परदेसियों ने दी 64 हजार करोड़ की ‘चोट’ ?

भारत में ऐसा कौन सा दिखा ‘खोट’, परदेसियों ने दी 64 हजार करोड़ की ‘चोट’

डिपॉजिटरी के आंकड़ों से पता चलता है कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने दिसंबर में 15,446 करोड़ रुपए का निवेश किया था. आंकड़ों के अनुसार एफपीआई ने इस महीने (24 जनवरी तक) अब तक भारतीय इक्विटी से 64,156 करोड़ रुपए के शेयर बेचे हैं.

भारत में ऐसा कौन सा दिखा 'खोट', परदेसियों ने दी 64 हजार करोड़ की 'चोट'
भारत के शेयर बाजार में ऐसा कौन सा ​खोट विदेशी निवेशकों को दिखाई देने लगा कि उन्होंने जनवरी के महीने में 64 हजार करोड़ रुपए निकाल लिए हैं. खास बात तो ये है कि बीते दो दशकों में से ज्यादा समय तक शेयर बाजार के इतिहास में किसी महीने के अंदर विदेशी निवेशकों की ओर से दूसरी सबसे बड़ी बिकवाली की गई है. अभी जनवरी का महीना खत्म नहीं हुआ है. इसमें अभी और गिरावट देखने को मिल सकती है.

सबसे बड़ी बिकवाली किसी एक महीने में विदेशी निवेशकों ने पिछले साल अक्टूबर में की थी. तब एफपीआई ने शेयर बाजार से 94 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा निकाल लिए थे. वहीं ये तीसरा ऐसा मौका है जब किसी एक महीने में एफपीआई ने शेयर बाजार से 60 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा निकाले हैं. मार्च 2020 में एफआईआई ने करीब 62 हजार करोड़ रुपए शेयर बाजार से निकाले थे. विदेशी निवेशकों की इस बि​कावाली की वजह से शेयर बाजार जनवरी के महीने में अब तक करीब 3 फीसदी टूट चुका है.

निकाल चुके हैं 64 हजार करोड़भारतीय इक्विटी बाजारों से एफपीआई की बेरुखी लगातार जारी है, और उन्होंने इस महीने अब तक 64,156 करोड़ रुपये निकाले हैं. रुपये में गिरावट, अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में इजाफा और कमजोर तिमाही नतीजों के चलते ऐसा हो रहा है. डिपॉजिटरी के आंकड़ों से पता चलता है कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने दिसंबर में 15,446 करोड़ रुपए का निवेश किया था. आंकड़ों के अनुसार एफपीआई ने इस महीने (24 जनवरी तक) अब तक भारतीय इक्विटी से 64,156 करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं. एफपीआई ने इस महीने दो जनवरी को छोड़कर सभी दिनों में बिकवाली की. अगर बात डेट मार्केट की करें तो जनवरी के महीने में विदेशी निवेशकों ने 4399 करोड़ रुपए की बिकवाली की है.

इतिहास की दूसरी सबसे बड़ी बिकवालीखास बात तो ये है कि जनवरी में विदेशी निवेशकों की बिकवाली शेयर बाजार के इतिहास की दूसरी सबसे बड़ी बिकवाली बनने जा रही है. जनवरी का महीना अभी खत्म नहीं हुआ है. विदेशी निवेशकों ने 64 हजार करोड़ रुपए पहले ही निकाल लिए है. अनुमान लगाया जा रहा है कि जनवरी का महीना खत्म होने तक विदेशी निवेशक शेयर बाजार से 70 हजार करोड़ रुपए निकाल चुके होंगे. किसी एक महीने में महीने में सबसे बड़ी बिकवाली अक्टूबर 2024 में देखने को मिली थी. तब विदेशी निवेशकों ने शेयर बाजार से 94,017 करोड़ रुपए से ज्यादा निकाल लिए थे.

वहीं बीते 5 साल में ये तीसारा ऐसा मौका है जब विदेशी निवेशकों शेयर बाजार से 60 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की बिकवाली की है. मार्च 2020 में निवेशकों ने 61,973 करोड़ रुपए की बिकवाली की थी. वहीं बीते 5 साल में चौथी बार किसी एक महीने में 50 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की बिकवाली देखने को मिली है. जून 2022 विदेशी निवेशकों ने शेयर बाजार से 50,203 करोड़ रुपए निकाले थे.

क्यों निकाल रहे हैं पैसामॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स इंडिया के ज्वाइंट डायरेक्टर – रिसर्च मैनेजर हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि भारतीय रुपये में लगातार गिरावट से विदेशी निवेशकों पर काफी दबाव है, जिससे वे भारतीय इक्विटी बाजारों से पैसा निकाल रहे हैं. उन्होंने कहा कि इसके अलावा हाल ही में हुई गिरावट, अपेक्षाकृत कमतर तिमाही नतीजों और व्यापक आर्थिक प्रतिकूलताओं के बावजूद भारतीय शेयर बाजारों का उच्च मूल्यांकन निवेशकों को सावधान कर रहा है. इसके अलावा, डोनाल्ड ट्रंप की अप्रत्याशित नीतियों ने भी निवेशकों को सावधानी से कदम उठाने के लिए प्रेरित किया है. ऐसे में निवेशक जोखिम भरे निवेश के रास्ते से दूर रहने के लिए मजबूर हैं.

कब तक रहेगी ये बिकवालीजियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने कहा कि डॉलर की लगातार मजबूती और अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल में वृद्धि एफआईआई की बिक्री को बढ़ावा देने वाले मुख्य कारक रहे हैं. जब तक डॉलर सूचकांक 108 से ऊपर रहेगा और 10 साल के अमेरिकी बॉन्ड का यील्ड 4.5 प्रतिशत से ऊपर रहेगा, तब तक बिक्री जारी रहने का अनुमान है. वित्तीय क्षेत्र को खासतौर से एफपीआई की बिकवाली का नुकसान उठाना पड़ रहा है. दूसरी ओर, आईटी क्षेत्र में कुछ खरीदारी देखी गई.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *