कोरोना के खिलाफ भारतीय रेलवे ने छेड़ी जंग, आइसोलेशन और क्वारंटाइन के लिए तैयार किए जा रहे 20 हजार कोच

नई दिल्ली: कोरोना वायरस ( Coronavirus) ने पूरी दुनिया में हड़कंप मचा रखा है. ऐसे में भारतीय रेलवे ने कोरोना के खिलाफ युद्ध का बिगुल फूंक दिया है. भारतीय रेलवे 20,000 कोचों को क्वारंटाइन और आइसोलेशन कोच में बदलेगी.

इस संबंध में सशस्त्र सेना, चिकित्सा सेवा, विभिन्न क्षेत्रीय रेलवे के चिकित्सा विभाग, आयुष्मान भारत, स्वास्थ्य मंत्रालय, भारत सरकार के साथ सलाह ली गई है. पांच जोनल रेलवे ने क्वारंटाइन और आइसोलेशन कोच के लिए पहले से ही प्रोटोटाइप तैयार कर लिया है.

रेलवे द्वारा तैयार किए जाने वाले 20,000 कोचों से आइसोलेशन के लिए 3.2 लाख बेड की जरूरत पूरी हो सकती है. 5 हजार कोचों पर काम पहले ही शुरू हो चुका है जिन्हें प्रारंभिक तौर पर क्वारंटाइन/आइसोलेशन में बदला जा सकता है. इन 5 हजार कोचों की क्षमता 80 हजार बेड की है. एक कोच में आइसोलेशन के लिए 16 बेड होने की संभावना है.

केवल नॉन एसी आईसीएफ स्लीपर कोचों को क्वारंटाइन और आइसोलेशन कोच में बदलने की योजना है. इसमें एक इंडियन स्टाइट टॉयलेट को बाथरूम में बदला जाएगा. जिसमें बाल्टी, मग और साबुन उपलब्ध होगा. बाशबेसिन की टोटी में लिफ्ट टाइप हैंडल होगा. इसके अलावा बाथरूप में टोटी को थोड़ा ऊंचाई पर लगाया जाएगा जिससे आराम से बाल्टी भरी जा सके.

मेडिकल डिपार्टमेंट के द्वारा 2 ऑक्सीजन सिलेंडर भी उपलब्ध करवाए जाएंगे. कोचों में मिडिल बर्थ हटा दी जाएगी. इसके अलावा अतिरिक्त बॉटल होल्डर लगाए जाएंगे जिससे मेडिकल सामग्री उसमें रखी जा सके. ये हर बर्थ के लिए 2 लगाए जाएंगे.

इसके अलावा कोचों में 2 कोट हुक्स, मच्छरों से बचने के लिए नेट भी उपलब्ध होगा. कोचों में वेंटिलेशन की भी सुविधा होगी. कोचों में 3 रंग के पैर से ऑपरेट होने वाले कूड़ादान भी होंगे. ये कूड़ादान लाल, नीले और पीले रंग के होंगे.  कोचों में लैपटॉप और मोबाइल चार्जिंग प्वाइंट सही से काम करें, इसका भी ध्यान रखा जाएगा.

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