महाकुंभ पहुंचे सांसद प्रतिनिधि का टूटा धैर्य, बोले- तिहाड़ से बदतर है व्यवस्था
Farrukhabad News: कुंभ स्नान करने गए सांसद प्रतिनिधि ने सरकार की व्यवस्थाओं को कटघरे में खड़ा किया है। उन्होंने कहा कि महाकुंभ आने वाले जेल में बंद हैं।

सोशल मीडिया पर सांसद प्रतिनिधि का वीडियो हुआ वायरल
महाकुंभ मेले में हुई भगदड़ और लोगों को परेशानी के बाद लोगों का गुस्सा जुबां पर आ गया। फर्रुखाबाद के सांसद प्रतिनिधि ने मेला क्षेत्र में कोई व्यवस्था न होने और, सुविधाएं तिहाड़ जेल से ज्यादा बदहर होने की बात कह डाली। उनका यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
सांसद मुकेश राजपूत के प्रतिनिधि अनूप मिश्रा मौनी अमावस्या का स्नान करने के लिए प्रयागराज महाकुंभ में गए थे। रात में हुई भगदड़ और उसके बाद पुलिस व मेला प्रशासन की सख्ती से त्रस्त सांसद प्रतिनिधि का धैर्य जबाव दे गया। उन्होंने व्यवस्था पर कई सवाल खड़े कर डाले।
जेल में कैद होकर रह गए हैं लोग
उन्होंने सोशल मीडिया पर लाइव करते हुए वहां की स्थिति को दिखाया। कहा कि यहां की स्थिति तिहाड़ जेल से बदतर है। गंगा में डुबकी लगाने आए लोग जेल में कैद होकर रह गए हैं। केंद्र और प्रदेश सरकार को भी कटघरे में खड़ा किया।
खाने-पीने का कोई इंतजाम नहीं है
सांसद प्रतिनिधि ने कहा कि मेले में आने के लिए न तो ट्रेनें हैं, जो ट्रेने चल भी रहीं हैं। वह 14 घंटे देरी से चल रही है। न रेल की व्यवस्था है और न ही खाने-पीने का कोई इंतजाम हैं। वह भाजपा के सिपाही हैं। मोदी और योगी की सेवा करना चाहते हैं।
सांसद प्रतिनिधि ने कहा कि मेले में आने के लिए न तो ट्रेनें हैं, जो ट्रेने चल भी रहीं हैं। वह 14 घंटे देरी से चल रही है। न रेल की व्यवस्था है और न ही खाने-पीने का कोई इंतजाम हैं। वह भाजपा के सिपाही हैं। मोदी और योगी की सेवा करना चाहते हैं।
पुलिस जाने नहीं दे रही है
लेकिन यह तभी मुमकिन होगा जब वह जीवित रहेंगे। सुबह 6.30 बजे से शाम होने तक वह पानी के लिए तरस रहे हैं। कोई इंतजाम नहीं है। मेले के बाहर खाने-पीने की दुकानें हैं, लेकिन पुलिस वहां जाने नहीं दे रही है। मेला परिसर में मौजूद लोगों को खाने-पीने के लाले पड़े हुए हैं।
लेकिन यह तभी मुमकिन होगा जब वह जीवित रहेंगे। सुबह 6.30 बजे से शाम होने तक वह पानी के लिए तरस रहे हैं। कोई इंतजाम नहीं है। मेले के बाहर खाने-पीने की दुकानें हैं, लेकिन पुलिस वहां जाने नहीं दे रही है। मेला परिसर में मौजूद लोगों को खाने-पीने के लाले पड़े हुए हैं।