत्र बताया है. उन्होंने दावा किया कि इतिहास में पहली बार एक पार्टी मिडिल क्लास के लिए मेनिफेस्टो जारी कर रही है. पूर्व सीएम ने मिडिल क्लास को देश का असली सुपर पावर बताया. उन्होंने कहा कि मिडिल क्लास समाज का पीड़ित तबका है, वह टैक्स के बोझ का मारा होता है, उसे हमेशा दबाया जाता है. उसे टैक्स में राहत मिलनी चाहिए.

आप का मिडिल क्लास पर फोकस क्यों?केंद्रीय बजट आने वाला है, उससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने यह कहकर केंद्र पर निशाना भी साधा कि मिडिल क्लास वर्ग सरकारों के लिए सिर्फ एटीएम बन कर रह गया है. केजरीवाल ने कहा कि मिडिल क्लास हमेशा नोट और वोट बैंक के जाल में फंसा रहता है. इसी के साथ उन्होंने केंद्र से 7 तरह की जो मांगें रखीं, वो इस प्रकार हैं- शिक्षा का बजट 2 फीसदी से बढ़ाकर 10 फीसदी किया जाए, उच्च शिक्षा के लिए सब्सिडी और स्कॉलरशिप दी जाए, हेल्थ का बजट भी 10 फीसदी किया जाए, हेल्थ इंश्योरेंस से टैक्स हटाया जाए, इनकम टैक्स की छूट की सीमा 7 लाख से बढ़ाकर 10 लाख किया जाए, जरूरी चीजों पर से GST खत्म किया जाए, सीनियर सीटिजन्स के लिए मजबूत रिटायरमेंट प्लान और पेंशन की योजना बने, देश के सभी सरकारी और प्राइवेट अस्पताल में उनका मुफ्त इलाज हो, इसके अलावा उन्होंने कहा कि रेलवे में बुजुर्गों को मिलने वाली छूट को फिर से लागू किया जाए.

दिल्ली में मिडिल क्लास सबसे बड़ा वोट बैंकराजधानी दिल्ली में मिडिल क्लास की आबादी सबसे अधिक है. और ये मिडिल क्लास का तबका ही दिल्ली में सबसे अधिक वोट देता है. लोकसभा का चुनाव हो या विधानसभा का चुनाव या भी एमसीडी का चुनाव- दिल्ली के हर चुनाव में तकरीबन 50 फीसदी के आस-पास ही वोट दर्ज होता है. दिल्ली के अमीर वर्ग के लोग अक्सर अपने-अपने बिजनेस में मशगूल रहते हैं. वे वोटिंग के समय या तो दिल्ली से बाहर रहते हैं या फिर वोट देने घर से कम ही निकलते हैं. ऐसे में मध्यवर्ग और निम्न मध्यवर्ग ही दिल्ली में सबसे ज्यादा वोट करते हैं. दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार आने पर जब से फ्री स्कीम्स लागू हुई हैं, तब से सभी राजनीतिक दलों ने दिल्ली के इस टर्न आउट के मिजाज को भली भांति समझ लिया है और अपने-अपने घोषणापत्रों में इस वर्ग को सबसे अधिक लुभाने की कोशिश की है.

आप ने जारी किए टॉप अप फ्री स्कीम्सइस बार के विधानसभा चुनाव में जैसे ही बीजेपी और कांग्रेस पार्टी ने भी फ्री स्कीम्स का ऐलान करना शुरू किया, अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी की सरकार सतर्क हो गई. अरविंद केजरीवाल ने औपचारिक घोषणा पत्र के जारी करने से पहले से ही कई टॉप अप स्कीम्स का ऐलान करना शुरू कर दिया, जिसमें महिला सम्मान योजना, संजीवनी योजना, मंदिरों-गुरुद्वारों के पुजारी-ग्रंथी सम्मान योजना और उसके बाद किराएदारों के लिए भी फ्री बिजली, पानी देने का वादा कर दिया.

बीजेपी का संकल्प पत्र 3 भागों में क्यों?अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के नेताओं के वादों की शृंखला की रणनीति को काटने के लिए बीजेपी ने भी नया तरीका निकाला और किस्तों में संकल्प पत्र जारी करना शुरू किया. आप-बीजेपी-कांग्रेस लगातार वादे करके माहौल को बनाए रखना चाहती है. 21 जनवरी मंगलवार को बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने संकल्प पत्र का दूसरा भाग जारी किया था. दूसरे संकल्प पत्र में बीजेपी ने मिडिल क्लास के लोगों और व्यापारियों के लिए कई लोकलुभावने वादे किये. अनुराग ठाकुर ने मिडिल क्लास के विद्यार्थियों के लिए वादा किया कि दिल्ली के सरकारी शिक्षा संस्थानों में केजी से पीजी तक सभी जरूरतमंदों को फ्री एजुकेशन दी जाएगी.

इससे पहले 17 जनवरी को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी संकल्प पत्र का पहला भाग जारी किया था. पहले संकल्प पत्र में जेपी नड्डा ने दिल्ली में आयुष्मान योजना भी लागू करने का वादा किया, साथ ही महिला समृद्धि योजना में 2500 रुपये देने के अलावा गरीबों को होली, दीवाली पर फ्री गैस सिलेंडर देने का वादा किया. जेपी नड्डा ने कहा था- बीजेपी अपने संकल्प पत्र का तीसरा भाग भी जारी करेगी. बीजेपी ने पहले भाग में महिलाओं, बुजुर्गों और झुग्गी झोपड़ियों में रहने वालों के लिए वादे किये थे जबकि तीसरे भाग में बीजेपी युवाओं की सहूलियतों के लिए वादों की झड़ी लगा सकती है.

वादों और हमले में कांग्रेस पीछे नहींदिल्ली में इस बार कांग्रेस पार्टी भी अपनी खोई जमीन तलाशने में लगी है. दिल्ली विधानसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन से कांग्रेस अलग होकर चुनाव लड़ रही है लिहाजा उसके निशाने पर अरविंद केजरीवाल, सीएम आतिशी और पूरी आम आदमी पार्टी है. कांग्रेस के पूर्व सांसद और दिवंगत पूर्व सीएम शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र से पार्टी के उम्मीदवार हैं और बीजेपी के परवेश वर्मा की तरह ही केजरीवाल पर लगातार हमलावर हैं. हालांकि संदीप दीक्षित कह चुके हैं कि दिल्ली में अरविंद केजरीवाल के वोट बैंक का आधार महज फ्री की योजनाएं हैं लेकिन कांग्रेस वोट हासिल करने के लिए खुद को फ्री स्कीम्स से अलग नहीं कर पा रही है.

बुधवार को उधर केजरीवाल ने जैसे ही मिडिल क्लास का मेनिफेस्टो जारी किया, थोड़ी देर के बाद ही कांग्रेस नेता अजय माकन सामने आए और आम आदमी पार्टी की सरकार पर घोटाले और भ्रष्टाचार को लेकर निशाना साधा. अजय माकन ने सवाल उठाया कि दिल्ली के सरकारी अस्पताल बनाने में बड़े पैमाने पर घोटाला हुआ है. उन्होंने इसकी जांच की भी मांग की.

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