UP: सजा सुनते ही फूट-फूटकर रोए दोषी..एसपी को कार से घसीटा था, बोले थे- आज तेरा आखिरी दिन

UP: सजा सुनते ही फूट-फूटकर रोए दोषी… दया की भीख मांगी; एसपी को कार से घसीटा था, बोले थे- आज तेरा आखिरी दिन

बरेली में अपर सत्र न्यायाधीश ने एसपी ट्रैफिक कल्पना पर हमला करने के दोषी तीन सिपाहियों समेत चार को 10-10 साल की कैद की सजा सुनाई है। न्यायालय ने चारों दोषियों पर एक-एक लाख रुपये जुर्माना भी लगाया है। 
एसपी ट्रैफिक पर हमले के दोषियों को सुनाई गई 10-10 साल कैद की सजा

बरेली में अपर सत्र न्यायाधीश सुरेश कुमार गुप्ता की अदालत ने वर्ष 2010 में तत्कालीन एसपी ट्रैफिक कल्पना सक्सेना पर जानलेवा हमला करने वाले तीन सिपाहियों और एक बिचौलिये को 10-10 साल के कारावास की सजा सुनाई है। दोषियों पर एक-एक लाख रुपये जुर्माना भी लगाया है। 

सजा सुनाए जाने के बाद दोषी कोर्ट में ही फफककर रो पड़े। वर्तमान में आईपीएस कल्पना गाजियाबाद में अतिरिक्त पुलिस आयुक्त के पद पर तैनात हैं। घटना दो सितंबर 2010 को शाहजहांपुर रोड स्थित मजार के निकट कैंट थाना क्षेत्र में हुई थी। 

एसपी ट्रैफिक कल्पना सक्सेना ने बताया था कि ट्रैफिक कर्मियों द्वारा अवैध वसूली की सूचना पर वह घटनास्थल पर पहुंचीं तो वहां मौजूद सिपाही मनोज, रावेंद्र, रविंद्र और रविंद्र के भाई धर्मेंद्र ने कार चढ़ाकर उन्हें जान से मारने की कोशिश की। उनकी गर्दन पकड़कर 200 मीटर तक पीटते हुए घसीटा था। हमराह और चालक ने उनको बचाया था।

Four people including three constables convicted of attacking SP Traffic sentenced to 10 years imprisonment
सोमवार को दंड की पत्रावली पर सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने कहा कि यदि लोकसेवक अपने वरिष्ठ अधिकारी को जान से मारने की कोशिश कर रहा है तो वह जनता से कैसा व्यवहार करता होगा? पुलिसकर्मियों को ही देश के वरिष्ठ अधिकारियों व नेताओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी दी जाती है। यहां दोषियों ने व्यवस्था के विपरीत कृत्य किया है। न्यायालय ने कहा कि चारों दोषी कार को पीछे कर भाग सकते थे, लेकिन उन्होंने दिनदहाड़े वरिष्ठ अधिकारी पर कार चढ़ाकर जान से मारने की कोशिश की। ऐसे दोषियों को कठोर दंड दिया जाना चाहिए।
Four people including three constables convicted of attacking SP Traffic sentenced to 10 years imprisonment
दोषी रविंद्र रोता हुआ बोला- मैंने आपको खाटूश्याम के रूप में देखा है
न्यायालय में कड़ी सुरक्षा के बीच चारों दोषियों को पेश किया गया। न्यायाधीश के सामने पेश होने पर चारों दोषी रो-रोकर दया की भीख मांगते रहे। इनमें से एक दोषी न्यायाधीश से बोला कि मैंने आपको खाटूश्याम के रूप में देखा है। आपकी कृपा मुझ पर जरूर रहेगी। वहीं, न्यायालय कक्ष के बाहर दोषियों के परिजन भी आरोप लगाकर रोते रहे और हाईकोर्ट जाने की बात करते रहे। सोमवार को कोर्ट पहुंचे चारों दोषी न्यायालय पहुंचकर न्यायाधीश के समक्ष दया की भीख मांगने लगे। वहीं, उन्हें रोता देख परिजन भी रोने बिलखने लगे। इसकी वजह से न्यायालय के बाहर गमगीन माहौल हो गया। 
Four people including three constables convicted of attacking SP Traffic sentenced to 10 years imprisonment
भाई से वसूली करवाता था रविंद्र, एनकाउंटर में मारा गया था पिता  
दोषी सिपाहियों में शामिल रविंद्र और उसका भाई धर्मेंद्र उस दौर में अवैध वसूली के लिए बदनाम रहे। रविंद्र वर्दी की धौंस देकर ट्रक वालों को रुकवाता था। इसके बाद उसका भाई धर्मंद्र उनसे अवैध वसूली करता था। पुलिस सूत्रों के मुताबिक रविंद्र काफी समय से बरेली में तैनात था और नकटिया में किराये पर रहता था। उसने अपनी जैसी मानसिकता वाले यातायात पुलिसकर्मियों का गिरोह बना रखा था। 
Four people including three constables convicted of attacking SP Traffic sentenced to 10 years imprisonment

ये लोग अपनी ड्यूटी छोड़कर खास प्वॉइंट पर जाकर अवैध उगाही करते थे। वर्दी पहनकर ट्रकों से वसूली में दिक्कत होती थी। इसलिए रविंद्र ने अपने सगे भाई धर्मेंद्र को गांव से बुला लिया था। वह प्राइवेट व्यक्ति के रूप में वसूली करता था। घटना के दौरान यही दोनों भाई कल्पना सक्सेना के खिलाफ सबसे ज्यादा आक्रामक हुए थे। सूत्रों के मुताबिक रविंद्र का पिता हिस्ट्रीशीटर था। 80 के दशक में वह मुठभेड़ में मारा गया था। 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *