नागपुर हिंसा का एक हफ्ता …किन बड़े नामों की गिरफ्तारी और कितनों पर गिरी गाज?
नागपुर हिंसा का एक हफ्ता: आरोपियों पर अब तक क्या कार्रवाई, किन बड़े नामों की गिरफ्तारी और कितनों पर गिरी गाज?

महाराष्ट्र में 14 फरवरी को फिल्म छावा के रिलीज होने के बाद से औरंगजेब को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई थीं। दरअसल, फिल्म में औरंगजेब और मुगल सेना की संभाजी महाराज के साथ की गई क्रूरता को दिखाया गया। फिल्म के दृश्य इतने चौंकाने वाले थे कि एकाएक देशभर में औरंगजेब को लेकर सर्च बढ़ गए।
इस बीच मामला राजनीतिक गलियारों में पहुंच गया। महाराष्ट्र से समाजवादी पार्टी के विधायक अबु आजमी ने औरंगजेब को लेकर विवादित बयान दे दिया। उन्होंने कहा, “औरंगजेब ने कई मंदिरों का निर्माण किया था… औरंगजेब क्रूर नहीं था। मैंने औरंगजेब के बारे में जितना अध्ययन किया है, उससे मुझे यह समझ में आया कि उसने कभी भी जनता का धन अपनी भलाई के लिए नहीं लिया। उसका साम्राज्य बर्मा (वर्तमान समय में म्यांमार) तक फैला हुआ था। उस समय भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता था। मुझे लगता है कि वह एक महान प्रशासक थे और उसकी सेना में कई हिंदू कमांडर थे।”
उनके इस बयान का चौतरफा विरोध हुआ। आजमी के खिलाफ मामले में केस भी दर्ज करा दिए गए। यह मामला महाराष्ट्र विधानसभा में उठा और महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा, “जिसने देशभक्त संभाजी को मारा, उस औरंगजेब को अच्छा शासक बताकर अबु आजमी ने बड़ा पाप किया है।” मामला इतना बढ़ा कि आजमी को माफी तक मांगनी पड़ गई। हालांकि, उन्हें बाद में विधानसभा से निलंबित कर दिया गया।

अबु आजमी के माफी के बावजूद विवाद नहीं थमा। मामला उत्तर प्रदेश की विधानसभा तक पहुंच गया, जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी को घेरा। दूसरी तरफ महाराष्ट्र में छत्रपति संभाजीनगर, नागपुर, मुंबई, आदि में भी हिंदू संगठनों ने प्रदर्शन शुरू कर दिए। इसी दौरान उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गोवा समेत कुछ और राज्यों में भी औरंगजेब के मसले पर विरोध प्रदर्शन हुए।
औरंगजेब की कब्र तक पहुंचा मामला, जबरदस्त प्रदर्शन हुए?
गीतकार मनोज मुंतशिर ने औरंगजेब विवाद के बीच एक वीडियो जारी करते हुए कहा कि मैं सरकार ने मांग करता हूं कि औरंगजेब की कब्र हटाने की क्या जरूरत है, उसके ऊपर शौचालय बनवा दो। महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नितेश राणे और सांसद नवनीत राणा ने भी औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग कर दी। वहीं, तेलंगाना में भाजपा विधायक टी. राजा सिंह ने औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग के साथ केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को चिट्ठी लिख दी। इसमें उन्होंने मुगल शासक की कब्र के रख-रखाव पर खर्च का ब्योरा मांग लिया।
कब्र हटाने की मांग ने लिया प्रदर्शन का रूप
15 मार्च को विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) और बजरंग दल ने औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग शुरू की। उनका तर्क था कि औरंगजेब हिंदू विरोधी था और उसकी कब्र को ऐतिहासिक धरोहर मानकर संरक्षित रखना अनुचित है। इस मांग को लेकर नागपुर, पुणे और संभाजीनगर में इन संगठनों ने बड़े प्रदर्शन किए। बजरंग दल ने कहा कि अगर सरकार कानून के जरिए इस काम को करने में नाकाम रहती है तो फिर वह कार सेवा करेंगे। वीएचपी और बजरंग दल ने कहा कि वह 17 मार्च को राज्य सरकार को ज्ञापन सौंपेगे, जिसमें कानूनी तरह से कब्र हटाने की मांग की जाएगी। अगर सरकार ऐसा नहीं करती तो बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन शुरू होंगे।

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, “रात 10.30 से 11.30 बजे के बीच भीड़ ने हमला बोल दिया, पथराव किया और वाहनों में आगजनी की। लोगों को पीटा। भीड़ ने अपने चेहरे ढके हुए थे और उन्होंने सबसे पहले सीसीटीवी कैमरों को निशाना बनाकर तोड़ा। उसके बाद से लोगों के घरों में घुसने की कोशिश करने लगे। पुलिस घटना के एक से डेढ़ घंटे बाद मौके पर पहुंची।”
नागपुर हिंसा को लेकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि ऐसा लगता है कि यह हिंसा सुनियोजित थी। विधानसभा में फडणवीस ने कहा कि ‘पुलिस पर हमले को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने प्रदर्शन किया, जिसके बाद अफवाह फैली कि धार्मिक सामग्री को जलाया गया। ऐसा लगता है कि यह सुनियोजित हिंसा थी, लेकिन किसी को भी कानून को अपने हाथ में लेने की इजाजत नहीं है।’ सीएम ने कहा कि ‘छावा फिल्म ने लोगों के औरंगजेब के खिलाफ गुस्से को भड़काया है, लेकिन सभी को राज्य में शांति बनाए रखनी चाहिए।’
फडणवीस ने बताया कि हिंसा में तीन उपायुक्त (डीसीपी) समेत 33 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, जबकि पांच नागरिक भी जख्मी हुए हैं। पुलिस ने पांच केस दर्ज कर 50 लोगों को गिरफ्तार किया है। इसके अलावा कर्फ्यू कोतवाली, गणेशपेठ, तहसील, लकड़गंज, पांचपावली, शांत नगर, सक्करदरा, नंदनवन, इमामबाड़ा, यशोधरा नगर और कपिल नगर पुलिस थानों के तहत आने वाले इलाकों में लगाया गया।
वहीं, इस मामले में विधान परिषद में जमकर हंगामा हुआ। डिप्टी सीएम शिंदे ने शिवसेना (यूबीटी) को घेरते हुए मुगल सम्राट औरंगजेब के महिमामंडन पर सवाल उठाया। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि औरंगजेब कौन है? हमें अपने राज्य में उनका महिमामंडन क्यों होने देना चाहिए? वह हमारे इतिहास पर एक धब्बा है।
सपा विधायक अबू आजमी ने लोगों से शांति की अपील की है। अबू आजमी ने कहा कि मुझे बहुत दुख है कि नागपुर में सभी लोग सद्भावना के साथ रह रहे थे। यहां पहले कभी सांप्रदायिक दंगे नहीं हुए, वहां इस बार इतनी बड़ी घटना हुई है। कई लोग घायल हुए हैं। मैं बस इतना कहना चाहता हूं कि किसी के उकसावे में न आएं। मैं सभी से शांति बनाए रखने और देश की प्रगति के लिए काम करने की अपील करता हूं।

यह भी सामने आया कि पुलिस ने नागपुर में विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और बजरंग दल के पदाधिकारियों के खिलाफ छत्रपति संभाजीनगर में मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर किए गए प्रदर्शन के दौरान धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की थी। इसके बाद दोनों संगठनों के आठ कार्यकर्ताओं ने कोतवाली पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया। पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया।
इस बीच नागपुर में हिंसा और औरंगजेब पर विवाद के लिए छावा फिल्म को जिम्मेदार ठहराने वालों पर कांग्रेस नेता तहसीन पूनावाला ने तंज कसा। उन्होंने कहा कि ‘नागपुर दंगों के लिए विक्की कौशल अभिनीत फिल्म ‘छावा’ को दोषी ठहराना बेहद निंदनीय है, जिसमें उन्होंने छत्रपति संभाजी महाराज का शानदार किरदार अदा किया है। कला – चाहे वह फिल्म हो, किताब हो या कोई और रचनात्मक अभिव्यक्ति- हिंसा भड़काने की ताकत नहीं रखती। यह समाज के लिए एक आईना मात्र है, माचिस नहीं।’
दूसरी तरफ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस ) के प्रवक्ता सुनील आंबेकर ने कहा कि मुगल बादशाह आज के समय में प्रासंगिक नहीं। उन्होंने जोर देकर कहा कि किसी भी तरह की हिंसा को हतोत्साहित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मामले में पुलिस अपना काम करेगी।
नागपुर में स्थिति सामान्य होती देख पुलिस ने कई इलाकों में कर्फ्यू में ढील दी है। साथ ही कुछ इलाकों से कर्फ्यू पूरी तरह से हटा दिया गया। प्रशासन ने बताया, नागपुर शहर के नंदनवन और कपिल नगर इलाकों से कर्फ्यू हटा लिया गया। वहीं, लकड़गंज, पचपावली, शांतिनगर, सक्करदरा, इमामवाड़ा और यशोधरानगर इलाकों में दोपहर 2 बजे से 4 बजे तक कर्फ्यू में ढील दी गई। हालांकि, अगले आदेश तक कोतवाली, गणेशपेठ और तहसील पुलिस थाना सीमा में कर्फ्यू पहले की तरह लागू रखा गया। मामले में 80 लोगों को हिरासत में लिया गया है, जिनमें से 11 नाबालिग हैं।
वहीं, पुलिस ने हिंसा के कथित मास्टरमाइंड फहीम खान सहित 6 आरोपियों के खिलाफ सोशल मीडिया पर गलत सूचना देकर अशांति फैलाने के आरोप में देशद्रोह का मामला दर्ज किया। पुलिस ने गलत जानकारी फैलाने वालों पर भी कार्रवाई की बात कही।
साइबर विभाग ने सांप्रदायिक अशांति भड़काने के उद्देश्य से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आपत्तिजनक सामग्री वाले 140 से अधिक पोस्ट और वीडियो की पहचान की है। साथ ही अफवाह फैलाने और हिंसा भड़काने के मामले में 34 सोशल मीडिया अकाउंट पर कार्रवाई की गई है। इसके अलावा विभाग ने फेसबुक, एक्स, इंस्टाग्राम और यूट्यूब अधिकारियों से उनके प्लेटफॉर्म पर 230 प्रोफाइल के बारे में जानकारी मांगी।

महाराष्ट्र में पुलिस ने शुक्रवार देर रात नागपुर हिंसा मामले में हामिद इंजीनियर को गिरफ्तार किया। हामिद माइनॉरिटीज डेमोक्रेटिक पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष है। हामिद पर हिंसा भड़काने का आरोप लगा।
इस बीच महाराष्ट्र के सीएम फडणवीस ने कहा कि हिंसा में बांग्लादेशी या कोई और विदेशी हाथ होने की बात कहना जल्दबाजी होगी। पुलिस अफसरों के साथ बैठक के बाद फडणवीस ने कहा कि हमने दंगाइयों की पहचान कर ली है। नुकसान की पूरी भरपाई उन्हीं से करवाई जाएगी। सीएम ने कहा कि हम सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट करने वालों को भी नहीं बख्शेंगे।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने रविवार को एक बार फिर औरंगजेब को लेकर छिड़ी बहस और नागपुर में हुई हिंसा के बाद मचे बवाल पर अपना रुख साफ किया। आरएसएस के महासचिव दत्तात्रेय होसबोले ने कहा कि आक्रमणकारी या आक्रांताओं जैसी मानसिकता वाले लोग भारत के लिए खतरा हैं। उन्होंने कहा कि क्या हम किसी ऐसे व्यक्ति को आइकॉन बनाएंगे जो भारत की संस्कृति के खिलाफ था, या हम उन लोगों के साथ जाएंगे जिन्होंने इस भूमि की परंपराओं के अनुसार काम किया?
वहीं, शिवसेना नेता संजय निरुपम ने दावा किया है कि नागपुर हिंसा के लिंक बांग्लादेश से जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि हिंसा सुनियोजित थी और एक बड़ी साजिश का हिस्सा थी। संजय निरुपम ने कहा कि नागपुर हिंसा में शामिल असामाजिक तत्वों का बांग्लादेश से जुड़ाव हो सकता है। उन्होंने दावा किया कि हिंसा के मामले में गिरफ्तार एक आरोपी सोशल मीडिया पर मुजाहिदीन गतिविधियों के लिए फंड जुटा रहा था। संजय निरुपम ने इसे लेकर शिवसेना यूबीटी पर निशाना साधा और संगठन से उसके जुड़ाव पर सवाल उठाए। संजय निरुपम ने कहा कि क्या शिवसेना यूबीटी मुजाहिदीन संगठन से जुड़ी है? क्या ठाकरे और संजय राउत उनका समर्थन करते हैं। निरुपम ने कहा कि ये महाराष्ट्र में बिल्कुल स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने कहा कि शिवसेना यूबीटी अब हिंदू विरोधी हो गई है।
नागपुर हिंसा के मुख्य आरोपी फहीम खान के घर के अवैध हिस्से को जमींदोज कर दिया गया। नगर निगम अधिकारियों ने सोमवार को इसे ध्वस्त कर दिया। सूत्रों के मुताबिक, कुछ दिन पहले नागपुर नगर निगम ने उसे नोटिस जारी किया था। इसमें कई खामियों और घर के लिए बिल्डिंग प्लान की मंजूरी न होने का हवाला दिया गया था। जानकारी के मुताबिक, घर यशोधरा नगर इलाके में संजय बाग कॉलोनी में स्थित है। घर फहीम खान की पत्नी के नाम पर पंजीकृत है। एमडीपी के शहर प्रमुख फिलहाल जेल में बंद हैं।